(19)Shri Krishna is born in Kansa’s prison. Do such sins happen in heaven too?

(19)श्रीकृष्ण का जन्म कंस की जेल में होता है क्या स्वर्ग मे भी यह पाप होते हैं?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

श्रीकृष्ण का जन्म कंस की जेल में क्यों बताया गया है? | स्वर्ग में पाप कैसे?” | BK ज्ञान द्वारा सच्चाई जानें

“क्या स्वर्ग में भी पाप हो सकते हैं?
क्या श्रीकृष्ण का जन्म सचमुच कंस की जेल में हुआ था?
क्या श्रीकृष्ण नर्क में जन्मे या स्वर्ग में?”

आज हम जानेंगे इस गूढ़ रहस्य को – ब्रह्मा कुमारीज़ के आध्यात्मिक ज्ञान की रोशनी में।

ओम् शांति प्यारे आत्माओं! 🙏
आपने भागवत में पढ़ा होगा कि श्रीकृष्ण का जन्म कंस की जेल में हुआ था…
तो एक सवाल अपने आप उठता है—अगर श्रीकृष्ण स्वर्ग के राजकुमार हैं, तो उनका जन्म नर्क में कैसे हो सकता है?

आइए, इस रहस्य को समझते हैं बाबा के ज्ञान से, जो हमें सत्य ज्ञान देता है – यथार्थ रूप में श्रीकृष्ण कौन हैं और उनका जन्म कैसे होता है।

🌀 जन्म “कंस की जेल” में क्यों बताया गया?

बाबा कहते हैं—कृष्ण का जन्म कोई लौकिक घटना नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है।
‘कंस की जेल’ कोई ईंट-पत्थर की जेल नहीं है…
यह प्रतीक है—आज के कलियुगी नर्क जैसी दुनिया का, जहाँ पाप, अंधकार और भय का बोलबाला है।

👉🏻 इस युग में, जब चारों ओर अधर्म फैला होता है…
तब ‘कृष्ण’ स्वरूप यानी सम्पूर्ण दिव्य आत्मा जन्म लेती है—एक ऐसी दुनिया में जो कंस (अहंकार) और रावण (विकार) के वश में है।

🌟 तो श्रीकृष्ण का जन्म वास्तव में कब होता है?

बाबा के अनुसार—कृष्ण का जन्म “संगम युग” में होता है।
जब रावणराज्य खत्म होने वाला होता है और नई दुनिया की शुरुआत होती है।
यह वही समय है जब ब्रह्मा बाबा—अपने ब्राह्मण जीवन के अंत में—विष्णु स्वरूप को प्राप्त करते हैं।

📿 ब्रह्मा से विष्णु बनने की यात्रा

ब्रह्मा बाबा का लक्ष्य था—विष्णु बनना।
उन्होंने बच्चों को सिखाया—“अपने चतुर्भुज स्वरूप को याद करो।”
क्योंकि चतुर्भुज (चार भुजाएं) का अर्थ है—संपूर्णता।
दो हाथ पुरुष के, दो हाथ नारी के—अर्थात दोनों गुणों से परिपूर्ण आत्मा।

🎭 तीन दिव्य रोल एक ही आत्मा के

बाबा ने हमें यह भी समझाया कि—स्थापनाकार ब्रह्मा,
विनाशकारी शंकर,
और पालनकर्ता विष्णु—ये तीनों कार्य एक ही आत्मा करती है।
यानी ब्रह्मा बाबा ही वही आत्मा हैं जो आगे चलकर श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेते हैं।

📅 बाबा की लीला: 33-33-33 वर्ष

  • साकार ब्रह्मा के रूप में – 33 वर्ष

  • अव्यक्त शंकर के रूप में – 33 वर्ष

  • और फिर—18 जनवरी 2000 से कृष्ण के रूप में जन्म लिया—Advance पार्टी में।

⚠️ परंतु यह जन्म गुप्त होता है।
कोई नहीं जानता कि वह आत्मा किसके रूप में जन्मी है।
लेकिन वह सेवा कर रही है—नई दुनिया के पहले राजा लक्ष्मी-नारायण बनने के लिए।

तो अगली बार जब आप सुनें कि
“श्रीकृष्ण का जन्म जेल में हुआ”,
तो समझिए कि यह आज की अज्ञानता से भरी दुनिया का प्रतीक है,
और श्रीकृष्ण का वास्तविक जन्म उस आत्मा का पुनर्जन्म है—जो बाबा के मार्गदर्शन से संपूर्णता को प्राप्त कर चुका है।

🧘‍♂️ हम सभी का लक्ष्य वही है—
ब्रह्मा से विष्णु बनना।
अधर्म से धर्म में आना।
नर्क से स्वर्ग की ओर जाना।

🌟 ये आपका अधिकार है कि आप सच्चे ज्ञान को जानें।
जय हो। कृष्ण का जन्म नर्क में क्यों?
श्रीकृष्ण के एक चित्र के पीछे जेल के प्रतीक, नीचे “BK ज्ञान से सत्य जानिए”

(वीडियो शीर्षक):“श्रीकृष्ण का जन्म कंस की जेल में क्यों बताया गया है? | स्वर्ग में पाप कैसे? | BK ज्ञान द्वारा सच्चाई जानें”

“क्या स्वर्ग में भी पाप होते हैं?
कृष्ण जेल में क्यों जन्मे?”

नीचे जेल के पीछे कृष्ण की छवि और लाल बॉक्स में:
“ज्ञान से सत्य जानिए”


🟡 Q1: क्या स्वर्ग में भी पाप होते हैं?

🔹 उत्तर:नहीं। बाबा के अनुसार, स्वर्ग एक पवित्र, सतयुगी दुनिया होती है जहाँ पाप और दुख का नामोनिशान नहीं होता।
जो भी पाप, हिंसा, अन्याय और अंधकार हम देखते हैं—वह इस कलियुगी नरक की पहचान है।
स्वर्ग में कभी कोई कंस या रावण नहीं होता।


🟡 Q2: तो फिर श्रीकृष्ण का जन्म कंस की जेल में क्यों बताया गया है?

🔹 उत्तर:यह एक प्रतीकात्मक भाषा है।
कंस की जेल’ कोई वास्तविक जेल नहीं, बल्कि इस अज्ञानता भरी दुनिया का संकेत है—जहाँ आत्माएं बंधन में हैं, दुख में हैं, और अधर्म का बोलबाला है।
बाबा कहते हैं: श्रीकृष्ण का जन्म ‘नर्क’ में नहीं, बल्कि ‘नर्क जैसी दुनिया’ के अंत में—संगम युग में होता है।


🟡 Q3: श्रीकृष्ण का जन्म वास्तव में कब और कैसे होता है?

🔹 उत्तर:संगम युग में, जब रावणराज्य समाप्त हो रहा होता है और नया युग (सतयुग) शुरू होने वाला होता है—तब दिव्य आत्मा सम्पूर्ण बनकर कृष्ण स्वरूप को प्राप्त करती है।
यही जन्म है श्रीकृष्ण का—आध्यात्मिक जन्म, कोई देही जन्म नहीं।

🟡 Q4: श्रीकृष्ण कौन आत्मा है? क्या वह कोई और नहीं बल्कि ब्रह्मा बाबा ही हैं?

🔹 उत्तर:बिलकुल! बाबा के अनुसार:
ब्रह्मा = शंकर = विष्णु = श्रीकृष्ण
तीनों रोल एक ही आत्मा निभाती है।

  • 33 साल साकार ब्रह्मा रूप में (स्थापनाकर्ता)

  • 33 साल अव्यक्त शंकर रूप में (विनाश कार्य हेतु)

  • और फिर 18 जनवरी 2000 से दिव्य सेवा करते हुए कृष्ण रूप में—पालनकर्ता रूप में कार्य करता है।


🟡 Q5: क्या यह जन्म कोई देख सकता है?

🔹 उत्तर:नहीं। यह जन्म गुप्त होता है।
उस आत्मा ने Advance पार्टी में जन्म लिया है, पर यह रहस्य तभी खुलेगा जब वह आत्मा पूर्ण रूप से लक्ष्मी-नारायण बन सिंहासन पर बैठेगी।


🟡 Q6: तो हमारा क्या लक्ष्य है?

🔹 उत्तर:बाबा कहते हैं:
ब्रह्मा से विष्णु बनना।
हर आत्मा को सम्पूर्ण चतुर्भुज स्वरूप (संपूर्ण गुणों वाला) बनना है।
अहंकार (कंस), विकार (रावण) का नाश करके—स्वयं को पुनः कृष्ण की तरह दिव्य बनाना है।

तो अब जब भी आप सुनें कि “कृष्ण का जन्म जेल में हुआ”, तो जानिए—वो इस नर्क जैसी दुनिया का प्रतीक है।
और सच्चा कृष्ण जन्म है—संपूर्ण आत्मा का पुनर्जन्म, संगम युग में।

🕊️ जानिए और बनिए—स्वर्ग के निर्माता।

श्रीकृष्ण का जन्म, कंस की जेल, श्रीकृष्ण का वास्तविक जन्म, बीके ज्ञान, ब्रह्मा कुमारिज, संगम युग, स्वर्ग में पाप, नरक और स्वर्ग, ब्रह्मा कुमारी कृष्णा, बीके मुरली ज्ञान, श्रीकृष्ण कौन हैं, ब्रह्मा से विष्णु, विष्णु स्वरूप, बाबा का ज्ञान, आध्यात्मिक जन्म, रहस्यमयी कृष्ण जन्म, कृष्ण जेल में क्यों अजीब, कृष्ण का गुप्त जन्म, कृष्ण का जन्म सत्य, ब्रह्मा बाबा कृष्ण, श्रीकृष्ण का गूढ़ रहस्य, एडवांस पार्टी कृष्ण, लक्ष्मी नारायण की आत्मा, भगवत गीता रहस्य, आध्यात्मिक कृष्ण ज्ञान, ॐ शांति वीडियो, ब्रह्मा कुमारी शिक्षाएँ,

Birth of Shri Krishna, Kansa’s prison, real birth of Shri Krishna, BK knowledge, Brahma Kumaris, Sangam era, sin in heaven, hell and heaven, Brahma Kumaris Krishna, BK murli gyan, who is Shri Krishna, Brahma to Vishnu, Vishnu form, knowledge of Baba, spiritual birth, mysterious Krishna birth, why Krishna was born in jail, secret birth of Krishna, truth of Krishna’s birth, Brahma Baba Krishna, deep secret of Shri Krishna, advance party krishna,soul of lakshmi narayan,bhagwat gita secrets,spiritual krishna knowledge,om shanti video,brahma kumaris teachings,