Pratyakshata-padam(158) Scene of Pratyakshata Now there will be long queues of devotees

प्रत्यक्षता-पदम(158)प्रत्यक्षता का दृश्य अब भक्तों की लंबी कतारें लगेंगी

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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प्रत्यक्षता का दृश्य  अब भक्तों की लंबी कतारें लगेंगी

अब वह समय आ रहा है जब संसार आपकी ओर देखने लगेगा। जितना अधिक प्रबंध और व्यवस्था बढ़ेगी, उतनी ही आत्माएँ खिंचकर आने लगेंगी। मधुबन में जब भीड़ उमड़ेगी, तब                                                                                         ही यह यादगार बनेगा कि “यहाँ कुछ विशेष हो रहा है!”

वरदान:जितना स्थान बनेगा, उतनी आत्माएँ आएँगी

  1. जैसे-जैसे रहने के स्थान और व्यवस्थाएँ बढ़ेंगी, वैसे-वैसे आने वालों की संख्या भी स्वतः ही बढ़ती जाएगी।
  2. यह परमात्म वरदान है कि जितनी सेवा होगी, उतने ही आत्माएँ परमात्मा की छत्रछाया में आएँगी।
  3. यही इतिहास में भी दिखाया जाता है कि सागर तक लोग पहुँच गए, लेकिन स्थान छोटा पड़ गया।

भक्तों की अटूट श्रद्धा जब भक्तों का सैलाब उमड़ेगा

  1. जब आबू रोड से माउंट आबू तक लाइन लग जाएगी, तब यह प्रत्यक्षता का

 बड़ा संकेत होगा।

  1. लोग सोचेंगे “यह क्या हो रहा है?” और उनका अटेन्शन आपकी

 ओर जाएगा।

  1. अभी तो सिर्फ़ बच्चों का मेला है, लेकिन जब भक्त भी इस मेले में शामिल होंगे, तो भीड़ की कल्पना भी नहीं कर सकते।
  2. भक्तगण सतयुग की प्रजाऔरद्वापरके श्रद्धालु, दोनों मिलकर डबल वंशावली बनाएँगे।

जब भक्तों को

एहसास होगा

कि उनके इष्ट

एकत्र हो गए हैं…

  1. तब वे बिना पूछे, बिना बुलाए, स्वतः ही मधुबन की ओर खिंचे चले आएँगे।
  2. भक्त तो होते ही चातक पक्षी के समानवे सिर्फ़ अपने प्रभु के दर्शन के लिए तड़पते हैं
  3. हर एक चैतन्य मूर्ति के आगे लंबी क्यू (लाइन) लगने वाली है, जहाँ श्रद्धालु परमात्मा की अनुभूति के लिए उमड़ पड़ेंगे।

समाप्ति संदेश

अब वह समय आ रहा है जब आपके योग-तपस्या और सेवा का प्रभाव प्रत्यक्ष होगा। भक्तों का सैलाब उमड़ेगा, परमात्म ज्योति की ओर सबका ध्यान जाएगा, और यही परमात्म प्रत्यक्षता का महान दृश्य होगा।

“अब भक्तों की लंबी कतारें लगेंगी यह प्रत्यक्षता का संकेत है!”

प्रत्यक्षता का दृश्य – अब भक्तों की लंबी कतारें लगेंगी

प्रश्न 1: प्रत्यक्षता का यह दृश्य कैसा होगा?
उत्तर: अब वह समय आ रहा है जब संसार आपकी ओर देखने लगेगा। जब मधुबन में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी और आत्माएँ खिंचकर आने लगेंगी, तब यह यादगार दृश्य बनेगा कि “यहाँ कुछ विशेष हो रहा है!”

प्रश्न 2: भक्तों की लंबी कतारें लगने का संकेत क्या होगा?
उत्तर: जब आबू रोड से माउंट आबू तक भक्तों की लंबी लाइनें लगेंगी, जब परमात्म ज्योति की ओर सबका ध्यान जाएगा, तब यह प्रत्यक्षता का बड़ा संकेत होगा।

प्रश्न 3: आत्माएँ स्वतः खिंचकर कैसे आएँगी?
उत्तर: यह परमात्म वरदान है कि जितनी सेवा और व्यवस्थाएँ बढ़ेंगी, उतनी ही आत्माएँ स्वतः परमात्मा की छत्रछाया में आएँगी। जैसे समुद्र के किनारे स्थान छोटा पड़ गया था, वैसे ही यहाँ भी भक्तों का सैलाब उमड़ेगा।

प्रश्न 4: भक्तों की श्रद्धा कैसी होगी?
उत्तर: भक्तगण चातक पक्षी के समान होंगे, जो अपने प्रभु के दर्शन के लिए तड़पते हैं। जब उन्हें एहसास होगा कि उनके इष्ट एकत्र हो गए हैं, तब वे बिना पूछे, बिना बुलाए, मधुबन की ओर स्वतः खिंचे चले आएँगे।

प्रश्न 5: क्या इस समय भक्तों की संख्या सीमित होगी?
उत्तर: नहीं, यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जाएगी। अभी तो सिर्फ़ बच्चों का मेला है, लेकिन जब भक्त भी इस मेले में शामिल होंगे, तब भीड़ की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

प्रश्न 6: भक्तों का आगमन किस प्रकार का होगा?
उत्तर:

  1. भक्त परमात्म ज्योति की अनुभूति के लिए उमड़ पड़ेंगे।

  2. हर चैतन्य मूर्ति के आगे लंबी लाइनें लगेंगी।

  3. भक्तगण सतयुग की प्रजा और द्वापर के श्रद्धालु, दोनों मिलकर डबल वंशावली बनाएँगे।

प्रश्न 7: इस प्रत्यक्षता का अंतिम प्रभाव क्या होगा?
उत्तर: यह समय योग-तपस्या और सेवा का प्रत्यक्ष प्रभाव दिखाने का है। जब भक्तों का सैलाब उमड़ेगा, तो परमात्म ज्योति की ओर सबका ध्यान जाएगा, और यही परमात्म प्रत्यक्षता का महान दृश्य होगा।

प्रश्न 8: यह घटना हमें क्या संकेत देती है?
उत्तर: यह संकेत देती है कि परमात्म सत्य प्रकट हो रहा है। भक्तों की लंबी कतारें लगना इस बात का प्रमाण होगा कि अब परिवर्तन का समय आ चुका है और सत्य की जय-जयकार होने वाली है।

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