विश्व नाटक :-(07)स्थाई अवस्था सिद्धांत ब्रह्मांड की नियतता पर विज्ञान और मुरली की नजर।
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
शांति विश्व नाटक
कैसे शुरू हुआ?
कैसे चलता है?
इसको अच्छी तरह समझने के लिए हम आज इसका सातवा पाठ कर रहे हैं —
स्थाई अवस्था सिद्धांत
ब्रह्मांड की नियतता पर विज्ञान और मुरली की नजर।
यह एक विचार है — स्थाई अवस्था सिद्धांत — कि कोई भी चीज़ परमानेंट अवस्था में रहती है।
इस सिद्धांत को हम आज अच्छी तरह से समझने का प्रयास करेंगे।
स्थाई अवस्था सिद्धांत का परिचय
सबसे पहले जानेंगे — यह सिद्धांत है क्या?
स्थाई अवस्था सिद्धांत (The Steady State Theory)
एक ऐसा ब्रह्मांडीय मॉडल है जिसे वैज्ञानिक हारमन बॉन्डी, थॉमस गोल्ड और फ्रेड होयल ने 1948 में प्रस्तुत किया।
यह सिद्धांत बिग बैंग सिद्धांत के विरोध में आया।
बिग बैंग सिद्धांत कहता है — एक विस्फोट हुआ और उससे ब्रह्मांड फैलता गया।
परंतु यह सिद्धांत कहता है कि ब्रह्मांड निरंतर समय और स्थान में समान रहता है।
इसे पूर्ण ब्रह्मांडीय सिद्धांत (Perfect Cosmological Principle) कहा गया।
इस सिद्धांत के अनुसार —
शून्य से हाइड्रोजन का सतत निर्माण होता है।
अर्थात शून्य में कुछ नहीं है, पर वहां से हाइड्रोजन अपने आप बनती रहती है।
जिससे विश्व का घनत्व स्थिर रहता है।
उदाहरण: यदि कोई गैलेक्सी लुप्त हो जाए, तो उसकी जगह शून्य से नई गैलेक्सी बन जाती है।
इस प्रकार ब्रह्मांड किसी प्रेक्षक को स्थाई जैसा प्रतीत होता है।
माइलन का ब्रह्मांडीय सिद्धांत
वैज्ञानिक एडवर्ड आर्थर माइलन ने कहा —
ब्रह्मांड स्थान से निरीक्षक के लिए समान स्थिति में दिखता है।
उन्होंने इसे सममितता और समान घनत्व पर आधारित बताया।
इस विचार के अनुसार ब्रह्मांड अनंत है और हर जगह लगभग समान दिखाई देता है।
वैज्ञानिकों की चिंता और आलोचना
स्थाई अवस्था सिद्धांत के आलोचक कहते हैं —
ब्रह्मांड लगातार विस्तृत हो रहा है,
गैलेक्सियाँ एक-दूसरे से दूर होती जा रही हैं,
और तारों के अंदर हाइड्रोजन लगातार हीलियम और अन्य जटिल परमाणुओं में परिवर्तित हो रही है।
ये तथ्य इस सिद्धांत के विरोध में हैं।
इसलिए कहा गया कि ब्रह्मांड स्थाई नहीं, बल्कि बदल रहा है।
एक अन्य विचार यह भी था कि गैलेक्सियों पर हल्का-सा धनात्मक आवेश होता है,
जो उन्हें परस्पर आकर्षित कर स्थिर रख सकता है।
पर यह केवल अटकल थी — वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं।
मुरली के प्रकाश में स्थाई अवस्था
15 अप्रैल 2025 की मुरली में बाबा कहते हैं —
“सृष्टि में निरंतर निर्माण और विनाश का चक्र चलता है।
यह तत्व निर्माण की प्रक्रिया है, पर इसका रहस्य परमात्मा के हाथ में है।
वैज्ञानिक केवल आंशिक सत्य तक ही पहुँच पाते हैं।”
20 जून 2025 की मुरली कहती है —
“सृष्टि का स्थाई रहना और बदलना — दोनों परमात्मा की दिव्य योजना के हिस्से हैं।
विज्ञान की सीमाएँ इस रहस्य को पूर्ण रूप से नहीं समझ सकतीं।”
निष्कर्ष
स्थाई अवस्था सिद्धांत ने ब्रह्मांड की निरंतरता की कल्पना की,
पर वैज्ञानिक प्रमाण इसके समर्थन में नहीं हैं।
शून्य से हाइड्रोजन का निर्माण — यह व्यवहारिक रूप से असंभव है।
मुरली का ज्ञान कहता है —
सृष्टि का रहस्य परमात्मा की योजना में निहित है,
और मानव विज्ञान अपने स्तर तक ही सीमित है।
अर्थात —
ना बिग बैंग सिद्धांत पूरी तरह सत्य है,
ना ही स्थाई अवस्था सिद्धांत पूर्ण है।
सृष्टि की वास्तविकता परमात्मा ही जानते हैं।
अगले विषय का परिचय
क्या यह सृष्टि ईश्वर निर्मित है या जीवन से जीवन निर्माण होता है?
यह हम अगले वीडियो में जानेंगे।

