1-1/Is man only a body? The secret of the soul.

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BK बेसिक कोर्स मुस्लिम भाई बहनों के लिए-1-1/क्या इंसान केवल शरीर है आत्मा का रहस्य

अध्याय: क्या इंसान केवल शरीर है? – आत्मा का रहस्य

1. प्रश्न से शुरुआत

अक्सर हम सोचते हैं –
“क्या मैं सिर्फ यह शरीर हूँ? या मेरे अंदर कोई और शक्ति भी है जो इस शरीर को चला रही है?”

यह समझना हर इंसान के लिए आवश्यक है।


2. इस्लामिक दृष्टिकोण

क़ुरान शरीफ़ में कई जगह रूह (आत्मा) का ज़िक्र है।

सूरह अल-इस्रा 17:85:
“वे तुझसे रूह के बारे में पूछते हैं, कह दे कि रूह मेरे रब का हुक्म है।”

 अर्थ: रूह परमात्मा की ओर से आई हुई शक्ति है।


3. शरीर और आत्मा का अंतर (उदाहरण से)

शरीर और आत्मा का संबंध वैसा ही है जैसे –

  • बुलबुला और पानी: बुलबुले का आकार बदल सकता है, लेकिन पानी वही रहता है।

  • मोबाइल और बैटरी: मोबाइल सिर्फ उपकरण है, लेकिन बैटरी से ही चलता है। बैटरी हट जाए तो मोबाइल बेकार।

 इसी तरह, शरीर साधन है, आत्मा ऊर्जा है जो उसे चलाती है।


4. मुरली का समर्थन

साकार मुरली – 19 सितम्बर 2025:
“बच्चे, आत्मा ही इस शरीर को चलाती है। शरीर तो मिट्टी है। आत्मा निकली तो मिट्टी में मिल जाएगा।”

 असली “मैं” आत्मा हूँ, शरीर नहीं।


5. आत्मा की विशेषताएँ

  • अदृश्य, नाश-रहित

  • स्वभाव: शांति और पवित्रता

  • शरीर में स्थान: मध्य माथे के बीच बिंदु

मुरली – 5 सितम्बर 2025:
“आत्मा एक सितारे के समान इस शरीर के बीच वाले स्थान पर रहती है।”


6. क्यों ज़रूरी है आत्मा को जानना?

  • जब हम केवल शरीर मानते हैं → जाति, धर्म, रंग, भाषा का भेदभाव

  • जब हम आत्मा को पहचानते हैं → सब भाई हैं, नफ़रत मिटती, प्यार बढ़ता है

उदाहरण:
बल्ब अलग-अलग रंग के लगते हैं, पर असली शक्ति करंट है जो सबमें समान है।
इसी तरह हर इंसान की आत्मा समान शक्ति है।


7. आत्मा अमर है या नाशवान?

7.1 आत्मा का स्वभाव

  • अजर, अमर, अविनाशी

  • जन्म और मृत्यु नहीं लेती, शरीर बदलता है, आत्मा नहीं

Murli – 13 सितम्बर 1970:
“मीठे बच्चे, आत्मा अविनाशी है। शरीर नाशवान है। आत्मा शरीर बदलकर नया पार्ट बजाती है।”

उदाहरण: बिजली का करंट बल्ब बदलने पर भी वही रहता है।


7.2 आत्मा और शरीर का अंतर

  • शरीर: पंचतत्वों से बना, नाशवान

  • आत्मा: चेतन ज्योति बिंदु, अमर

  • शरीर का अंत होता है, आत्मा का नहीं

Murli – 4 मार्च 1975:
“बच्चे, देह नाशवान है, पर आत्मा अमर है। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती।”


7.3 आत्मा का अमरत्व – पुनर्जन्म का प्रमाण

  • आत्मा अपने संस्कार लेकर नया शरीर धारण करती है

Murli – 11 फरवरी 1982:
“आत्मा अपने संस्कार साथ ले जाती है। यह प्रमाण है कि आत्मा अमर है, केवल देह नष्ट होती है।”

उदाहरण: बीज नष्ट नहीं होता, बार-बार अंकुरित होता है।


7.4 आत्मा क्यों अमर है?

  • आत्मा परमात्मा की संतान है → अविनाशी

  • आत्मा ऊर्जा है → ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है

Murli – 16 जुलाई 1976:
“मीठे बच्चे, आत्मा को कोई जला नहीं सकता, मार नहीं सकता। आत्मा अविनाशी ज्वाला है।”

उदाहरण (वैज्ञानिक दृष्टिकोण): ऊर्जा नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है। आत्मा भी शुद्ध चेतन ऊर्जा है।


7.5 मृत्यु का रहस्य

  • मृत्यु केवल शरीर की होती है

  • आत्मा नया शरीर धारण करती है

Murli – 7 अगस्त 1978:
“बच्चे, आत्मा कभी मरती नहीं। आत्मा देह छोड़कर नया वस्त्र धारण करती है।”

उदाहरण: पुराना कपड़ा उतारकर नया पहनना


निष्कर्ष – आत्मा अमर है

  • आत्मा अविनाशी और अमर है

  • शरीर नाशवान और अस्थायी है

  • आत्मा अनश्वर ड्रामा में बार-बार अलग-अलग शरीर लेकर पार्ट बजाती है

Murli – 10 जनवरी 1971:
“मीठे बच्चे, आत्मा और ड्रामा दोनों अविनाशी हैं। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती।”


अगले एपिसोड में हम लेंगे:
“परमात्मा कौन है? क्या वह हर जगह है या एक स्थान पर है?”

क्या इंसान केवल शरीर है? – आत्मा का रहस्य


प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: अक्सर लोग अपने बारे में क्या सोचते हैं?
उत्तर:
अक्सर हम सोचते हैं –
“क्या मैं सिर्फ यह शरीर हूँ? या मेरे अंदर कोई और शक्ति भी है जो इस शरीर को चला रही है?”
यह समझना हर इंसान के लिए आवश्यक है।


प्रश्न 2: इस्लामिक दृष्टिकोण में आत्मा के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर:
क़ुरान शरीफ़ में रूह (आत्मा) का ज़िक्र है।

सूरह अल-इस्रा 17:85:
“वे तुझसे रूह के बारे में पूछते हैं, कह दे कि रूह मेरे रब का हुक्म है।”

अर्थ: रूह परमात्मा की ओर से आई हुई शक्ति है।


प्रश्न 3: शरीर और आत्मा का अंतर किस उदाहरण से समझाया जा सकता है?
उत्तर:

  1. बुलबुला और पानी: बुलबुले का आकार बदल सकता है, लेकिन पानी वही रहता है।

  2. मोबाइल और बैटरी: मोबाइल सिर्फ उपकरण है, लेकिन बैटरी से ही चलता है। बैटरी हट जाए तो मोबाइल बेकार।

सीख: शरीर साधन है, आत्मा ऊर्जा है जो उसे चलाती है।


प्रश्न 4: मुरली में आत्मा के बारे में क्या कहा गया है?
उत्तर:
साकार मुरली – 19 सितम्बर 2025:
“बच्चे, आत्मा ही इस शरीर को चलाती है। शरीर तो मिट्टी है। आत्मा निकली तो मिट्टी में मिल जाएगा।”

सीख: असली “मैं” आत्मा हूँ, शरीर नहीं।


प्रश्न 5: आत्मा की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:

  1. अदृश्य और नाश-रहित

  2. स्वभाव: शांति और पवित्रता

  3. शरीर में स्थान: मध्य माथे के बीच बिंदु

साकार मुरली – 5 सितम्बर 2025:
“आत्मा एक सितारे के समान इस शरीर के बीच वाले स्थान पर रहती है।”


प्रश्न 6: आत्मा को जानना क्यों ज़रूरी है?
उत्तर:

  • यदि हम केवल शरीर मानते हैं → जाति, धर्म, रंग, भाषा के भेदभाव

  • यदि हम आत्मा को पहचानते हैं → सब भाई हैं, नफ़रत मिटती, प्यार बढ़ता है

उदाहरण: बल्ब अलग-अलग रंग के लगते हैं, पर असली शक्ति करंट है जो सबमें समान है।
इसी तरह हर इंसान की आत्मा समान शक्ति है।


प्रश्न 7: क्या आत्मा अमर है या नाशवान?

उत्तर:
7.1 आत्मा का स्वभाव:

  • अजर, अमर, अविनाशी

  • जन्म और मृत्यु नहीं लेती, शरीर बदलता है, आत्मा नहीं

मुरली – 13 सितम्बर 1970:
“मीठे बच्चे, आत्मा अविनाशी है। शरीर नाशवान है। आत्मा शरीर बदलकर नया पार्ट बजाती है।”

उदाहरण: बिजली का करंट बल्ब बदलने पर भी वही रहता है।


7.2 शरीर और आत्मा का अंतर:

  • शरीर: पंचतत्वों से बना, नाशवान

  • आत्मा: चेतन ज्योति बिंदु, अमर

मुरली – 4 मार्च 1975:
“बच्चे, देह नाशवान है, पर आत्मा अमर है। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती।”


7.3 आत्मा का अमरत्व – पुनर्जन्म का प्रमाण:

  • आत्मा अपने संस्कार लेकर नया शरीर धारण करती है

मुरली – 11 फरवरी 1982:
“आत्मा अपने संस्कार साथ ले जाती है। यह प्रमाण है कि आत्मा अमर है, केवल देह नष्ट होती है।”

उदाहरण: बीज नष्ट नहीं होता, बार-बार अंकुरित होता है।


7.4 आत्मा क्यों अमर है?

  • आत्मा परमात्मा की संतान है → अविनाशी

  • आत्मा ऊर्जा है → ऊर्जा कभी नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है

मुरली – 16 जुलाई 1976:
“मीठे बच्चे, आत्मा को कोई जला नहीं सकता, मार नहीं सकता। आत्मा अविनाशी ज्वाला है।”

उदाहरण (वैज्ञानिक दृष्टिकोण): ऊर्जा नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है। आत्मा भी शुद्ध चेतन ऊर्जा है।


7.5 मृत्यु का रहस्य:

  • मृत्यु केवल शरीर की होती है

  • आत्मा नया शरीर धारण करती है

मुरली – 7 अगस्त 1978:
“बच्चे, आत्मा कभी मरती नहीं। आत्मा देह छोड़कर नया वस्त्र धारण करती है।”

उदाहरण: पुराना कपड़ा उतारकर नया पहनना।


निष्कर्ष – आत्मा अमर है

  • आत्मा अविनाशी और अमर है

  • शरीर नाशवान और अस्थायी है

  • आत्मा अनश्वर ड्रामा में बार-बार अलग-अलग शरीर लेकर पार्ट बजाती है

मुरली – 10 जनवरी 1971:
“मीठे बच्चे, आत्मा और ड्रामा दोनों अविनाशी हैं। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती।”


अगले एपिसोड में:
“परमात्मा कौन है? क्या वह हर जगह है या एक स्थान पर है?”

Disclaimer

यह वीडियो ब्रह्मा कुमारी आध्यात्मिक शिक्षाओं, मुरली और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित है। इसमें दिए गए विचार किसी व्यक्ति, धर्म या समुदाय का अपमान नहीं करते। उद्देश्य केवल आध्यात्मिक ज्ञान और आत्मा की समझ साझा करना है।

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