23-08-2025/Read today’s Murli in big letters, listen and contemplate

23-08-2025/आज की मुरली बड़े-बड़े अक्षरों में पढ़े सुनें और मंथन करे

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“बच्चे अपने देश को याद कर पुकारते हैं – शिवबाबा का मीठा संदेश | ब्रह्माकुमारी ज्ञान”


भाषण : मुख्य शीर्षकों सहित

1. हम कौन हैं और कहाँ से आये हैं?

  • बाबा कहते हैं – बच्चे, तुम पहले भी दूरदेश से, पराये देश में आये थे।

  • यह पराया देश है – दुख और अस्थायी सुख का स्थान।

  • इसलिए आत्मा पुकारती है – “बाबा, हमें अपने देश, अपने घर ले चलो।”


2. बाबा का अद्भुत उत्तरदायित्व

  • परमपिता परमात्मा बच्चों की पुकार सुनकर खुशी से आते हैं।

  • जो आत्माएँ काम चिता में जल चुकी हैं, उन्हें पवित्र बनाकर अपने घर ले जाने का वचन देते हैं।

  • ज्ञान से श्रृंगार कराते हैं ताकि हम स्वर्ग की राजधानी के योग्य बन सकें।


3. ज्ञान का सागर क्यों आता है?

  • बाबा कहते हैं – मैं आता हूँ नई दुनिया की स्थापना के लिए।

  • यह पुरानी दुनिया जैसे बांस का जंगल है, इसे आग लगकर समाप्त होना ही है।

  • धर्म संस्थापक आते हैं सिर्फ अपना धर्म स्थापित करने, परन्तु विनाश और स्थापना दोनों का कार्य मैं कराता हूँ।


4. त्रिमूर्ति और स्वदर्शन चक्र का रहस्य

  • ब्रह्मा द्वारा स्थापना, शंकर द्वारा विनाश और विष्णु द्वारा पालना।

  • ब्रह्मा बाबा पहले मनुष्य से देवता बनते हैं – ब्रह्मा सो विष्णु।

  • स्वदर्शन चक्र का अर्थ – आत्मा को अपने 84 जन्मों की यात्रा का ज्ञान।


5. सच्चा राजयोग और हठयोग का अंतर

  • सन्यासियों का मार्ग है हठयोग, जिसमें केवल शांति का अनुभव।

  • बाबा सिखाते हैं राजयोग – जिससे आत्मा कमल समान पवित्र बनती है।

  • इसी योगबल से हम मनुष्य से देवता बनते हैं।


6. भक्ति से ज्ञान की यात्रा

  • पहले हम पूज्य थे, फिर पुजारी बने।

  • अब बाबा हमें फिर से पूज्य बनाने आये हैं।

  • यही सबसे बड़ी खुशी है – कि अब हम अपने असली राज्य का ताज पहनेंगे।


7. श्रृंगार का अर्थ – पवित्रता और योगबल

  • बाबा कहते हैं – बच्चे, याद से विकर्म विनाश करो।

  • श्रृंगार का मतलब – आत्मा को पवित्र और सतोप्रधान बनाना।

  • जो ऐसा करेंगे, वे बाबा की बरात में सम्मिलित होंगे।


8. ड्रामा का अद्भुत खेल

  • जो कुछ घट रहा है – सब 5000 वर्ष पहले भी ऐसा हुआ था।

  • यह ज्ञान केवल अभी मिलता है, सतयुग में आवश्यकता नहीं रहती।

  • बाबा का यह वंडरफुल पार्ट केवल संगमयुग में ही चलता है।


9. निष्कर्ष – मीठा संदेश

  • बाबा रोज़ कहते हैं – अपने को आत्मा समझो और मुझे याद करो।

  • यही है कर्म विनाश और सुखद भविष्य की चाबी।

  • मीठे-मीठे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग।

“पराये देश में आत्मा की पुकार – शिवबाबा का दिव्य संदेश | प्रश्नोत्तर रूप”


प्रश्नोत्तर (Q&A) प्रारूप

प्रश्न 1: आत्मा को ‘पराया देश’ क्यों कहा गया है?

उत्तर:पराया देश है यह दुखों का संसार, जहाँ आत्मा अपने असली घर शान्तिधाम से दूर आकर बंधनों में फँस गई है। आत्मा वहाँ की शांति और सुख को याद कर पुकारती है – “बाबा, हमें अपने घर ले चलो।”


प्रश्न 2: परमात्मा कब और क्यों आते हैं?

उत्तर:जब आत्माएँ अत्यधिक दुखी हो जाती हैं, पापों से जड़जड़ीभूत हो जाती हैं, तब परमपिता परमात्मा आते हैं। वह बच्चों को पवित्र बनाकर अपने घर ले जाने और स्वर्ग में भेजने के लिए आते हैं।


प्रश्न 3: त्रिमूर्ति का सच्चा अर्थ क्या है?

उत्तर:

  • ब्रह्मा – स्थापना के निमित्त।

  • विष्णु – पालना का प्रतीक।

  • शंकर – विनाश का प्रतीक।
    इन तीनों का कार्य परमात्मा कराते हैं, इसलिए उन्हें करनकरावनहार कहा जाता है।


प्रश्न 4: स्वदर्शन चक्रधारी कौन है?

उत्तर:वही आत्मा स्वदर्शन चक्रधारी कहलाती है जो 84 जन्मों के आदि-मध्य-अन्त का ज्ञान रखती है और योगबल से पवित्र बनती है।


प्रश्न 5: भक्ति और ज्ञान में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • भक्ति मार्ग में केवल पूजन और प्रार्थना होती है।

  • ज्ञान मार्ग में आत्मा को अपने मूल स्वरूप और परमात्मा का परिचय मिलता है और योगबल से विकर्म विनाश होते हैं।


प्रश्न 6: आत्मा का श्रृंगार कैसे होता है?

उत्तर:श्रृंगार का अर्थ है – आत्मा को ज्ञान और योग से सतोप्रधान बनाना, जिससे वह स्वर्ग के योग्य बन जाए।


प्रश्न 7: ड्रामा का रहस्य क्या है?

उत्तर:5000 वर्ष का यह विश्व नाटक बिल्कुल पूर्वनियोजित है। जो आज हो रहा है, वही कल्प पहले भी हुआ था और कल्प बाद दोहराया जाएगा।

Disclaimer

यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज़ के आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित है।
इसमें व्यक्त विचार केवल आध्यात्मिक अध्ययन और आत्म-उन्नति के उद्देश्य से प्रस्तुत किए गए हैं।
यह किसी भी धर्म, पंथ या संस्था की आलोचना या तुलना के लिए नहीं है।
दर्शकों से निवेदन है कि इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखें और आत्म कल्याण में उपयोग करें।

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