(79)ब्रह्मा से फरिश्ता-पूर्णता की उडान?
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
बाप समान बनने के लिए ब्रह्मा बाबा के आदिदेव जीवन की रहस्यपूर्ण यात्रा | ब्रह्मा से फरिश्ता बनने की सच्ची कहानी
आज हम ब्रह्मा बाबा की उस यथार्थ आत्मिक यात्रा पर चिंतन करेंगे, जिसमें एक साधारण गृहस्थ जीवन जीने वाला व्यक्ति — ब्रह्मा — कैसे बना पूर्ण फरिश्ता।
यह कोई कल्पना नहीं, बल्कि साक्षात संपूर्णता की उड़ान है, जिसे बाबा ने अपने जीवन से प्रमाणित किया।
1. ब्रह्मा से फरिश्ता – क्या है यह यात्रा?
Murli Vachan:
“ब्रह्मा ने 84 जन्मों का अंतिम शरीर छोड़ फरिश्ते रूप में प्रवेश किया।”
(अव्यक्त मुरली – 18 जनवरी 1969)
उदाहरण:
18 जनवरी 1969 को बाबा ने शरीर छोड़ा लेकिन कहीं गए नहीं।
वे देह से न्यारे होकर फरिश्ते रूप में सेवा पर निकल पड़े।
2. ब्रह्मा बाबा का रूपांतरण – साधारण से दिव्यता तक
मुरली वाक्य:
“ब्रह्मा जो बना संपूर्ण – सदा न्यारा, सदा प्यारा।”
ब्रह्मा बाबा ने सदा यह अभ्यास किया —
“मैं आत्मा हूं, यह शरीर सेवा का साधन है।”
उदाहरण:
1968 की साकार मुरली में यही मुख्य अभ्यास था।
उन्होंने परिवार, व्यवसाय और संबंधों के बीच भी निर्लेप योगी बनकर दिखाया।
3. फरिश्ता कौन होता है?
मुरली Ref (1970):
“फरिश्ता वह है जो देह की दुनिया में रहते हुए देही-अभिमानी हो जाए।”
विशेषताएँ:
-
देह से न्यारा
-
नाम-रूप, देश, संबंध से परे
-
राग, द्वेष, अधिकार से मुक्त
-
सेवा, प्रेम और बाप के कार्य में तीव्र
4. फरिश्ता बनने की उड़ान कैसे भरें?
तीन मुख्य बातें छोड़नी होंगी:
-
देहभान
-
पुराने संस्कार
-
लोभ-मोह की रिक
अभ्यास:
प्रत्येक सुबह:
-
“मैं देह नहीं, आत्मा हूं।”
-
“यह शरीर सेवा का माध्यम है।”
-
भोग के बंधन से मुक्ति का संकल्प दोहराएं।
प्रेरणादायक वाक्य:
“जहां लगाव समाप्त होता है, वहीं से उड़ान आरंभ होती है।”
5. ब्रह्मा बाबा की अंतिम उड़ान – 18 जनवरी 1969 का रहस्य
मुरली वचन:
“ब्रह्मा ने साक्षात दिखाया कि देह से निकलना कोई मृत्यु नहीं, बल्कि दिव्यता की पराकाष्ठा है।”
वातावरण का अनुभव:
उस दिन बच्चों ने अनुभव किया —
“बाबा कहीं गया नहीं, अब और भी पास आ गया है।”
6. अंतिम प्रेरणा – ब्रह्मा समान फरिश्ता बनना
मुरली महावाक्य:
“जैसे ब्रह्मा ने संकल्प किया — ‘मैं संपूर्ण बनकर दिखाऊंगा’, वैसे ही तुम भी संकल्प लो — ‘मैं ब्रह्मा बाप समान बनूंगा’।”
अंतिम स्वरूप:
-
देह अभिमान से मुक्त
-
ममत्व से मुक्त
-
सेवा में लीन
यही है सच्चा फरिश्ता।
ब्रह्मा से फरिश्ता बनना केवल बाबा की यात्रा नहीं, यह हमारी मंज़िल है।
अब समय है उड़ान भरने का।
ब्रह्मा बाप से प्रेरणा लें और स्वयं भी संपूर्णता की ओर बढ़ें।
ओम् शांति।
बाप समान बनने के लिए ब्रह्मा बाबा के आदिदेव जीवन की रहस्यपूर्ण यात्रा | ब्रह्मा से फरिश्ता बनने की सच्ची कहानी
प्रश्न 1: ब्रह्मा से फरिश्ता बनने की यात्रा का अर्थ क्या है?
उत्तर:यह यात्रा आत्मा की साधारण अवस्था से संपूर्णता तक की उड़ान है।
यह कोई भावनात्मक कथा नहीं, बल्कि अव्यक्त मुरली (18 जनवरी 1969) में बताया गया यथार्थ अनुभव है, जिसमें कहा गया —
“ब्रह्मा ने 84 जन्मों का अंतिम शरीर छोड़ फरिश्ते रूप में प्रवेश किया।”
प्रश्न 2: क्या ब्रह्मा बाबा का शरीर छोड़ना मृत्यु थी?
उत्तर:नहीं। यह शरीर त्याग कोई मृत्यु नहीं थी, बल्कि दिव्यता की पराकाष्ठा थी।
बाबा ने देह छोड़कर सूक्ष्म फरिश्ते रूप में सेवा प्रारंभ की।
बच्चों ने अनुभव किया — “बाबा कहीं गया नहीं, अब और भी पास आ गया है।”
प्रश्न 3: ब्रह्मा बाबा ने अपनी आत्मा को दिव्यता तक कैसे पहुंचाया?
उत्तर:उन्होंने सदा यह अभ्यास किया —
“मैं आत्मा हूं, यह शरीर सेवा का साधन है।”
1968 की साकार मुरली में बाबा का यही मुख्य अभ्यास बताया गया।
उन्होंने सभी जिम्मेदारियों के साथ भी निर्लेप योगी जीवन जीकर दिखाया।
प्रश्न 4: फरिश्ता वास्तव में कौन होता है?
उत्तर:अव्यक्त मुरली (1970) के अनुसार —
“फरिश्ता वह है जो देह की दुनिया में रहते हुए देही-अभिमानी हो जाए।”
एक ऐसा आत्मिक स्थिति वाला जो
-
देह, नाम-रूप, देश, संबंध से न्यारा हो
-
राग, द्वेष, अधिकार से मुक्त हो
-
केवल सेवा और बाप के कार्य में तीव्र हो।
प्रश्न 5: हम फरिश्ता बनने की उड़ान कैसे भर सकते हैं?
उत्तर:तीन मुख्य बाधाएं छोड़नी होंगी:
-
देहभान
-
पुराने संस्कार
-
लोभ-मोह की रिक
अभ्यास:
हर सुबह स्वयं को फरिश्ता समझकर उड़ान में बैठना —
“मैं देह नहीं, आत्मा हूं।”
प्रश्न 6: उड़ान का वास्तविक आरंभ कहां से होता है?
उत्तर:जहां लगाव समाप्त होता है, वहीं से उड़ान आरंभ होती है।
यह मुरली का प्रेरणादायक वाक्य है जो ब्रह्मा बाबा के जीवन में साकार रूप में देखा गया।
प्रश्न 7: ब्रह्मा बाबा के अंतिम संकल्प का संदेश क्या है?
उत्तर:मुरली में बाबा का महावाक्य है —
“जैसे ब्रह्मा ने संकल्प किया — ‘मैं संपूर्ण बनकर दिखाऊंगा’, वैसे ही तुम भी संकल्प लो — ‘मैं ब्रह्मा बाप समान बनूंगा’।”
प्रश्न 8: सच्चा फरिश्ता बनने के लक्षण क्या हैं?
उत्तर:
-
देह अभिमान से मुक्त
-
ममत्व से मुक्त
-
सेवा में लीन
यही है सच्चा फरिश्ता, जो परमात्मा का सच्चा सखा बनता है।
प्रश्न 9: ब्रह्मा से फरिश्ता बनने की प्रेरणा हमें क्या देती है?
उत्तर:यह यात्रा हमें यह सिखाती है कि हम भी साधारण से संपूर्ण बन सकते हैं।
ब्रह्मा बाबा की तरह हम भी दिव्य अवस्था तक पहुँच सकते हैं, बशर्ते हम निरंतर अभ्यास करें और बाप समान बनने का संकल्प लें।
अंतिम संदेश:
अब समय है उड़ान भरने का।
ब्रह्मा बाप से प्रेरणा लें और अपने अंतिम रूप — ‘फरिश्ता’ — को प्राप्त करें।
ओम् शांति।
ब्रह्मा बाबा, ब्रह्मा से फरिश्ता, आदिदेव ब्रह्मा की कहानी, ब्रह्मा बाबा की आत्मिक यात्रा, ब्रह्मा से फरिश्ता बनने की रहस्यपूर्ण प्रक्रिया, ब्रह्मा बाप समान बनो, फरिश्ता बनना कैसे संभव है, ब्रह्मा बाबा का अंतिम दिन, 18 जनवरी 1969, अव्यक्त मुरली, ब्रह्मा बाबा का जीवन, ब्रह्मा कुमारिस मुरली ज्ञान, ब्रह्मा कुमारिस प्रेरणा, योगी जीवन, देहभान से मुक्ति, आत्मा की उड़ान, ब्रह्मा बाबा के अनुभव, ब्रह्मा की अंतिम यात्रा, सच्चा फरिश्ता कौन, ब्रह्मा से साकार स्थिति, ब्रह्मा बाबा की मुरली, BK Shivani, BK Dr Surender Sharma, Brahma Kumaris video, spiritual journey hindi, BK motivation hindi, BK murli gyan,,
Brahma Baba, from Brahma to angel, story of Adidev Brahma, spiritual journey of Brahma Baba, mysterious process of becoming an angel from Brahma, become like Father Brahma, how is it possible to become an angel, last day of Brahma Baba, 18 January 1969, Avyakt Murli, life of Brahma Baba, Brahma Kumaris Murli Gyan, Brahma Kumaris Inspiration, Yogi life, liberation from body consciousness, flight of the soul, experiences of Brahma Baba, last journey of Brahma, who is the true angel, from Brahma to saakar stage, Brahma Baba’s Murli, BK Shivani, BK Dr Surender Sharma, Brahma Kumaris video, spiritual journey hindi, BK motivation hindi, BK murli gyan,,