(12)फरिश्ताआत्मा: सभी को भाई-भाई की दृष्टि से क्यों और कैसे देखती है?
“फरिश्ता आत्मा की पहचान और भाई भाई की दृष्टि |”
फरिश्ता आत्मा और भाई भाई की दृष्टि
विषय परिचय
आज हम 12वां विषय चर्चा में लाए हैं: फरिश्ता आत्मा।
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प्रश्न: फरिश्ता आत्मा सभी को भाई भाई की दृष्टि से क्यों और कैसे देखती है?
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अवलोकन: आज संसार में सबसे बड़ी कमी है भाईचारे की दृष्टि।
उदाहरण: जाति, धर्म, भाषा और विचारों के भेद ने आत्माओं को बाँट दिया है।
Murli Reference: Avyakt Murli, 25 जनवरी 1970
फरिश्ता आत्मा की पहचान
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फरिश्ता आत्मा सभी को आत्मा भाई भाई की दृष्टि से देखती है।
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सार: हर आत्मा परमात्मा की संतान है; इसलिए सब भाई भाई हैं।
उदाहरण: जैसे एक ही पिता के बच्चे अलग-अलग वेशभूषा में हों, फिर भी वे भाई भाई हैं।
Murli Reference: Sakar Murli, 16 अप्रैल 1969
देह के आधार पर भेदभाव माया है
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देह, रूप, धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव करना माया है।
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फरिश्ता आत्मा केवल आत्मा को देखती है, न कि देह को।
उदाहरण: डॉक्टर ऑपरेशन करते समय रोगी का केवल शरीर देखते हैं, धर्म या रूप नहीं।
Murli Reference: Avyakt Murli, 18 मार्च 1975
भाई भाई की दृष्टि का महत्व
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जहाँ भाई भाई की दृष्टि है, वहाँ श्रेष्ठता और न्यूनता की भावना समाप्त हो जाती है।
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सब आत्माएं समान हैं, जैसे एक दीपक की लौ से जले सभी दीपक समान रोशनी देते हैं।
Murli Reference: Sakar Murli, 22 अगस्त 1968
फरिश्ता की सेवा और वाइब्रेशन
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फरिश्ता आत्मा सभी को आत्मा मानकर देखती है।
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इससे सबको शांति और समानता का अनुभव होता है।
उदाहरण: जैसे आसमान सब पर समान रूप से छाया देता है, अमीर-गरीब का भेद नहीं करता।
Murli Reference: Avyakt Murli, 14 जून 1977
भाई भाई की दृष्टि और विश्व कल्याण
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भाई भाई की दृष्टि ही विश्व कल्याण का आधार है।
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अगर सब एक दूसरे को भाई मानें, तो युद्ध, लालच और झगड़े समाप्त हो जाते हैं।
Murli Reference: Sakar Murli, 5 सितंबर 1969
निष्कर्ष: फरिश्ता आत्मा की असली पहचान यही है – सबको भाई भाई की दृष्टि से देखना।
निष्कर्ष
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फरिश्ता आत्मा: सभी आत्माओं को भाई भाई की दृष्टि से देखती है।
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यही दृष्टि हमें पवित्र बनाती है और विश्व में सच्चा भाईचारा स्थापित करती है।
फरिश्ता आत्मा और भाई भाई की दृष्टि | Murli Knowledge
प्रश्न: फरिश्ता आत्मा किसे कहते हैं?
उत्तर: फरिश्ता आत्मा वह आत्मा है जो सभी को भाई भाई की दृष्टि से देखती है। वह किसी के धर्म, जाति, रूप या वेशभूषा के आधार पर भेदभाव नहीं करती।
प्रश्न: आज संसार में सबसे बड़ी कमी क्या है?
उत्तर: संसार में सबसे बड़ी कमी है भाईचारे की दृष्टि। लोग जाति, धर्म, भाषा और विचारों के भेद से अलग-अलग समूहों में बंट गए हैं।
प्रश्न: भाई भाई की दृष्टि का महत्व क्या है?
उत्तर: भाई भाई की दृष्टि से देखने का मतलब है कि सभी आत्माएं परमात्मा की संतान हैं, इसलिए सभी समान हैं। यह दृष्टि श्रेष्ठता और न्यूनता की भावना समाप्त करती है और विश्व कल्याण का आधार बनती है।
प्रश्न: देह के आधार पर भेदभाव क्यों माया है?
उत्तर: जब हम किसी को उसके शरीर, रूप या जाति के आधार पर देखते हैं, तो यह माया की शक्ति के प्रभाव में है। फरिश्ता आत्मा केवल आत्मा को देखती है, न कि देह को।
प्रश्न: फरिश्ता आत्मा की सेवा का प्रभाव क्या होता है?
उत्तर: फरिश्ता आत्मा सभी को आत्मा मानकर देखती है। इससे सबको शांति, समानता और प्रेम का अनुभव होता है। जैसे आसमान सब पर समान रूप से छाया देता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा सभी पर समान दृष्टि रखती है।
प्रश्न: भाई भाई की दृष्टि और विश्व कल्याण में क्या संबंध है?
उत्तर: यदि सभी लोग एक-दूसरे को भाई समझें तो युद्ध, लालच और झगड़े समाप्त हो जाते हैं। भाई भाई की दृष्टि ही सतयुग की नीव और विश्व कल्याण का आधार है।
प्रश्न: फरिश्ता आत्मा की असली पहचान क्या है?
उत्तर: फरिश्ता आत्मा की असली पहचान यही है कि वह सभी आत्माओं को भाई भाई की दृष्टि से देखती है। यही दृष्टि हमें पवित्र बनाती है और विश्व में सच्चा भाईचारा स्थापित करती है।
Disclaimer / डिस्क्लेमर:
“यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज़ के आध्यात्मिक शिक्षाओं और 25 जनवरी 1970 की अव्यक्त मुरली पर आधारित है। इसमें दिए गए विचार केवल आध्यात्मिक मार्गदर्शन के उद्देश्य से हैं। यह किसी धर्म, जाति, या व्यक्ति का प्रचार या आलोचना नहीं करता। दर्शक अपनी विवेकबुद्धि से इन शिक्षाओं का पालन करें।”
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