(01)Who is the creator of the universe?

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विश्वकर्मा दिवस :-(01)सृष्टि के रचयिता कौन है


1. परिचय — जब भगवान को कहा गया “विश्वकर्मा”

हर साल 17 या 18 सितंबर के आस-पास विश्वकर्मा दिवस बड़े उत्साह से मनाया जाता है —
 कारखानों में
 इंजीनियरिंग कॉलेजों में
 मजदूर व निर्माण कार्य करने वाले लोग औजारों की पूजा करते हैं।

लेकिन प्रश्न है —
● क्या परमात्मा सच में औजारों से भवन बनाते हैं?
● “विश्वकर्मा” शब्द का असली अर्थ क्या है?

विश्व = सृष्टि (World)
कर्मा = कर्ता (Creator / Doer)
➡ यानी जो पूरी सृष्टि की रचना करे — वही है विश्वकर्मा।


2. सृष्टि का सच्चा रचयिता कौन?

ब्रह्माकुमारी मुरली प्रमाण:
🗓 मुरली – 18 सितम्बर 2019
“शिव ही सच्चा विश्वकर्मा है। वही ब्रह्मा द्वारा नई दुनिया रचते हैं।”

 मतलब — परमात्मा शिव इस कलियुग के अंत में ब्रह्मा बाबा के माध्यम से नई सृष्टि की बीज रूप योजना देते हैं।
इसे कहते हैं — ज्ञान यज्ञ की शुरुआत।


3. विश्वकर्मा पूजा का गुप्त अर्थ — बुद्धि का पुनर्निर्माण

आज लोग मशीन, टैबलेट, औजार की पूजा करते हैं।
पर बाबा कहते हैं —
“सबसे बड़ी मशीन तुम्हारी बुद्धि है।”

🗓 मुरली – 17 सितम्बर 2021:
“जब बुद्धि परमात्मा से जुड़ती है, तभी पुरानी दुनिया से नई दुनिया बनती है।”

Example:
जैसे कंप्यूटर में वायरस आ जाए, तो सिस्टम धीमा हो जाता है।
वैसे ही बुरे संकल्पों ने आत्मा की बुद्धि को कमजोर किया है।
बुद्धि को परमात्मा से कनेक्ट करो — सिस्टम रीसेट हो जाएगा।


4. योग की अग्नि — आत्मा का पुनर्निर्माण (Reconstruction of Self)

जब आत्मा परमात्मा से योग लगाती है, तो वह ऐसे चमकती है जैसे —
लोहा आग में डालने पर लाल व शक्तिशाली हो जाए।

मुरली – 15 सितम्बर 2020:
“बाबा तुम्हें मास्टर विश्वकर्मा बना रहे हैं — नई दुनिया के सह-रचयिता।”


5. संगम युग — सृष्टि का पुनर्निर्माण कार्य

संगम युग = पुरानी दुनिया का अंत + नई सृष्टि की नींव

🗓 मुरली – 16 सितम्बर 2018:
“बाबा इस पुरानी दुनिया को खत्म कर नई श्रीस्वर्ग सृष्टि की नींव रख रहे हैं। यही है सच्चा विश्वकर्मा दिवस।”

इसलिए:
✅ असली विश्वकर्मा दिवस केवल मशीन पूजा नहीं,
✅ बल्कि आत्मबुद्धि को परमात्मा से जोड़ने का संकल्प है।


6. हम आत्माएं — मास्टर विश्वकर्मा कैसे बनें?

आत्मिक कार्य अर्थ
योग लगाना आत्मा को पवित्र बनाना
सेवा करना दूसरों की बुद्धि को जागृत करना
स्वराज्य पाना स्वयं के विचारों पर नियंत्रण
मुरली सुनना व धारणा परमात्मा के दिशा-निर्देश को जीवन में लागू करना

7. निष्कर्ष — सच्चा विश्वकर्मा दिवस कैसे मनाएं?

✔ औजारों की पूजा + बुद्धि की शुद्धता
✔ यंत्रों के साथ — अपने ‘मन’ को भी रीचार्ज करें
✔ बाबा को याद करके — आत्मा को सतोप्रधान बनाएं
✔ “मैं शरीर नहीं, पवित्र आत्मा हूं” का अभ्यास करें

तभी हम बनेंगे — परमात्मा के सच्चे विश्वकर्मा।

जब भगवान को कहा गया “विश्वकर्मा” – सवाल और जवाब


प्रश्न 1: हर साल 17 या 18 सितंबर को विश्वकर्मा दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: विश्वकर्मा दिवस बड़े उत्साह से मनाया जाता है —  कारखानों में,  इंजीनियरिंग कॉलेजों में,  मजदूर व निर्माण कार्य करने वाले लोग औजारों की पूजा करते हैं। यह दिन उन सभी के लिए है जो निर्माण और सृजन कार्य में लगे हैं।


प्रश्न 2: क्या परमात्मा सच में औजारों से भवन बनाते हैं?
उत्तर: नहीं। वास्तविक सृष्टि निर्माण परमात्मा द्वारा होता है। मशीन और औजार प्रतीक हैं; असली निर्माण बुद्धि और आत्मा के योग से होता है।


प्रश्न 3: “विश्वकर्मा” शब्द का असली अर्थ क्या है?
उत्तर:

  • विश्व = सृष्टि (World)

  • कर्मा = कर्ता (Creator / Doer)
    ➡ यानी जो पूरी सृष्टि की रचना करे — वही है विश्वकर्मा।


प्रश्न 4: सृष्टि का सच्चा रचयिता कौन है?
उत्तर: परमात्मा शिव।
मुरली – 18 सितम्बर 2019:
“शिव ही सच्चा विश्वकर्मा है। वही ब्रह्मा द्वारा नई दुनिया रचते हैं।”
मतलब — परमात्मा शिव इस कलियुग के अंत में ब्रह्मा बाबा के माध्यम से नई सृष्टि की बीज रूप योजना देते हैं। इसे कहते हैं — ज्ञान यज्ञ की शुरुआत।


प्रश्न 5: विश्वकर्मा पूजा का गुप्त अर्थ क्या है?
उत्तर: बुद्धि का पुनर्निर्माण।

  • आज लोग मशीन, टैबलेट, औजार की पूजा करते हैं।

  • पर बाबा कहते हैं: “सबसे बड़ी मशीन तुम्हारी बुद्धि है।”
    🗓 मुरली – 17 सितम्बर 2021:
    “जब बुद्धि परमात्मा से जुड़ती है, तभी पुरानी दुनिया से नई दुनिया बनती है।”

Example:
जैसे कंप्यूटर में वायरस आ जाए, तो सिस्टम धीमा हो जाता है। वैसे ही बुरे संकल्पों ने आत्मा की बुद्धि को कमजोर किया है। बुद्धि को परमात्मा से कनेक्ट करो — सिस्टम रीसेट हो जाएगा।


प्रश्न 6: योग की अग्नि से आत्मा का क्या पुनर्निर्माण होता है?
उत्तर: जब आत्मा परमात्मा से योग लगाती है, तो वह ऐसे चमकती है जैसे — लोहा आग में डालने पर लाल व शक्तिशाली हो जाए।
🗓 मुरली – 15 सितम्बर 2020:
“बाबा तुम्हें मास्टर विश्वकर्मा बना रहे हैं — नई दुनिया के सह-रचयिता।”


प्रश्न 7: संगम युग का महत्व क्या है?
उत्तर: संगम युग = पुरानी दुनिया का अंत + नई सृष्टि की नींव।
🗓 मुरली – 16 सितम्बर 2018:
“बाबा इस पुरानी दुनिया को खत्म कर नई श्रीस्वर्ग सृष्टि की नींव रख रहे हैं। यही है सच्चा विश्वकर्मा दिवस।”


प्रश्न 8: हम आत्माएं — मास्टर विश्वकर्मा कैसे बनें?
उत्तर:

आत्मिक कार्य अर्थ
योग लगाना आत्मा को पवित्र बनाना
सेवा करना दूसरों की बुद्धि को जागृत करना
स्वराज्य पाना स्वयं के विचारों पर नियंत्रण
मुरली सुनना व धारणा परमात्मा के दिशा-निर्देश को जीवन में लागू करना

प्रश्न 9: सच्चा विश्वकर्मा दिवस कैसे मनाएं?
उत्तर:
✔ औजारों की पूजा + बुद्धि की शुद्धता
✔ यंत्रों के साथ — अपने ‘मन’ को भी रीचार्ज करें
✔ बाबा को याद करके — आत्मा को सतोप्रधान बनाएं
✔ “मैं शरीर नहीं, पवित्र आत्मा हूं” का अभ्यास करें

तभी हम बनेंगे — परमात्मा के सच्चे विश्वकर्मा।

Disclaimer (YouTube वीडियो के लिए उपयुक्त):

यह वीडियो किसी धर्म, व्यक्ति या परंपरा की आलोचना नहीं करता। यह ब्रह्माकुमारी मुरली ज्ञान एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसका उद्देश्य केवल सत्य ज्ञान को सरल रूप में प्रस्तुत करना है। दर्शकों से निवेदन है कि इसे खुले मन व शांत बुद्धि से सुनें। ओम शांति।

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