(26)श्री कृष्ण का जन्म कब होता है?/ ब्रह्मा कुमारीज मुरली 22 फरवरी 2021
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
भाइयों और बहनों,आज हम चर्चा करेंगे 22 फरवरी 2021 की बेहद सुंदर और स्पष्ठ मुरली के बारे में—जिसमें बाबा ने श्रीकृष्ण के जन्म को लेकर गहरा रहस्य उजागर किया है।
बहुतों के मन में ये सवाल रहता है कि श्रीकृष्ण का जन्म कब होता है?
तो आज की मुरली में बाबा ने इस प्रश्न को एकदम स्पष्ट कर दिया है।
🌀 श्रीकृष्ण और पीपल के पत्ते वाली कथा
बचपन से हम सुनते आए हैं कि श्रीकृष्ण पीपल के पत्ते पर लेटे हुए अंगूठा चूसते हुए आए थे।
लेकिन बाबा इस धारणा के पीछे छुपे आध्यात्मिक सत्य को प्रकट करते हैं।
बाबा समझाते हैं कि श्रीकृष्ण सतयुग के प्रथम राजकुमार हैं।
वे विनाश से पहले जन्म लेते हैं—लेकिन जब जन्म लेते हैं, तब पूरी दुनिया पतित अवस्था में होती है।
🧠 पतित से पावन की यात्रा और कर्मों का हिसाब
बाबा कहते हैं कि हर आत्मा इस ईश्वरीय ड्रामा में अपने कर्मों का हिसाब बराबर कर रही है।
जैसे-जैसे समय पास आता है, कलियुग का अंत होता है, और हमारा कार्मिक अकाउंट भी धीरे-धीरे खत्म होता है।
इसलिए यह बात भी स्वाभाविक है कि जैसे-जैसे आत्मा शुद्ध होती है,
उसका पतितपन घटता जाता है।
📉 कर्मिक अकाउंट खत्म = वापसी का समय
बाबा यह भी कहते हैं कि जब हमारा कर्मों का हिसाब पूरा हो जाता है,
तभी तो विनाश की घड़ी आती है और आत्माएं अपने-अपने घर लौटने लगती हैं।
थोड़ा-बहुत जो बच जाता है,
वो भी जल्दी पूरा हो जाता है—और आत्मा फिर पावन अवस्था में चली जाती है।
👶 श्रीकृष्ण का जन्म – विकार से नहीं, वैराग्य से
बाबा स्पष्ट करते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म किसी विकार से नहीं होता।
उनका शरीर दिव्य होता है, और वही आत्मा बाद में लक्ष्मी-नारायण बनती है।
श्रीकृष्ण और राधा का “राधे-कृष्ण” रूप सतयुग से पहले का नहीं है,
बल्कि वे जन्म लेते हैं ब्रह्मा बाबा के 84वें जन्म के अंत में।
🧍♂️ ब्रह्मा बाबा और तीन स्वरूप
बाबा के तीन स्वरूप बताए गए हैं:
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साकार ब्रह्मा – जिसने इस ज्ञान को संस्था के रूप में स्थापित किया।
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शंकर – जो विनाश के संकेत हैं।
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विष्णु – जो भविष्य का सुंदर, स्थायी राज्य है।
श्रीकृष्ण का रोल विष्णु रूप से ही शुरू होता है।
🖼️ साक्षी चित्र – ब्रह्मा बाबा और साकारता
चित्रों में भी बाबा ने स्पष्ट कराया है—ब्रह्मा बाबा के अंतिम जन्म को लेकर,
कि जब तक विनाश नहीं हुआ, ब्रह्मा बाबा साकार रूप में कार्य कर रहे थे।
🌸 कमल समान पवित्रता और प्रथम राजकुमार
जब ब्रह्मा बाबा अपनी पूर्णता को प्राप्त करते हैं,
तो वही आत्मा श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेती है—कमल फूल समान पवित्र और सुंदर।
वो सतयुग का प्रथम राजकुमार बनता है।
💫 संक्षेप में ज्ञान का सार:
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श्रीकृष्ण का जन्म विनाश से पहले होता है
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वे पतित अवस्था में नहीं आते, बल्कि पावन बनकर जन्म लेते हैं
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उनका जन्म विकार से नहीं, दिव्यता से होता है
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वही आत्मा आगे चलकर लक्ष्मी-नारायण बनती है
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कर्मों का हिसाब जब खत्म होता है, तब आत्मा घर लौटती है
🙏 तो प्यारे आत्माओं,
अगर आपके मन में कोई प्रश्न हो—तो जरूर कमेंट करें।
इस ज्ञान को समझते हुए, अपने जीवन को भी दिव्यता से भरें।
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🔷 भाइयों और बहनों, आज हम चर्चा करेंगे 22 फरवरी 2021 की बेहद सुंदर और स्पष्ट मुरली के बारे में — जिसमें बाबा ने श्रीकृष्ण के जन्म को लेकर गहरा रहस्य उजागर किया है।
❓ प्रश्न 1:श्रीकृष्ण का जन्म कब होता है?
✅ उत्तर:बाबा स्पष्ट करते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म सतयुग की शुरुआत में होता है, लेकिन वे विनाश से पहले जन्म लेते हैं। जब दुनिया पतित अवस्था में होती है, तब वह आत्मा दिव्यता को प्राप्त कर प्रथम पावन बालक के रूप में जन्म लेती है।
❓ प्रश्न 2:क्या श्रीकृष्ण का जन्म विकार से होता है, जैसा आम मान्यता है?
✅ उत्तर:नहीं। बाबा समझाते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म विकार से नहीं, बल्कि वैराग्य और पावनता से होता है। उनका शरीर दिव्य होता है क्योंकि वे कर्मों का पूरा हिसाब चुकाकर पावन बने होते हैं।
❓ प्रश्न 3:बचपन से जो कथा सुनते हैं कि श्रीकृष्ण पीपल के पत्ते पर लेटे थे, उसका क्या रहस्य है?
✅ उत्तर:यह एक सांकेतिक चित्रण है। बाबा इस कहानी के पीछे छिपे आध्यात्मिक ज्ञान को उजागर करते हैं कि श्रीकृष्ण का जन्म कोई चमत्कारिक घटना नहीं, बल्कि पूर्व जन्मों की पवित्रता और योगबल का परिणाम होता है।
❓ प्रश्न 4:श्रीकृष्ण और राधा का “राधे-कृष्ण” रूप क्या सतयुग का होता है?
✅ उत्तर:बाबा कहते हैं कि राधे-कृष्ण का जो रूप चित्रों में दिखाया जाता है, वह सतयुग की शुरुआत से पहले का नहीं होता। वे जन्म लेते हैं तब जब ब्रह्मा बाबा का 84वां जन्म पूर्ण होता है और वही आत्मा श्रीकृष्ण रूप में प्रकट होती है।
❓ प्रश्न 5:हर आत्मा का कर्मिक अकाउंट कब समाप्त होता है?
✅ उत्तर:जैसे-जैसे कलियुग का अंत आता है, आत्माएं अपने-अपने कर्मिक अकाउंट को समाप्त करती हैं।
जब आत्मा का सारा हिसाब-किताब बराबर हो जाता है, तभी वह पावन बनती है और परमधाम की ओर लौटने लगती है।
❓ प्रश्न 6:ब्रह्मा बाबा के तीन रूप कौन-कौन से हैं?
✅ उत्तर:बाबा ने बताया कि ब्रह्मा बाबा के तीन मुख्य स्वरूप हैं:
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साकार ब्रह्मा – ज्ञान देने वाले, संस्थापक।
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शंकर – विनाश के संकेत।
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विष्णु – भविष्य का पावन राज्य, लक्ष्मी-नारायण रूप।
❓ प्रश्न 7:कमल समान पवित्रता किसे कहा गया है?
✅ उत्तर:जब ब्रह्मा बाबा अपनी आत्मा को पूर्णता में ले जाते हैं, तब वही आत्मा कमल फूल समान पवित्र बनती है और श्रीकृष्ण के रूप में जन्म लेती है। वही सतयुग का प्रथम राजकुमार होता है।
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