(14)फरिश्ताआत्मा: संगमयुग पर ही मुक्ति और जीवनमुक्ति का अनुभव
“फरिश्ता आत्मा का अद्भुत अनुभव | मुक्ति धाम और जीवन मुक्ति अभी से | संगम युग रहस्य”
फरिश्ता शक्ति – मुक्ति और जीवन मुक्ति
परिचय: आज का विषय
आज हम फरिश्ता शक्ति के 14वें विषय पर चर्चा करेंगे – कैसे फरिश्ता आत्मा संगम युग पर ही मुक्ति और जीवन मुक्ति का अनुभव करती है।
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मुख्य प्रश्न: कैसे हम इस अवस्था को बनाकर सेवा कर सकते हैं?
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मुख्य लक्ष्य: मुक्ति धाम और जीवन मुक्ति का अनुभव करना।
मुरली नोट: अव्यक्त मुरली, 30 जनवरी 1970
संसार में आत्माओं की साधना
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दुनिया की आत्माएं मुक्ति की खोज में अनेक जन्मों से साधना करती रही हैं।
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मुरली नोट: संगम युग पर फरिश्ता आत्मा को पहले से ही मुक्ति और जीवन मुक्ति का स्वाद मिलता है।
उदाहरण:
जैसे कोई यात्री मंजिल तक पहुँचने से पहले वातावरण देखकर अनुमान लगा लेता है कि वह अपने घर के नज़दीक है।
फरिश्ता आत्मा की अवस्था
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केंद्रित अनुभव: आत्मा को आशरीरी/अशरीरी समझना।
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शरीर की विस्मृति होना → मैं आत्मा हूँ।
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मुरली नोट: साकार मुरली 25 फरवरी 1969 – मुक्ति धाम का अनुभव संपूर्ण शांति।
उदाहरण:
गहरी नींद में आत्मा देह की हलचल से परे हो जाती है, वैसे ही राजयोग में आत्मा शांति धाम का अनुभव करती है।
जीवन मुक्ति का अनुभव
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अर्थ: सतयुग का सुख, शरीर में रहते हुए दुख, बोझ और बंधनों से मुक्ति।
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मुरली नोट: अव्यक्त मुरली 11 मई 1975 – जीवन मुक्ति का अर्थ।
उदाहरण:
कमल जल में रहता है, परंतु जल उसके ऊपर नहीं लगता। इसी तरह परिश्ता आत्मा संसार में रहते हुए भी सतयुग जैसी निर्मलता अनुभव करती है।
फरिश्ता की विशेषता
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दोनों धाम का अनुभव – मुक्ति धाम और जीवन मुक्ति।
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अभी से ही शांति धाम और सतयुग की झलक मिलना।
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मुरली नोट: साकार मुरली 12 अगस्त 1968
उदाहरण:
जैसे परीक्षा से पहले परिणाम का अंदाजा लगाकर छात्र निश्चिंत हो जाता है। वैसे ही फरिश्ता आत्मा को पहले से ही मुक्ति और जीवन मुक्ति का अनुभव मिल जाता है।
भविष्य का अनुभव
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आत्मा संगम युग में अभी से अपने भविष्य का अनुभव करती है।
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मुरली नोट: अव्यक्त मुरली 18 जुलाई 1977
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यह अनुभव स्थिर और निश्चिंत बनाता है, परिस्थितियों से अप्रभावित।
उदाहरण:
जैसे कोई छात्र रिजल्ट से पहले पास होने का विश्वास पा ले, उसकी मेहनत और हलचल आसान हो जाती है।
निष्कर्ष
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फरिश्ता आत्मा संगम युग पर ही मुक्ति धाम की शांति और जीवन मुक्ति का सुख अनुभव करती है।
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यह अनुभव आत्मा को निश्चिंत, हल्का और आनंदमय बनाता है।
Questions & Answers
Q1: फरिश्ता आत्मा क्या है?
A1: फरिश्ता आत्मा वह है जो सभी आत्माओं को भाई-भाई की दृष्टि से देखती है और पराया-अपना का भेद नहीं करती। वह अपने अनुभव से शांति और समानता फैलाती है।
(मुरली नोट: अव्यक्त मुरली 30 जनवरी 1970)
Q2: मुक्ति धाम का अनुभव कैसे होता है?
A2: मुक्ति धाम का अनुभव तब होता है जब आत्मा अशरीरी अवस्था में रहती है, अर्थात शरीर की विस्मृति हो और आत्मा शांति और मुक्त अवस्था का अनुभव करे।
(मुरली नोट: साकार मुरली 25 फरवरी 1969)
Q3: जीवन मुक्ति का अर्थ क्या है?
A3: जीवन मुक्ति का अर्थ है शरीर में रहते हुए भी दुख, बोझ और बंधनों से मुक्त रहना और सतयुग के सुख का अनुभव करना।
(मुरली नोट: अव्यक्त मुरली 11 मई 1975)
Q4: फरिश्ता आत्मा क्यों और कैसे भविष्य का अनुभव करती है?
A4: संगम युग में राजयोग की साधना से आत्मा अभी से अपने भविष्य का अनुभव करती है, जिससे वह निश्चिंत और स्थिर रहती है।
(मुरली नोट: अव्यक्त मुरली 18 जुलाई 1977)
Q5: फरिश्ता आत्मा की विशेषता क्या है?
A5: फरिश्ता आत्मा दोनों धाम का अनुभव करती है – मुक्ति धाम की शांति और जीवन मुक्ति का सुख। यह अनुभव उसे हल्का, निश्चिंत और आनंदमय बनाता है।
(मुरली नोट: साकार मुरली 12 अगस्त 1968)
Q6: उदाहरण के रूप में फरिश्ता आत्मा का अनुभव किससे तुलना किया गया है?
A6: जैसे परीक्षा से पहले छात्र रिजल्ट का अंदाजा लगाकर निश्चिंत हो जाता है, वैसे ही फरिश्ता आत्मा संगम युग में मुक्ति और जीवन मुक्ति का अनुभव पहले से ही कर लेती है।
डिस्क्लेमर (Disclaimer):
यह वीडियो ब्रह्माकुमारी आध्यात्मिक शिक्षाओं और मुरली संदेशों पर आधारित है। जानकारी आध्यात्मिक ज्ञान साझा करने के उद्देश्य से है और किसी धर्म या समुदाय विशेष पर टिप्पणी नहीं करती।
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