(32)क्या पृथ्वी एक साल में स्वर्ग बन जाएगी
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
आपका प्रश्न है –
क्या पृथ्वी एक साल में स्वर्ग बन जाएगी?
यह प्रश्न जितना गहरा है,उसका उत्तर उतना ही दिव्य रहस्य से भरा है।
यह “एक साल” कोई साधारण वर्ष नहीं है।यह वह वर्ष है —जब पुरानी दुनिया का विनाश होता हैऔर साथ हीनई, सत्यस्वरूप सृष्टि की स्थापना होती है।
🌍 यह वर्ष है परिवर्तन का।मां कालका का अंतिम काल।कहते हैं — “कयामत की रात”,जब हर आत्मा,
पिता परमात्मा के साथअपने सच्चे घर — परमधाम — लौट जाती है।
🚀 परमधाम में 1 साल —
जहां आत्माएं परम शांति में रहती हैं।यह ब्रह्मा बाबा के माध्यम से बताया गयाकि इस एक वर्ष मेंपृथ्वी पर कोई आत्मा नहीं रहती।
सिर्फ वे शरीर बचते हैंजिनमें निर्विकारी आत्माएं जन्म लेंगी —
नए युग की शुरुआत करने के लिए।
🔥 इस बीच,
प्रकृति में अग्नि, जल और वायु के माध्यम सेस्वतः ही परिवर्तन होता है।हर तत्व —पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश —
अपनी मूल शुद्ध अवस्था में लौटते हैं।
🌌 चांद, सितारे, धरती और आकाश —सब कुछ पुनः एक दिव्य संतुलन में आ जाता है।
जैसा कि कल्प की शुरुआत में था,
वैसा ही फिर से होगा।
🎇 यह सृष्टि नष्ट नहीं होती —बल्कि शुद्ध होती है।हर आत्मा अपनी-अपनी कर्म स्थिति के अनुसारफिर से इस विश्व रंगमंच पर आती है।
🏠 और हां,उन आत्माओं के लिए पहले सेविशेष स्थान तैयार किए जा रहे हैं।हर देश में, समुद्र के भीतर,
या पृथ्वी के सुरक्षित स्थानों पर —जहां वे सुरक्षित रहें औरसत्ययुग के निर्माण में सहयोगी बनें।
🔬 यहां तक कि वैज्ञानिक भी,
अज्ञात रूप से,
सत्ययुग की टेक्नोलॉजी की नींव रख रहे हैं।
योजना बन रही है।जो आत्माएं “Advance Party” में हैं,वे अभी से ही
सत्ययुग की नींव तैयार कर रही हैं।
👶 श्रीकृष्ण के रूप में
नारायण स्वरूप आत्मा जब प्रकट होगी,तो वह इस व्यवस्था में प्रवेश करेगीजो पहले से ही तैयार है।
🚗 बाबा कहते हैं —
“एक गाड़ी बनती है पहले,फिर उसकी कॉपी करना सरल होता है।”सृष्टि की योजना भी वैसी ही है।
एक बार सत्ययुग की गाड़ी बन गई,फिर बाकी आत्माएं
अनुसार टाइमिंग, रोल्स और संस्कारों के अनुसारआती जाएंगी।
📆 परिवर्तन 21 साल तक चलता है।लेकिन “एक साल” वो साल हैजब आत्माएं परमधाम में विश्राम करती हैं।वो है संपूर्ण शुद्धिकरण का समय।
फिर आता है — स्वर्णिम युग।
💎 एक ऐसा युग
जहां कोई बीमारी नहीं,कोई दुख नहीं,कोई चिंता नहीं।
क्या पृथ्वी एक साल में स्वर्ग बन जाएगी?
❓प्रश्न 1: क्या सचमुच पृथ्वी सिर्फ एक साल में स्वर्ग बन जाती है?
✅ उत्तर:पृथ्वी एक साल में “स्वर्ग” में परिवर्तित नहीं होती, लेकिन उस एक वर्ष को कहा गया है — परमधाम वासी वर्ष, जब सभी आत्माएं अपने घर लौटती हैं।
वह समय — कयामत की रात — पुरानी सृष्टि के विनाश और नई सृष्टि की स्थापना के बीच का ब्रिज है।
❓प्रश्न 2: यह एक साल कौन-सा है और इसमें क्या होता है?
✅ उत्तर:यह वो एक साल है जिसमें पूरी आत्मा जाति परमात्मा के संग परमधाम में रहती है।
इसी समय पर पृथ्वी पर चल रहा परिवर्तन — अग्नि, जल, वायु के माध्यम से —
प्रकृति को पावन और संतुलित करता है।
यह “शुद्धिकरण का वर्ष” है — transition year between Kaliyug and Satyug.
❓प्रश्न 3: जब आत्माएं परमधाम में चली जाती हैं, तब पृथ्वी पर क्या होता है?
✅ उत्तर:जब सभी आत्माएं परमधाम में विश्राम करती हैं,
तब पृथ्वी पर प्राकृतिक तत्वों का दिव्य पुनर्संयोजन होता है।
हर तत्व — पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश —
अपनी मूल सत्त्वप्रधान अवस्था में लौटते हैं।
नवयुग का बीज इसी काल में बोया जाता है।
❓प्रश्न 4: क्या उस दौरान कोई जीव, मनुष्य या शरीर पृथ्वी पर रहता है?
✅ उत्तर:बिलकुल नहीं। केवल वे शरीर सुरक्षित रहते हैं
जिनमें निर्विकारी आत्माएं सत्ययुग की शुरुआत करने के लिए अवतरित होंगी।
ये शरीर विशेष रूप से तैयार किए गए स्थानों में सुरक्षित रहते हैं —
समुद्र के भीतर, पृथ्वी के अंदर या अन्य खास सुरक्षित जगहों पर।
❓प्रश्न 5: सत्ययुग की शुरुआत कैसे होती है?
✅ उत्तर:सत्ययुग की शुरुआत होती है अडवांस पार्टी द्वारा।
ये वे आत्माएं हैं जो पहले से परमात्मा के ज्ञान में जागृत हो
सत्ययुग की नींव बना रही हैं।
श्रीकृष्ण के रूप में नारायण आत्मा तब उस तैयार व्यवस्था में प्रवेश करती है।
❓प्रश्न 6: वैज्ञानिकों की इसमें क्या भूमिका है?
✅ उत्तर:आज के वैज्ञानिक जाने-अनजाने सत्ययुग की टेक्नोलॉजी की नींव रख रहे हैं।
वो स्थान और उपकरण बना रहे हैं
जो भविष्य में सत्ययुग में रेडीमेड व्यवस्था बन जाएंगे।
यह सब divine planning का हिस्सा है।
❓प्रश्न 7: 21 साल और 1 साल का क्या संबंध है?
✅ उत्तर:21 साल का काल है धीरे-धीरे परिवर्तन का —
जहाँ सृष्टि पावन बनती जाती है।
परंतु 1 विशेष वर्ष है जब सब आत्माएं परमधाम में जाती हैं
और फिर सृष्टि पूर्ण रूप से स्वर्ग बन जाती है।
❓प्रश्न 8: क्या सृष्टि नष्ट होती है?
✅ उत्तर:नहीं।
सृष्टि कभी नष्ट नहीं होती — शुद्ध होती है।
हर कल्प के अंत में परमात्मा द्वारा इस सृष्टि को
पुनः सत्य, पवित्र और दिव्य स्वरूप में स्थापित किया जाता है।
❓प्रश्न 9: क्या हम इस ज्ञान को जान सकते हैं?
✅ उत्तर:हाँ, अवश्य!यह गुप्त और दिव्य ज्ञान हमें देता है —
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय।
यहाँ हम जान सकते हैं कि
हम कौन हैं, परमात्मा कौन हैं, और यह पूरा खेल क्या है।
🌈 निष्कर्ष:
जब यह एक साल आता है,
तब पुरानी दुनिया समाप्त होती है,
नई दुनिया की शुरुआत होती है —
जहाँ बीमारी नहीं, दुख नहीं, चिंता नहीं।
स्वर्णिम युग —
सत्य, पवित्रता और शांति का राज्य।
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