(09)Krishna is the incarnation of Rama, then why is Krishna worshipped more than Rama?

(09)कृष्ण राम का अवतार है फिर कृष्ण की पूजा राम से अधिक क्यों?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

(ध्यानपूर्वक और शांति से):

जय हो… ओम् शांति।

आपका प्रश्न है —
“कृष्ण राम का अवतार हैं, तो फिर कृष्ण की पूजा राम से अधिक क्यों होती है?”

यह बहुत सुंदर और गहराई भरा प्रश्न है।
आइए इसे ब्रह्माकुमारीज़ के ईश्वरीय ज्ञान के प्रकाश में समझने का प्रयास करें।

त्रेता युग में भगवान राम आए।
उसके पश्चात द्वापर युग में श्रीकृष्ण का आगमन हुआ।

ईश्वरीय ज्ञान में बताया गया है कि
राम ही आगे चलकर कृष्ण के रूप में पुनर्जन्म लेते हैं।
लक्ष्मण ही बलराम बनते हैं।

तो क्या कृष्ण राम का अवतार हैं?नहीं, वास्तव में —
राम पहले आए, और कृष्ण बाद में।

लेकिन इस सत्य को पूरी तरह समझा सकता है केवल —
परमपिता परमात्मा।
जो सृष्टि चक्र के आदि-मध्य-अंत का संपूर्ण ज्ञान देते हैं।

उन्होंने ही आकर हमें बताया कि
श्रीकृष्ण को कहा जाता है — सोलह कला संपूर्ण।

जब श्रीकृष्ण इस पृथ्वी पर आते हैं,
वह समय वैकुंठ कहा जाता है —
अर्थात सतयुग का प्रारंभ।जब वे बड़े होते हैं,उनका विवाह राधे जी से होता है।और विवाह के पश्चात उनका नाम होता है —
लक्ष्मी नारायण।

आपने देखा होगा —
राधा-कृष्ण के चित्र हमेशा बाल या युवा अवस्था के होते हैं।
और
लक्ष्मी-नारायण के चित्र प्रौढ़ अवस्था के।

क्यों? क्योंकि राधा-कृष्ण का विवाह वैकुंठ में हुआ —
जहां वे लक्ष्मी-नारायण के रूप में पूजे गए।

अब बात आती है — कला की।

श्रीकृष्ण को कहा गया —
सोलह कला संपूर्ण।
अर्थात 100% दिव्यता, पूर्ण पवित्रता।

राम को कहा गया — 14 कला संपूर्ण।

मतलब, दो कला कम —कुछ दिव्य गुणों की कमी।इसीलिए श्रीकृष्ण को अधिक पूजनीय माना गया।
उनका बाल रूप विशेष रूप से पूज्य है —
क्योंकि वह सोलह आने सच्चा, संपूर्ण निर्विकारी और पूर्ण रूप से प्यारा है।

अब एक गूढ़ रहस्य…

रामायण और महाभारत — दोनों ही लगभग 2000 साल पहले लिखे गए।
संस्कृत भाषा में।

वाल्मीकि, कालिदास, बाणभट्ट और वेदव्यास —ये सभी एक ही युग के महान लेखक थे।वाल्मीकि ने ही सबसे पहले अपनी भाषा को नाम दिया —
संस्कृत।फिर समय के साथ भाषा में परिवर्तन हुए —
पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, और फिर
विकसित हुईं आज की आधुनिक भाषाएं।

बाद के लेखकों ने यह धारणा बना दी —
कि कृष्ण, राम का अवतार हैं।

परंतु
परमपिता परमात्मा के ज्ञान के अनुसार — न राम, कृष्ण के अवतार हैं, न कृष्ण, राम के।

बल्कि —
कृष्ण पहले आए थे। इसलिए वे अधिक पवित्र माने जाते हैं।

यहां तक कि
लक्ष्मी-नारायण से भी अधिक पवित्र माने जाते हैं — राधा और कृष्ण।

क्योंकि उनका रूप है बाल, कोमल, निर्विकारी और मासूम।

इसलिए:श्रीकृष्ण की पूजा आज भी अधिक होती है — विशेषकर उनके बाल रूप की।
और
राम की पूजा सीमित होती है — क्योंकि उनकी कला पूर्ण नहीं थी।

ध्यानपूर्वक और शांति से

🌸 “कृष्ण की पूजा राम से अधिक क्यों होती है?” 🌸

जय हो… ओम् शांति।

प्रश्न 1:क्या श्रीकृष्ण, भगवान राम के अवतार हैं?
उत्तर:नहीं। ईश्वरीय ज्ञान के अनुसार, राम पहले आए और फिर वे ही अगले जन्म में श्रीकृष्ण बने। लेकिन वास्तव में दोनों अपने-अपने युगों के श्रेष्ठ दिव्य आत्मा हैं। कोई किसी का अवतार नहीं है।

प्रश्न 2:तो फिर श्रीकृष्ण की पूजा राम से अधिक क्यों होती है?
उत्तर:क्योंकि श्रीकृष्ण को कहा जाता है “सोलह कला संपूर्ण”, अर्थात् पूर्ण पवित्र और 100% दिव्यता से भरपूर। जबकि भगवान राम 14 कला संपूर्ण माने जाते हैं, जिनमें दो कला की कमी बताई जाती है। इसलिए श्रीकृष्ण का पूजन विशेष रूप से होता है — विशेषकर उनके बाल रूप का।

प्रश्न 3:क्या श्रीकृष्ण के समय को वैकुंठ कहा गया है?

उत्तर:हाँ। जब श्रीकृष्ण इस धरती पर अवतरित होते हैं, तब सृष्टि का सबसे पवित्र युग — सत्ययुग — आरंभ होता है। उसी समय को वैकुंठ कहा गया है।

प्रश्न 4:श्रीकृष्ण और राधा का विवाह हुआ था?
उत्तर:हाँ। परमात्मा ने ज्ञान में स्पष्ट किया है कि राधा और कृष्ण का विवाह होता है। और उस दिव्य युग में उनका नाम रखा जाता है — लक्ष्मी और नारायण


प्रश्न 5:तो फिर राधा-कृष्ण के चित्र हमेशा बाल या युवा अवस्था में ही क्यों मिलते हैं?
उत्तर:क्योंकि वे बाल्य और युवा रूप में ही निर्मल, निर्विकारी और मासूम माने जाते हैं। विवाह के बाद उनका नाम बदलकर लक्ष्मी-नारायण हो जाता है, इसलिए लक्ष्मी-नारायण के चित्र हमें प्रौढ़ रूप में दिखाई देते हैं।


प्रश्न 6:‘कला’ क्या होती है? और कृष्ण में सोलह, राम में 14 क्यों?
उत्तर:‘कला’ का अर्थ है आत्मा की दिव्य शक्तियाँ। श्रीकृष्ण सोलह कला संपूर्ण — अर्थात संपूर्ण निर्विकारी, पूर्ण सत्य, परम सुंदर और पूज्य हैं। राम जी में 14 कला थीं — यानी कुछ दिव्य गुणों की कमी। इसलिए श्रीकृष्ण को अधिक पूजनीय माना गया।


प्रश्न 7:क्या रामायण और महाभारत बहुत प्राचीन ग्रंथ हैं?
उत्तर:दोनों ग्रंथ लगभग 2000 वर्ष पूर्व लिखे गए। रामायण को वाल्मीकि ने, और महाभारत को वेदव्यास जी ने संस्कृत भाषा में लिखा। इसी युग में संस्कृत को पहली बार “संस्कृत” नाम दिया गया।


प्रश्न 8:तो क्या यह बात बाद में जोड़ी गई कि कृष्ण राम का अवतार हैं?
उत्तर:हाँ। यह धारणा बाद के लेखकों द्वारा बनाई गई थी। परमात्मा के सच्चे ज्ञान के अनुसार — न कृष्ण राम के अवतार हैं, और न ही राम कृष्ण के। दोनों अपने-अपने युगों के महान आत्मा हैं, पर श्रीकृष्ण की दिव्यता अधिक है।


प्रश्न 9:क्या राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-नारायण से भी अधिक पूज्य हैं?
उत्तर:जी हाँ। क्योंकि राधा-कृष्ण का रूप पूर्णत: बाल, मासूम और निर्विकारी है। वो बाल्यकाल की सच्ची पवित्रता का प्रतीक हैं। इसलिए उनकी पूजा, विशेष रूप से बाल गोपाल के रूप में, सबसे अधिक होती है।


प्रश्न 10:इस सारे ज्ञान का स्रोत क्या है?
उत्तर:परमपिता परमात्मा ने स्वयं आकर इस ज्ञान को बताया है —
जिसे आज हम ब्रह्माकुमारीज़ के माध्यम से सुनते और समझते हैं।
यह ज्ञान सृष्टि चक्र, आत्मा की यात्रा और परमात्मा की सच्ची पहचान से जुड़ा हुआ है।

श्रीकृष्ण पूजा रहस्य, कृष्ण राम अवतार, ब्रह्माकुमारी ज्ञान, ओम् शांति, राधा कृष्ण विवाह, सोलह कला संपूर्ण, राम 14 कला, रामायण और महाभारत सत्य, वैकुंठ का रहस्य, लक्ष्मी नारायण कैसे बने, कृष्ण की अधिक पूजा क्यों, ब्रह्माकुमारी विचार, आध्यात्मिक ज्ञान, परमपिता परमात्मा ज्ञान, कृष्ण बाल रूप पूजा, श्रीकृष्ण और राम का संबंध, सृष्टि चक्र रहस्य, राधा कृष्ण की महिमा, सतयुग की शुरुआत, वैदिक ज्ञान ब्रह्माकुमारी, कृष्ण पूजा क्यों, राम की कम पूजा क्यों, ध्यान और शांति, अध्यात्मिक वीडियो हिंदी में, ज्ञान,

Shri Krishna worship secret, Krishna Ram avatar, Brahmakumari knowledge, Om Shanti, Radha Krishna marriage, sixteen art complete, Ram 14 art, Ramayana and Mahabharata truth, secret of Vaikunth, how to become Lakshmi Narayan, why more worship of Krishna, Brahmakumari thoughts, spiritual knowledge, Supreme Father God knowledge, Krishna child form worship, relationship of Shri Krishna and Ram, creation cycle secret, glory of Radha Krishna, beginning of Satyug, Vedic knowledge Brahmakumari, why Krishna worship, why less worship of Ram, meditation and peace, spiritual video in Hindi, knowledge,