(05) Diwali -5/ Diwali is a special festival of India

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(05)दीपावली -5/दीपावली भारत का विशेष त्यौहार

(05) Diwali -5/ Diwali is a special festival of India

दीपावली: भारत का विशेष त्यौहार

दीपावली का उल्लास और वास्तविकता

दीपावली भारत का एक महत्वपूर्ण और विशेष त्यौहार है जिसे सभी लोग बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। इस अवसर पर बाजारों, घरों, और परिवारों में रौनक देखने को मिलती है। मिठाइयों की दुकानों पर भीड़, पटाखों की खरीदारी, और घरों को सजाने की तैयारियों में हर कोई व्यस्त रहता है। इस त्यौहार के लिए विशेष छूट और सुविधाएं दी जाती हैं ताकि लोग इसे पूरे उत्साह के साथ मना सकें।

लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि इस त्यौहार का वास्तविक महत्व क्या है? क्या यह मात्र दिखावे की खुशी है, या इसके पीछे कोई गहरा अर्थ छिपा है?

दीपावली का वास्तविक महत्व

दीपावली को खुशियों का प्रतीक माना जाता है। लोग भले ही जीवन में कितने भी दुखी हों, इस दिन वे खुशी का दिखावा अवश्य करते हैं। चाहे पैसे हों या न हों, मिठाइयाँ खरीदनी हैं, बच्चों के लिए पटाखे लाने हैं, और मोमबत्तियाँ जलानी हैं। इस सब के लिए कई लोग कर्ज तक उठा लेते हैं।

लेकिन असली सवाल यह है कि क्या हमें सच में खुशी मिल रही है? या हम केवल परंपराओं का अंधानुकरण कर रहे हैं?

रामायण और दीप जलाने की परंपरा

रामायण के अनुसार, जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाकर उनका स्वागत किया। उस समय दीप जलाना आवश्यक था क्योंकि बिजली के साधन उपलब्ध नहीं थे। घरों में जब कोई खुशी का अवसर आता था, तब दिए जलाए जाते थे। लेकिन आज के समय में इस परंपरा की कितनी आवश्यकता है?

दीप जलाने की प्रथा को समझना आवश्यक है। अगर वास्तव में कोई बड़ी खुशी होती, तो यह ठीक था, लेकिन सिर्फ दूसरों की देखा-देखी दीप जलाना क्या उचित है? हमें यह विचार करना चाहिए कि असली खुशी का स्रोत क्या है।

मिठाइयाँ और प्रदूषण का प्रभाव

आजकल त्यौहारों के दौरान बाजार में मिलने वाली मिठाइयाँ कई दिनों पहले से बनाई जाती हैं। इनमें मिलावट और रसायनों का प्रयोग होता है ताकि वे ताजा लगें। इसी प्रकार पटाखों से निकलने वाला धुआँ पर्यावरण को हानि पहुँचाता है। क्या यह सच में खुशी मनाने का तरीका है?

दिवाली से जुड़ी कथाएँ और उनका संदेश

नरकासुर वध

नरकासुर, जो एक अत्याचारी राजा था, ने 16,000 कुमारियों को बंदी बना लिया था। भगवान कृष्ण ने उसका वध कर उन कुमारियों को मुक्त कराया। इस घटना को ‘नरक चतुर्दशी’ के रूप में याद किया जाता है। इसका वास्तविक अर्थ यह है कि हमें अपने अंदर के अवगुणों को समाप्त करना चाहिए। आज का समाज भी नरकासुर की तरह अहंकार, क्रोध, और लोभ में फंसा हुआ है। असली दिवाली तब होगी जब हम इन बुराइयों का नाश करेंगे।

राजा बलि और विष्णु अवतार

बलि एक असुर राजा था जिसने 99 यज्ञ कर लिए थे और 100वां यज्ञ पूरा करने पर वह देवताओं का स्वामी बन जाता। विष्णु ने वामन अवतार लेकर उससे तीन पग भूमि मांगी और उसे पाताल लोक भेज दिया। यह कथा दर्शाती है कि अहंकार का अंत निश्चित है। हमें भी अपने अंदर के अहंकार का त्याग करना चाहिए।

राम राज्य का प्रतीक: असली दिवाली

राम राज्य का अर्थ है – एक ऐसा समाज जहाँ सभी सुखी हों, कोई दुखी न हो। लेकिन क्या आज हम वास्तव में ऐसे समाज में जी रहे हैं? दीपावली का सही अर्थ तभी होगा जब हम अपने अंदर की नकारात्मकताओं को हटाकर शांति और प्रेम का दीप जलाएँ।

इसलिए, असली दिवाली तभी होगी जब हम आत्मिक रूप से प्रकाशमान होंगे, अपने अवगुणों को जलाकर सच्चे सुख और शांति की ओर बढ़ेंगे। आइए, इस बार दीपावली को मात्र बाहरी दिखावे का पर्व न बनाकर, आंतरिक दिव्यता के जागरण का अवसर बनाएँ।

दीपावली: भारत का विशेष त्यौहार

(संक्षिप्त प्रश्न और उत्तर)

1. दीपावली क्यों मनाई जाती है?
दीपावली को खुशियों का प्रतीक माना जाता है और यह राम के अयोध्या आगमन, नरकासुर वध, और अन्य पौराणिक घटनाओं से जुड़ी है।

2. दीपावली के दौरान लोग क्या-क्या करते हैं?
लोग अपने घरों को दीपों से सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं, पटाखे जलाते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं।

3. दीप जलाने की परंपरा का क्या अर्थ है?
प्राचीन समय में दीप जलाना प्रकाश और खुशी का प्रतीक था, लेकिन आज इसे केवल परंपरा के रूप में निभाया जाता है।

4. रामायण में दीपावली का क्या संदर्भ है?
जब भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाकर उनका स्वागत किया।

5. क्या दीप जलाने की परंपरा आज भी उतनी ही आवश्यक है?
यदि वास्तविक खुशी हो तो यह उचित है, लेकिन केवल दिखावे के लिए ऐसा करना आवश्यक नहीं।

6. नरकासुर वध का दीपावली से क्या संबंध है?
भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16,000 कुमारियों को मुक्त किया, जिसे बुराइयों के अंत का प्रतीक माना जाता है।

7. राजा बलि और दीपावली के बीच क्या संबंध है?
विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी और उसे पाताल लोक भेज दिया, जो अहंकार के नाश का प्रतीक है।

8. दीपावली पर मिठाइयों की शुद्धता को लेकर क्या चिंताएँ हैं?
त्यौहारों के दौरान मिलावटी मिठाइयाँ बेची जाती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं।

9. पटाखे जलाने से क्या हानि होती है?
पटाखों से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है, जिससे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

10. असली दिवाली कैसे मनाई जानी चाहिए?
वास्तविक दिवाली तब होगी जब हम अपने अंदर की बुराइयों को दूर करें और सच्ची शांति और प्रेम का दीप जलाएँ।

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