प्रत्यक्षता-पदम(136)प्रत्यक्षता का समय निकट है सबका पद स्पष्ट होगा राजा प्रजा सेवाधारी
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
प्रत्यक्षता का समय निकट है
सबका पद स्पष्ट होगा राजा? प्रजा? सेवाधारी?
अब वह समय बहुत निकट है जब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजेगा। हर आत्मा के सामने उसका वास्तविक स्वरूप स्पष्ट होगा। कौन राजा बनेगा, कौन प्रजा बनेगा, कौन सेवाधारी बनेगा—सबका पद अब निश्चित होने वाला है। यह वही समय है जब हर आत्मा का भाग्य उद्घाटित होगा और यह आश्चर्यजनक सीन सभी के सामने प्रकट होगी।
राजा, प्रजा, सेवाधारी
अब होगा निर्णय
राजा बनने वाले – वे आत्माएँ जो अब भी अपने संकल्पों को दृढ़ रख रही हैं, तपस्या और सेवा में अडोल हैं, वे विश्व-राज्य के अधिकारी बनेंगी।
प्रजा पद वाले – जो थोड़ी बहुत मेहनत कर रहे हैं, लेकिन संकल्पों में उतार-चढ़ाव आ रहा है, वे प्रजा बनेंगे।
कम पद पाने वाले – जो समय रहते जागरूक नहीं हो सके, वे पीछे रह जाएंगे।
सेवाधारी बनने वाले – वे आत्माएँ जो सेवा में संलग्न हैं, लेकिन अपने अधिकार को धारण नहीं कर पा रहे, वे सेवाधारी रूप में रहेंगे।
अंतिम समय में दो तरह के दृश्य प्रकट होंगे
नवीन आत्माएँ तेजी से आगे बढ़ेंगी –
- जो आत्माएँ अभी तक मौन थीं, वे अचानक दिव्यता के प्रकाश में आ जाएँगी।
- वे अपनी मेहनत और योगबल से आगे निकल जाएँगी।
- नए-नए आत्माएँ अचानक स्पीड पकड़ लेंगी और चमत्कारिक रूप से आगे बढ़ेंगी।
थकने वाले और रुकने वाले भी प्रसिद्ध होंगे –
- जो आत्माएँ अपनी स्थिति में ठहर गई हैं, वे पहचान में आ जाएँगी।
- जो संकल्पों में कमजोर पड़ गए, वे स्वयं को रोक नहीं पाएँगे।
- उनकी थकान और रुकावट स्पष्ट रूप से दिखेगी।
अब अंतिम घड़ी का संकेत मिल रहा है
अब समय है कि हर आत्मा अपने पद को स्पष्ट करे।
- कौन सा स्थान चाहिए, इसकी जाँच स्वयं करनी होगी।
- अब भी समय है—संकल्पों की शक्ति और सेवा की लगन से अपनी सीटनिश्चितकर सकतेहैं
- जो भी स्थिति है, उसे अब अंतिम रूप से तय करना होगा।
समाप्ति संदेश
अब की गई मेहनत ही अंतिम परिणाम तय करेगी। यह समय संकल्पों की दृढ़ता और स्वयं को परमात्मा के अधिकार से भरपूर बनाने का है। जो अंत तक अडोल रहेंगे, वे ही राज्य के अधिकारी बनेंगे।
“अब होगा सबका प्रत्यक्षता | राजा, प्रजा, सेवाधारी – कौन क्या बनेगा?”