(02)”नई दुनिया की नई शुरुआत
(02) “A new beginning for a new world
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

हमें पदम की कमाई जरूर करनी चाहिए
नई दुनिया की नई शुरुआत
शिव बाबा आकर हमें नई दुनिया की नई शुरुआत का ज्ञान देते हैं। नई दुनिया की उत्पत्ति कब और कैसे हुई, इस पर विचार करें। बाबा के आने का मतलब होता है—शिव जयंती, श्रीकृष्ण जयंती, हमारी जयंती, सतयुग की जयंती, स्वर्ग की जयंती, गीता की जयंती। जब बाबा आते हैं, तो यह सब जयंती मनाई जाती हैं।
शिवरात्रि और त्रिमूर्ति शिव जयंती
भगवान शिव का जन्मदिन शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। ब्रह्माकुमारी संगठन इसे “त्रिमूर्ति शिव जयंती” के रूप में मनाता है, क्योंकि परमात्मा ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के माध्यम से तीन कर्तव्य—सृजन, पालन और संहार—पूरा करते हैं।
शिव का अवतरण
शिव का अवतरण तब होता है, जब दुनिया अज्ञानता और अधर्म के अंधकार में डूबी होती है। परमात्मा आकर आत्माओं को जगाते हैं और उन्हें ज्ञान का प्रकाश देते हैं।
शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व
शिव का अर्थ होता है “कल्याणकारी” और रात्रि का अर्थ होता है “अज्ञानता का अंधकार”। जब धर्म और गुणों का ह्रास हो जाता है, तब भगवान शिव संसार को पवित्रता, शांति, आनंद, सातों गुणों और आठों शक्तियों से संपन्न करते हैं।
त्रिमूर्ति शिव जयंती का महत्व
भगवान शिव ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के रचयिता हैं और इन्हीं के माध्यम से सृजन, पालन और संहार के कार्य संपन्न करते हैं। ब्रह्मा द्वारा दी गई दिव्य शिक्षा के माध्यम से मानव आत्माओं को ज्ञान प्रदान किया जाता है, जिससे वे स्वर्णयुग की नई दुनिया के लिए तैयार हो सकें।
शिव का संदेश और आत्मिक जागरण
शिवरात्रि केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह आत्मिक जागरण का संदेश देती है। हमें अपने भीतर के अज्ञान और अवगुणों को समाप्त कर, ज्ञान और योग के प्रकाश से स्वयं को आत्मिक रूप में जागृत करना है।
स्वर्ण युग की स्थापना
शिव बाबा के मार्गदर्शन से एक नई विश्व व्यवस्था स्थापित होती है, जिसमें दिव्यता, शांति और आनंद होता है। इस युग में मनुष्य प्रकृति और स्वयं पर पूर्ण नियंत्रण रखते हैं और प्रेम व शांति ही समाज के नियम होते हैं।
निष्कर्ष
शिवरात्रि केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि यह हमें आत्म साक्षात्कार और आत्मा की दिव्यता को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। शिव बाबा का दिया मार्गदर्शन अपनाकर हम स्वर्ण युग में स्थान पा सकते हैं और अपनी सच्ची आत्मिक स्थिति में लौट सकते हैं।
हमें पदम की कमाई जरूर करनी चाहिए
प्रश्न एवं उत्तर
1.प्रश्न-नई दुनिया की शुरुआत का क्या अर्थ है?
उत्तर: नई दुनिया की शुरुआत का अर्थ है स्वर्ण युग की स्थापना, जब सत्य, शांति और आनंद से भरपूर एक दिव्य संसार अस्तित्व में आता है। यह शिव बाबा के दिव्य ज्ञान और मार्गदर्शन से संभव होता है।
2.प्रश्न-जब शिव बाबा आते हैं, तो किन-किन जयंती का उत्सव मनाया जाता है?
उत्तर: जब शिव बाबा आते हैं, तब शिव जयंती, श्रीकृष्ण जयंती, हमारी जयंती, सतयुग की जयंती, स्वर्ग की जयंती और गीता जयंती मनाई जाती है। यह सभी घटनाएँ एक साथ घटित होती हैं।
3.प्रश्न-त्रिमूर्ति शिव जयंती का क्या महत्व है?
उत्तर: त्रिमूर्ति शिव जयंती यह दर्शाती है कि परमात्मा शिव ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के माध्यम से सृजन, पालन और संहार का कार्य संपन्न करते हैं। ब्रह्मा द्वारा ज्ञान और शिक्षा दी जाती है, जिससे आत्माओं को नई दुनिया के लिए तैयार किया जाता है।
4. प्रश्न-शिव का अवतरण कब और क्यों होता है?
उत्तर: जब दुनिया अज्ञानता और अधर्म के अंधकार में डूबी होती है, तब परमात्मा शिव अवतरित होते हैं। वे आत्माओं को जगाते हैं और उन्हें ज्ञान और योग का प्रकाश देकर पवित्र बनाते हैं।
5.प्रश्न-शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व क्या है?
उत्तर: शिवरात्रि का अर्थ है “शिव का कल्याणकारी अवतरण”। “रात्रि” अज्ञानता के अंधकार को दर्शाती है। जब दुनिया में धर्म, गुण और सत्य का ह्रास हो जाता है, तब भगवान शिव आकर संसार को पवित्रता, शांति, आनंद और दिव्य शक्तियों से संपन्न करते हैं।
6. प्रश्न-हमें पदम की कमाई क्यों करनी चाहिए?
उत्तर: हमें पदम की कमाई इसलिए करनी चाहिए क्योंकि यह हमें स्वर्णयुग में श्रेष्ठ आत्माओं के रूप में जन्म लेने का अधिकार देती है। शिव बाबा हमें सच्चा ज्ञान और योग सिखाकर इस दिव्य कमाई को अर्जित करने का अवसर देते हैं।
7.प्रश्न-शिव का संदेश आत्मिक जागरण के लिए कैसे प्रेरित करता है?
उत्तर: शिव बाबा का संदेश हमें आत्मा के स्वरूप को पहचानने, अज्ञानता और अवगुणों से मुक्त होने और परमात्मा से योग लगाने के लिए प्रेरित करता है। इससे हम अपनी दिव्यता को पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
8.प्रश्न-स्वर्ण युग की स्थापना कैसे होती है?
उत्तर: स्वर्ण युग की स्थापना शिव बाबा के मार्गदर्शन और ज्ञानयोग द्वारा होती है। जब आत्माएँ पवित्रता और ज्ञान से संपन्न हो जाती हैं, तब एक दिव्य समाज की रचना होती है, जहाँ प्रेम, शांति और आनंद के नियम चलते हैं।
9.प्रश्न-हमें शिव बाबा का मार्गदर्शन क्यों अपनाना चाहिए?
उत्तर: शिव बाबा का मार्गदर्शन अपनाने से हम आत्मा की सच्ची पहचान को जान सकते हैं, जीवन के उद्देश्य को समझ सकते हैं और स्वर्ण युग में श्रेष्ठ आत्माओं के रूप में स्थान प्राप्त कर सकते हैं।
10.प्रश्न-निष्कर्ष रूप में शिवरात्रि का क्या संदेश है?
उत्तर: शिवरात्रि केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्म साक्षात्कार और आत्मिक जागृति का संदेश देती है। शिव बाबा के ज्ञान को अपनाकर हम अपनी आत्मा को पवित्र बना सकते हैं और स्वर्ण युग की स्थापना में योगदान दे सकते हैं।
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