(02)Neither I am a man nor a woman – the real secrets of the soul

फरिश्ता स्थिति:-(02)ना मैं पुरुष हूं, ना स्त्री-आत्मा के असली रहस्य

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(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

परिचय

नमस्कार दोस्तों! आज हम फरिश्ता सिद्धि का पार्ट 2 करेंगे।
आज का विषय है — ना मैं पुरुष हूँ, ना स्त्री।

इस वीडियो में हम आत्मा के असली रहस्य को समझेंगे और अपने आप में अनुभव करेंगे।

उदाहरण:
सोचिए, जब आप कहते हैं “मैं पुरुष हूँ” या “मैं स्त्री हूँ”, यह केवल शरीर और रूप से जुड़ा है। पर आत्मा का स्वरूप इससे परे है।


अध्याय 2: आत्मा का असली रहस्य

हम एक गहरे आध्यात्मिक बिंदु पर चिंतन करेंगे।

Murli नोट:

  • दिनांक: 18 फरवरी 1970

  • मुख्य बिंदु: आत्मा किसी भी शरीर की पहचान से परे है।

  • शिक्षा: हमें अपने आप को शरीर से अलग आत्मा के रूप में अनुभव करना है।

उदाहरण:
जैसे हवा को न तो कोई रंग, न रूप कहा जा सकता है, वैसे ही आत्मा भी शरीर के लक्षणों से अलग है।

Murli उद्धरण:
“ना मैं पुरुष हूं, ना स्त्री हूं, ना बूढ़ा हूं, ना जवान।” — साकार मुरली, 18 फरवरी 1970


अध्याय 3: आत्मा के रूप में अनुभव

बाबा ने पूछा —
“कौन हूँ मैं भाई?”
उत्तर: आत्मा! मैं आत्मा हूँ।

मतलब, जो हमने पहले वीडियो में अभ्यास किया था, उसी को अगले स्तर पर अनुभव करना है।

Murli नोट:

  • आत्मा ≠ शरीर

  • स्वरूप: शाश्वत, अमर और निराकार

उदाहरण:
आप जैसे किसी इंसान का शरीर बदल सकता है, बूढ़ा या जवान हो सकता है, लेकिन आत्मा हमेशा वही रहती है।


अध्याय 4: अगले स्तर का अनुभव

अब हमें यह अनुभव करना है कि —
“मैं ना स्त्री हूँ, ना पुरुष, ना जवान, ना बूढ़ा, ना बच्चा हूँ।”

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • शरीर के जितने भी टाइटल या पहचान हैं, वे सभी आत्मा से संबंधित नहीं हैं।

  • वास्तविक पहचान सिर्फ आत्मा की है।

उदाहरण:
एक अभिनेता कई भूमिकाएँ निभा सकता है — कभी राजा, कभी सैनिक, कभी किसान।
लेकिन वह हमेशा वही व्यक्ति है।
उसी तरह, आत्मा हर शरीर रूप से अलग है।


अध्याय 5: निष्कर्ष

  • आत्मा की वास्तविक पहचान शरीर से परे है।

  • कोई भी बाहरी रूप या टाइटल आत्मा की पहचान नहीं बदल सकता।

  • हमें हर दिन अपने आप को आत्मा के रूप में अनुभव करना है।

Murli उद्धरण:
“ना मैं पुरुष हूं, ना स्त्री हूं, ना बूढ़ा हूं, ना जवान। मैं आत्मा हूं।” — साकार मुरली, 18 फरवरी 1970

परिचय: ना मैं पुरुष हूँ, ना स्त्री

आज हम फरिश्ता सिद्धि का पार्ट 2 करेंगे।
आज का विषय है — “ना मैं पुरुष हूँ, ना स्त्री”
इस वीडियो में हम आत्मा के असली रहस्य को समझेंगे और अपने आप में अनुभव करेंगे।


प्रश्न और उत्तर (Q&A)

प्रश्न 1: आत्मा का असली स्वरूप क्या है?
उत्तर: आत्मा किसी भी शरीर की पहचान से परे है। यह न पुरुष है, न स्त्री, न जवान है, न बूढ़ा। आत्मा शाश्वत, अमर और निराकार है।

उदाहरण: जैसे हवा का कोई रंग या रूप नहीं होता, वैसे ही आत्मा भी शरीर के लक्षणों से अलग है।

Murli उद्धरण:
“ना मैं पुरुष हूं, ना स्त्री हूं, ना बूढ़ा हूं, ना जवान।” — साकार मुरली, 18 फरवरी 1970


प्रश्न 2: जब हम कहते हैं “मैं पुरुष हूँ” या “मैं स्त्री हूँ”, तो इसका मतलब क्या है?
उत्तर: यह केवल शरीर और रूप से जुड़ा है। वास्तविक आत्मा का स्वरूप इससे परे है।

उदाहरण: जैसे किसी अभिनेता को कई भूमिकाएँ निभानी पड़ती हैं — कभी राजा, कभी सैनिक, कभी किसान, लेकिन वह हमेशा वही व्यक्ति रहता है। उसी तरह आत्मा हर शरीर रूप से अलग रहती है।


प्रश्न 3: हमें अपने आप को आत्मा के रूप में अनुभव क्यों करना चाहिए?
उत्तर: क्योंकि आत्मा की वास्तविक पहचान शरीर से परे है। बाहरी रूप या टाइटल आत्मा की पहचान नहीं बदल सकते। आत्मा के रूप में अनुभव करना आध्यात्मिक विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Murli नोट:
आत्मा ≠ शरीर
स्वरूप: शाश्वत, अमर, निराकार


प्रश्न 4: अगले स्तर का अनुभव क्या है?
उत्तर: अगले स्तर का अनुभव यह है कि हम खुद को पूरी तरह से शरीर और लिंग के बंधनों से अलग अनुभव करें:
“मैं ना स्त्री हूँ, ना पुरुष, ना जवान, ना बूढ़ा, ना बच्चा हूँ।”

महत्वपूर्ण बिंदु:
शरीर के जितने भी टाइटल या पहचान हैं, वे सभी आत्मा से संबंधित नहीं हैं। वास्तविक पहचान सिर्फ आत्मा की है।


प्रश्न 5: आत्मा की वास्तविक पहचान क्या दर्शाती है?
उत्तर: आत्मा की पहचान यह दर्शाती है कि कोई भी बाहरी रूप, उम्र, या लिंग आत्मा की सच्ची पहचान को बदल नहीं सकता। हर दिन हमें अपने आप को आत्मा के रूप में अनुभव करना चाहिए।

Murli उद्धरण:
“ना मैं पुरुष हूं, ना स्त्री हूं, ना बूढ़ा हूं, ना जवान। मैं आत्मा हूं।” — साकार मुरली, 18 फरवरी 1970

Disclaimer (डिस्क्लेमर):यह वीडियो ब्रह्माकुमारी आध्यात्मिक शिक्षाओं और साकार मुरली के आधिकारिक उद्धरणों पर आधारित है। यह व्यक्तिगत अनुभव और आध्यात्मिक चिंतन साझा करता है। कोई भी जानकारी चिकित्सा, कानूनी या अन्य पेशेवर सलाह के रूप में नहीं है।

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