Avyakt Murli”18 जनवरी 1969 (9)

Short Questions & Answers Are given below (लघु प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) (संदेश 09)

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आज जब वतन में गई तो बापदादा दोनों बहुत बिजी थे। क्या देखा – दोनों के आगे बहुत से फूल भी थे और पत्ते भी थे। जैसे गुलदस्ते में फूल भी डाले जाते और पत्ते भी डाले जाते। फूल दो तीन प्रकार के अलग-अलग थे, उनको देख रहे थे और छांट रहे थे। तो बाप-दादा दोनों उसी ही कार्य में बिजी थे। मुझे देखा भी नहीं। जब मैं नजदीक गई तो मुझे देख मुस्कराया – और कहा कि मैं सारा दिन बिजी रहता हूँ। देखो बच्ची कितनी बड़ी कारोबार चल रही है। यह फूल पत्ते तीन क्वालिटी के अलग-अलग करके रखे हैं। पहले बाबा ने मुझे फूल दिखाये जिनकी संख्या बहुत कम थी फिर बीच की क्वालिटी दिखाई जिसमें फूल बहुत थे लेकिन साथ में थोड़े पत्ते भी लगे थे। फूल अच्छे थे लेकिन जो पत्ते लगे हुए थे वह कुछ डिफेक्टेड थे। तीसरी क्वालिटी में फिर पत्ते जास्ती थे और फूल बहुत ही कम थे। इस पर बाबा ने मुझे समझाया कि यह पहली क्वालिटी जिसमें थोड़े फूल हैं – यह वह बच्चे हैं जो बिल्कुल दिल पर चढ़े हुए हैं और ऐसे दिल वाले अनन्य बच्चे बहुत ही थोड़े हैं। दूसरे नम्बर वाले बच्चे हैं बहुत अच्छे, परन्तु थोड़ा कुछ कमी है। फूल बने हैं लेकिन थोड़ी कमी है। बाकी तीसरी क्वालिटी के हैं प्रजा। उनमें कोई फूल निकलता है जो पीछे जाने वाला है। बाकी सब हैं प्रजा। तो दो ऊपर की क्वालिटी बच्चों की है। बापदादा अब गुलदस्ता सजाते हैं। जब गुलदस्ता सजाया जाता है तो सिर्फ फूल डालने से गुलदस्ता नहीं शोभता। उसमें कुछ पत्ते भी चाहिए। तुम फूल हो लेकिन तुम्हारे साथ पत्ते भी चाहिए। तुम राजा बनेंगे तो प्रजा भी चाहिए ना। तो प्रजा रूपी पत्तों के बीच में फूल शोभता है। तो यहाँ बैठे तुम बच्चों का गुलदस्ता बनाता हूँ। और देखता हूँ कि एक फूल ने कितनी प्रजा बनाई है। जिसने जास्ती प्रजा बनाई है उनका गुलदस्ता भी शोभता है। फिर बाबा ने एक प्रश्न पूछा- कि जब कोई देवता पर फूल चढ़ाते हैं तो सिर्फ फूल चढ़ाते पत्ते निकाल देते हैं क्यों? पत्ते तो फूल का शो होते हैं फिर पत्ते क्यों निकाल देते? फिर बाबा ने सुनाया कि तुम बच्चों से ही यह सारी रसम-रिवाज होती है। जब तुम पहले अर्पण हुए तो अकेले थे लेकिन फूल को अगर कुछ समय रखना हो तो पत्ते साथ में होंगे तो रख सकेंगे वैसे ही जब तुम पहले अर्पण हुए तो तुम अकेले फूल अर्पण हुए हो। फिर तुमको 21 जन्मों के लिए अविनाशी चलना है – तो प्रजा रूपी पत्ते भी लगाये जाते हैं। पहले तुम आये तो प्रजा नहीं थी लेकिन अब तो तुम फूलों की शोभा ही प्रजा रूपी पत्तों से है इसलिए बापदादा कहते हैं, प्रजा बनाओ।

Title: “बापदादा का गुलदस्ता और प्रजा की महत्ता”

Questions and Answers:

  1. प्रश्न: वतन में बापदादा के साथ क्या देखा?
    • उत्तर: बापदादा दोनों बहुत बिजी थे और उनके सामने बहुत से फूल और पत्ते थे, जिन्हें वे छांट रहे थे।
  2. प्रश्न: बापदादा ने फूलों और पत्तों के बारे में क्या समझाया?
    • उत्तर: बापदादा ने समझाया कि फूलों की तीन क्वालिटी होती हैं: पहले क्वालिटी के फूल दिल से जुड़े होते हैं, दूसरे में कुछ कमी होती है, और तीसरी क्वालिटी में फूल कम होते हैं और पत्ते ज्यादा होते हैं, जो प्रजा को दर्शाता है।
  3. प्रश्न: बापदादा ने फूलों और पत्तों के बीच का संबंध क्या बताया?
    • उत्तर: बापदादा ने बताया कि फूल अकेले नहीं शोभते, पत्ते भी जरूरी होते हैं। फूलों के साथ पत्ते होते हैं तो गुलदस्ता सुंदर बनता है, जैसे राजा के साथ प्रजा होती है।
  4. प्रश्न: बापदादा ने किस बारे में सवाल पूछा?
    • उत्तर: बापदादा ने पूछा कि जब देवता को फूल चढ़ाए जाते हैं, तो पत्ते क्यों निकाल दिए जाते हैं, जबकि पत्ते फूल का शो होते हैं?
  5. प्रश्न: बापदादा ने फूल और पत्तों का उदाहरण कैसे समझाया?
    • उत्तर: बापदादा ने कहा कि पहले तुम अकेले फूल अर्पण हुए थे, लेकिन अब तुम प्रजा रूपी पत्तों के साथ 21 जन्मों के लिए अविनाशी चलोगे। प्रजा ही फूलों की शोभा बढ़ाती है।
  6. प्रश्न: बापदादा ने बच्चों को क्या संदेश दिया?
    • उत्तर: बापदादा ने बच्चों से कहा कि वे प्रजा बनाएं, क्योंकि प्रजा के बिना फूलों की शोभा नहीं होती और प्रजा ही गुलदस्ते को पूरा करती है।

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