विनाश ज्वाला कब और कैसे होगी(08)-संगठित शक्ति का संकल्प-अब परिवर्तन निश्चित है
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
–संगठित शक्ति का संकल्प – अब परिवर्तन निश्चित है
संगठित संकल्प से परिवर्तनअब अंतिम ग्रुप तैयार हो!
संगठित संकल्प से वायुमंडल निर्माण
जब संगठित रूप में दृढ़ संकल्प उठेगा, तोवायुमंडल भी परि-वर्तन का संदेश देगा!
जिस प्रकार प्रारंभ में शेरनियों के संगठन ने स्थापना का बीड़ा उठाया, उसी प्रकार अब समाप्ति के लिए एक शक्तिशाली ग्रुप तैयार होना चाहिए।
निंदा-स्तुति से परे, सहनशीलता से परिपूर्ण ग्रुप
यह ग्रुप ऐसा हो जो निंदा-स्तुति, मान-अपमान और हर चुनौती को पार कर सके!
अब ऐसा संगठन चाहिए जो केवल सोचने या देखने में न लगे, बल्कि करके दिखाने वाला हो!
जैसे पवित्रता के
व्रत से स्थापना हुई, अब संकल्प से समाप्ति होगी
प्रारंभ में पवित्रता का व्रत लेने वाला संगठन मैदान में उतरा, तो नई दुनिया की स्थापना हुई!
अब संकल्प और सहनशीलता से परिपूर्ण ग्रुप मैदान में आए,तोसृष्टि परिवर्तन और पुरानी दुनिया का अंत सुनिश्चित है।
अब समय आ गया है कि संगठित होकर संकल्प करें – “परिवर्तन होकर रहेगा!”
संगठित शक्ति का संकल्प – अब परिवर्तन निश्चित है
प्रश्नोत्तर (Questions & Answers) पर संगठित संकल्प और परिवर्तन
प्रश्न 1: संगठित संकल्प से परिवर्तन कैसे संभव होगा?
उत्तर: जब संगठित रूप में आत्माएँ दृढ़ संकल्प उठाएँगी, तो उनका वायुमंडल भी परिवर्तन का संदेश देने लगेगा। एकता और संकल्प की शक्ति से विश्व-परिवर्तन की प्रक्रिया तेज़ होगी।
प्रश्न 2: प्रारंभ में किस संगठन ने नई दुनिया की स्थापना का बीड़ा उठाया था?
उत्तर: प्रारंभ में पवित्रता का व्रत लेने वाली “शेरनियों” का संगठन मैदान में उतरा था, जिसने सत्य और पवित्रता के आधार पर नई दुनिया की स्थापना की।
प्रश्न 3: अब किस प्रकार के संगठन की आवश्यकता है?
उत्तर: अब ऐसा शक्तिशाली संगठन चाहिए जो निंदा-स्तुति, मान-अपमान, और हर चुनौती को पार कर सके। ऐसा संगठन जो केवल सोचने या देखने में न लगे, बल्कि वास्तविकता में परिवर्तन लाने के लिए मैदान में उतरे।
प्रश्न 4: संगठित संकल्प का प्रभाव वायुमंडल पर कैसे पड़ेगा?
उत्तर: जब संगठित रूप में दृढ़ संकल्प उठाया जाएगा, तो वह एक शक्तिशाली वायब्रेशन उत्पन्न करेगा, जिससे संपूर्ण वायुमंडल परिवर्तन का संदेश देने लगेगा और बाकी आत्माओं पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
प्रश्न 5: अब संकल्प का क्या महत्व है?
उत्तर: जैसे प्रारंभ में पवित्रता का व्रत लेकर स्थापना हुई थी, वैसे ही अब संकल्प और सहनशीलता के आधार पर पुरानी दुनिया का अंत और सृष्टि परिवर्तन सुनिश्चित होगा।
प्रश्न 6: क्या केवल व्यक्तिगत प्रयास से परिवर्तन संभव है?
उत्तर: व्यक्तिगत प्रयास आवश्यक हैं, लेकिन अब संगठित शक्ति की आवश्यकता है। जब सभी आत्माएँ मिलकर एक संकल्प उठाएँगी कि “परिवर्तन होकर रहेगा,” तब परिवर्तन निश्चित रूप से होगा।
प्रश्न 7: इस समय आत्माओं को क्या संकल्प लेना चाहिए?
उत्तर: अब समय आ गया है कि संगठित होकर संकल्प करें – “परिवर्तन होकर रहेगा!” और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी शक्ति लगाएँ।
अब अपने संकल्प को सशक्त करें और परिवर्तन के इस महान कार्य में सहयोगी बनें!
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