Avyakt Murli”18 जनवरी 1969( 03)

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Short Questions & Answers Are given below (लघु प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) (संदेश 03)

आज बाबा को मधुबन में आने के लिए निमन्त्रण देने के लिए गई – तो बापदादा के ईशारों से अनुभव हुआ कि आज बाबा का विचार नहीं है। इतने में ही बाबा बोले अच्छा बच्ची सभी बच्चों ने बुलाया है तो बापदादा बच्चों का सेवाधारी है। यह सुनकर संकल्प चला कि बाबा ने अभी-अभी ना की और अभी-अभी हाँ की क्यों? दिल के संकल्प को जानकर बाबा बोले – यह जानबूझ कर कर्म करके बाबा सिखला रहे हैं कि तुम बच्चों को भी एक दो की राय, एक दो के विचारों को रिगार्ड देना चाहिए। भल समझो कोई विचार देता है और तुमको नहीं जचता है तो भी उनके विचार को फौरन ठुकरा नहीं देना चाहिए। पहले तो उनको रिगार्ड दो कि हाँ, क्यों नहीं। बहुत अच्छा। जिससे उनके विचार का फोर्स कम हो जाऐं। तो फिर आप जो उन्हें समझायेंगे वह समझ सकेंगे। अगर सीधा ही उनको कट करेंगे तो दोनों फोर्स टक्कर खायेंगी और रिजल्ट में सफलता नहीं निकलेगी। इसलिए एक दो के विचार अर्थात् राय को पहले रिगार्ड देना आवश्यक है। इससे ही आपस में स्नेह और संगठन चलता रहेगा।

बाबा का स्नेह और संगठन का पाठ

प्रश्न और उत्तर:

प्रश्न 1: जब बच्चों ने बाबा को मधुबन आने का निमन्त्रण दिया, तो बाबा ने क्या अनुभव कराया?
उत्तर: बाबा ने पहले ना कहा और फिर तुरंत हाँ कर दी, जिससे एक विशेष सीख देने का उद्देश्य था।

प्रश्न 2: बाबा ने बच्चों को क्या सिखाने के लिए ऐसा व्यवहार किया?
उत्तर: बाबा ने सिखाया कि एक-दूसरे की राय को तुरंत ठुकराने के बजाय पहले उसे रिगार्ड देना चाहिए।

प्रश्न 3: राय को रिगार्ड देने का क्या महत्व है?
उत्तर: राय को रिगार्ड देने से विचार का फोर्स कम होता है, और सामने वाला आपकी बात को आसानी से समझ सकता है।

प्रश्न 4: अगर किसी की राय आपको उचित नहीं लगती, तो क्या करना चाहिए?
उत्तर: पहले उसकी राय को रिगार्ड दें और सकारात्मक प्रतिक्रिया दें, फिर अपनी बात समझाएं।

प्रश्न 5: सीधे राय को ठुकराने का क्या परिणाम हो सकता है?
उत्तर: सीधा ठुकराने से दोनों पक्षों का फोर्स टकरा सकता है, जिससे सफलता नहीं मिलेगी।

प्रश्न 6: आपसी स्नेह और संगठन बनाए रखने के लिए बाबा ने क्या सुझाव दिया?
उत्तर: बाबा ने सुझाव दिया कि सभी को एक-दूसरे की राय का सम्मान देना चाहिए और मिलकर विचार करना चाहिए।

प्रश्न 7: बाबा का यह पाठ क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह पाठ आपसी संबंधों में स्नेह, संगठन और सफलता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 8: बाबा ने अपनी सीख देने के लिए कौन सी विधि अपनाई?
उत्तर: बाबा ने जानबूझकर “ना” और “हाँ” का व्यवहार करके बच्चों को व्यवहारिक उदाहरण दिया।

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