Pratyakshata-padam(136)The time of revelation is near, everyone’s position will be clear, king, subjects, servant

प्रत्यक्षता-पदम(136)प्रत्यक्षता का समय निकट है सबका पद स्पष्ट होगा राजा प्रजा सेवाधारी

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

प्रत्यक्षता का समय निकट है  

सबका पद स्पष्ट होगा राजा? प्रजा? सेवाधारी?

अब वह समय बहुत निकट है जब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजेगा। हर आत्मा के सामने उसका वास्तविक स्वरूप स्पष्ट होगा। कौन राजा बनेगा, कौन प्रजा बनेगा, कौन सेवाधारी बनेगासबका पद अब निश्चित होने वाला है। यह वही समय है जब हर आत्मा का भाग्य उद्घाटित होगा और यह आश्चर्यजनक सीन सभी के सामने प्रकट होगी।

 राजा,  प्रजा, सेवाधारी

अब होगा निर्णय

राजा बनने वाले वे आत्माएँ जो अब भी अपने संकल्पों को दृढ़ रख रही हैं, तपस्या और सेवा में अडोल हैं, वे विश्व-राज्य के अधिकारी बनेंगी।

प्रजा पद वाले जो थोड़ी बहुत मेहनत कर रहे हैं, लेकिन संकल्पों में उतार-चढ़ाव आ रहा है, वे प्रजा बनेंगे।

कम पद पाने वाले जो समय रहते जागरूक नहीं हो सके, वे पीछे रह जाएंगे।

सेवाधारी बनने वाले वे आत्माएँ जो सेवा में संलग्न हैं, लेकिन अपने अधिकार को धारण नहीं कर पा रहे, वे सेवाधारी रूप में रहेंगे।

अंतिम समय में दो तरह के दृश्य प्रकट होंगे

नवीन आत्माएँ तेजी से आगे बढ़ेंगी

  1. जो आत्माएँ अभी तक मौन थीं, वे अचानक दिव्यता के प्रकाश में आ जाएँगी।
  2. वे अपनी मेहनत और योगबल से आगे निकल जाएँगी।
  3. नए-नए आत्माएँ अचानक स्पीड पकड़ लेंगी और चमत्कारिक रूप से आगे बढ़ेंगी।

थकने वाले और रुकने वाले भी प्रसिद्ध होंगे

  1. जो आत्माएँ अपनी स्थिति में ठहर गई हैं, वे पहचान में आ जाएँगी।
  2. जो संकल्पों में कमजोर पड़ गए, वे स्वयं को रोक नहीं पाएँगे।
  3. उनकी थकान और रुकावट स्पष्ट रूप से दिखेगी।

अब अंतिम घड़ी का संकेत मिल रहा है

अब समय है कि हर आत्मा अपने पद को स्पष्ट करे।

  1. कौन सा स्थान चाहिए, इसकी जाँच स्वयं करनी होगी।
  2. अब भी समय हैसंकल्पों की शक्ति और सेवा की लगन से अपनी सीटनिश्चितकर सकतेहैं
  3. जो भी स्थिति है, उसे अब अंतिम रूप से तय करना होगा।

 समाप्ति संदेश

अब की गई मेहनत ही अंतिम परिणाम तय करेगी। यह समय संकल्पों की दृढ़ता और स्वयं को परमात्मा के अधिकार से भरपूर बनाने का है।                                                                                                                                                          जो अंत तक अडोल रहेंगे, वे ही राज्य के अधिकारी बनेंगे।

“अब होगा सबका प्रत्यक्षता | राजा, प्रजा, सेवाधारी कौन क्या बनेगा?”

प्रत्यक्षता का समय निकट है – प्रश्नोत्तर

1.प्रश्न प्रत्यक्षता के समय क्या होगा?

उत्तर: प्रत्यक्षता के समय हर आत्मा के वास्तविक स्वरूप का उद्घाटन होगा। कौन राजा बनेगा, कौन प्रजा बनेगा, और कौन सेवाधारी बनेगा, यह स्पष्ट हो जाएगा।

2.प्रश्न राजा बनने के लिए किन गुणों की आवश्यकता है?

उत्तर: राजा बनने के लिए आत्मा को अपने संकल्पों में दृढ़ रहना होगा, तपस्या और सेवा में अडोल रहना होगा और परमात्मा के अधिकार को धारण करना होगा।

3. प्रश्न प्रजा बनने वाली आत्माओं की विशेषताएँ क्या होंगी?

उत्तर: वे आत्माएँ जो थोड़ी बहुत मेहनत कर रही हैं, लेकिन संकल्पों में उतार-चढ़ाव आ रहा है, वे प्रजा पद में आएँगी।

4.प्रश्न सेवाधारी बनने वाले कौन होंगे?

उत्तर: वे आत्माएँ जो सेवा में संलग्न हैं, लेकिन अपने अधिकार को पूर्ण रूप से धारण नहीं कर पा रही हैं, वे सेवाधारी बनेंगी।

5. प्रश्न अंतिम समय में कौन-से दो दृश्य प्रकट होंगे?

उत्तर:

  1. नवीन आत्माएँ तेजी से आगे बढ़ेंगी – वे आत्माएँ जो अभी तक मौन थीं, अचानक दिव्यता के प्रकाश में आ जाएँगी और अपनी मेहनत से आगे बढ़ेंगी।

  2. थकने वाले और रुकने वाले प्रसिद्ध होंगे – जो आत्माएँ संकल्पों में कमजोर पड़ गईं या ठहर गईं, उनकी स्थिति स्पष्ट रूप से दिखेगी।

6.प्रश्न अंतिम समय के संकेत क्या हैं?

उत्तर: अब प्रत्येक आत्मा को अपने स्थान को निश्चित करना होगा। संकल्पों की शक्ति और सेवा की लगन से अपनी सीट सुनिश्चित कर सकते हैं।

7.प्रश्न इस समय आत्माओं को क्या करना चाहिए?

उत्तर: यह संकल्पों की दृढ़ता और स्वयं को परमात्मा के अधिकार से भरपूर बनाने का समय है। जो अंत तक अडोल रहेंगे, वे ही राज्य के अधिकारी बनेंगे।

प्रत्यक्षता, आत्मा का पद, राजा, प्रजा, सेवाधारी, संकल्प शक्ति, योगबल, तपस्या, सेवा, आत्मा का भाग्य, अंतिम समय, दिव्यता, आत्मिक स्थिति, आत्मा की पहचान, विश्व-राज्य, आत्मा की मेहनत, परमात्म अधिकार, आध्यात्मिक जागरूकता, संकल्पों की दृढ़ता, अंत समय का संकेत, आध्यात्मिक निर्णय,

revelation, position of the soul, king, subjects, servant, power of resolution, power of yoga, tapasya, service, destiny of the soul, last time, divinity, spiritual state, identity of the soul, world-kingdom, hard work of the soul, divine authority, spiritual awareness, firmness of resolutions, sign of end time, spiritual decision,