(02)The Spiritual Secret of the True Holi

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Short Questions & Answers Are given below (लघु प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

(02)The Spiritual Secret of the True Holi

आज का पदम: सच्ची होली का आध्यात्मिक रहस्य

प्रस्तावना

होली का त्योहार रंगों का होता है। लेकिन क्या असली होली सिर्फ रंग लगाने तक सीमित है? परमात्मा हमें सिखाते हैं कि होली का असली अर्थ है “हो लिए” अर्थात बाप के हो जाना। जब हम बाप के हो जाते हैं, परमात्मा के हो जाते हैं, तबी होली की मुबारक होती है।

होली का आध्यात्मिक अर्थ

होली का आध्यात्मिक अर्थ यह है कि हम एक बात अच्छी तरह जानें। होली कब आती है? होली शिवरात्रि के बाद आती है।

राखी और होली दोनों का आपस में संबंध है। शिवरात्रि के बाद राखी आती है और इस शिवरात्रि के बाद होली आती है।

होली का आध्यात्मिक मतलब

पहले: जलाना, फिर मनाना

  • अपने अंदर की कमी को, बुराइयों को जलाना।
  • व्यर्थ पड़े हुए नकारात्मक विचारों और संस्कारों को जलाकर समाप्त करना।

फिर मनाना

  • जब जीवन से बुराइयाँ निकल जाएंगी, तो हमारे दिव्य गुण उभरकर आएंगे।
  • प्रेम, शांति, पवित्रता और सुख के रंग जीवन में भर जाएंगे।
  • आज का पदम: सच्ची होली का आध्यात्मिक रहस्य

    प्रश्न एवं उत्तर

    1. प्रश्न: होली का असली आध्यात्मिक अर्थ क्या है?
      उत्तर: होली का असली अर्थ है “हो लिए” अर्थात परमात्मा के हो जाना और जीवन को दिव्यता से रंग लेना।

    2. प्रश्न: होली और शिवरात्रि का क्या संबंध है?
      उत्तर: होली, शिवरात्रि के बाद आती है। शिवरात्रि आत्मा और परमात्मा के मिलन का पर्व है, और होली उस मिलन के उत्सव का प्रतीक है।

    3. प्रश्न: राखी और होली का आपस में क्या संबंध है?
      उत्तर: राखी आत्मा की परमात्मा से प्रतिज्ञा का प्रतीक है, और होली उस प्रतिज्ञा को निभाने का संकल्प है—बुराइयों को जलाना और दिव्यता को धारण करना।

    4. प्रश्न: होली को आध्यात्मिक रूप से कैसे मनाया जाता है?
      उत्तर: पहले बुराइयों, नकारात्मक संस्कारों और व्यर्थ विचारों को जलाना, फिर प्रेम, शांति, पवित्रता और सुख के रंग जीवन में भरना।

    5. प्रश्न: होली की सच्ची मुबारकबाद किसे दी जाती है?
      उत्तर: जो परमात्मा के बनकर अपने अंदर की बुराइयों को जलाते हैं और दिव्यता को अपनाते हैं, वे ही सच्ची होली की मुबारक के पात्र होते हैं।

    6. प्रश्न: क्या होली केवल रंगों का त्योहार है?
      उत्तर: नहीं, होली केवल बाहरी रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि आंतरिक रूप से आत्मा को परमात्मा के रंग में रंगने का पर्व है।

    7. प्रश्न: आध्यात्मिक रूप से “जलाना” का क्या अर्थ है?
      उत्तर: अपने पुराने, व्यर्थ और नकारात्मक विचारों, भावनाओं व संस्कारों को समाप्त करना, ताकि नया दिव्य जीवन शुरू हो सके।

    8. प्रश्न: आध्यात्मिक दृष्टि से “होली मनाना” क्या दर्शाता है?
      उत्तर: जब आत्मा शुद्ध और दिव्य हो जाती है, तब वह प्रेम, आनंद, शांति और पवित्रता के रंगों से सराबोर होकर होली मनाती है।

    9. प्रश्न: होली के रंगों का आध्यात्मिक प्रतीक क्या है?
      उत्तर: यह आत्मा के भीतर उमड़ने वाले दिव्य गुणों—प्रेम, शांति, आनंद, पवित्रता और शक्तियों का प्रतीक है।

    10. प्रश्न: हम इस बार सच्ची होली कैसे मना सकते हैं?
      उत्तर: बापदादा के सच्चे बच्चे बनकर, अपने पुराने संस्कारों को जलाकर, पवित्रता और ईश्वरीय प्रेम के रंग में रंगकर।

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