नवरात्रि का असली रहस्य:-(06)सरस्वती, दुर्गा और लक्ष्मी का असली इतिहास।
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
“नवरात्रि का असली रहस्य | सरस्वती, दुर्गा और लक्ष्मी का वास्तविक इतिहास | शक्तियों पर लगे आरोपों का सच”
भाषण
1. प्रस्तावना – नवरात्रि का असली रहस्य
आज हम छठा पॉइंट कर रहे हैं – सरस्वती, दुर्गा और लक्ष्मी का वास्तविक इतिहास।
कई लोग कहते हैं कि इन शक्तियों ने असुरों का वध किया, पर क्या यह सच है?
क्या वास्तव में देवी-देवता हिंसा कर सकते हैं?
बाबा स्पष्ट करते हैं कि यह कथाएं प्रतीकात्मक हैं, उनके पीछे गहरा आध्यात्मिक रहस्य छुपा है।
2. नवरात्रि का अद्भुत महत्व
नवरात्रि में शक्तियों की पूजा, भजन, गीत और विसर्जन की परंपरा है।
लोग शक्तियों को पूजते हैं, उनके गुण गाते हैं और अंत में विसर्जन भी करते हैं।
पर असली रहस्य यह है कि शक्तियों ने हिंसा नहीं की, बल्कि अपने अंदर के विकारों को मारकर विजय प्राप्त की।
3. शक्तियों पर हिंसा का आरोप – मिथ्या या सत्य?
18 अक्टूबर 1965 की मुरली में बाबा ने कहा –
“देवताओं को हिंसा करना शोभा नहीं देता। वे योगबल से असुर प्रवृत्तियों को हराते हैं, हथियारों से नहीं।”
अर्थात असली युद्ध विकारों से है, न कि शारीरिक लड़ाई से।
4. सरस्वती, दुर्गा और लक्ष्मी का परिचय
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सरस्वती – ज्ञान की देवी।
आत्मा को परमात्मा से मिला सत्य ज्ञान देती हैं। -
दुर्गा – शक्ति का प्रतीक।
योगबल और पवित्रता से विकारों पर विजय पाती हैं। -
लक्ष्मी – समृद्धि की देवी।
सच्ची समृद्धि है सात्विक गुण, पवित्र संस्कार और शांति।
5. असुर कौन थे?
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मधु और कैटब – राग और द्वेष का प्रतीक।
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महिषासुर – आलस्य और अविवेक का प्रतीक।
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शुभ-निशुंभ – हिंसा और द्वेष का प्रतीक।
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रक्तबीज – बुरी आदतों की पुनरावृत्ति का प्रतीक।
2 अक्टूबर 1970 की मुरली:
“असुर कोई मनुष्य नहीं, बल्कि विकार हैं जो आत्मा को कैद कर देते हैं।”
6. पांच शक्तियों का महान कार्य
संगम युग पर परमपिता शिव ने कन्याओं को ज्ञान और योगबल दिया।
ज्ञान रूपी तीसरे नेत्र से उन्होंने विकार रूपी असुर प्रवृत्तियों का नाश किया।
19 अक्टूबर 1975 की मुरली:
“ज्ञान और योग की शक्ति से ही आसुरी प्रवृत्तियां नष्ट होती हैं।”
7. निष्कर्ष
सरस्वती, दुर्गा और लक्ष्मी – कोई हिंसा करने वाली देवियां नहीं थीं।
वे शिव की संताने, ब्रह्मा की पुत्रियां थीं।
उन्होंने आत्माओं को अज्ञान से जगाया और पवित्रता की ओर प्रेरित किया।
यही नवरात्रि का असली रहस्य और शक्तियों की पूजा का कारण है।
नवरात्रि का असली रहस्य | सरस्वती, दुर्गा और लक्ष्मी का वास्तविक इतिहास | शक्तियों पर लगे आरोपों का सच
प्रश्नोत्तर (Q&A)
प्रश्न 1: नवरात्रि का असली रहस्य क्या है?
उत्तर: नवरात्रि केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आत्मिक जागृति का पर्व है। इसका वास्तविक रहस्य यह है कि शक्तियों ने असुरों का वध हथियारों से नहीं, बल्कि अपने अंदर के विकारों को समाप्त कर विजय प्राप्त की।
प्रश्न 2: क्या वास्तव में देवी-देवता हिंसा कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं। 18 अक्टूबर 1965 की मुरली में बाबा ने कहा –
“देवताओं को हिंसा करना शोभा नहीं देता। वे योगबल से असुर प्रवृत्तियों को हराते हैं, हथियारों से नहीं।”
इसलिए हिंसा का आरोप शक्तियों पर मिथ्या है।
प्रश्न 3: सरस्वती का वास्तविक स्वरूप क्या है?
उत्तर: सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। वे आत्मा को परमात्मा से मिला सत्य ज्ञान देती हैं और अज्ञान के अंधकार को दूर करती हैं।
प्रश्न 4: दुर्गा किसका प्रतीक हैं?
उत्तर: दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं। योगबल और पवित्रता के माध्यम से वे विकारों पर विजय प्राप्त करती हैं।
प्रश्न 5: लक्ष्मी का असली अर्थ क्या है?
उत्तर: लक्ष्मी को समृद्धि की देवी कहा जाता है। पर सच्ची समृद्धि धन-दौलत नहीं, बल्कि सात्विक गुण, पवित्र संस्कार और शांति है।
प्रश्न 6: असुर वास्तव में कौन थे?
उत्तर: असुर कोई मनुष्य नहीं थे, बल्कि विकारों के प्रतीक थे –
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मधु और कैटब = राग और द्वेष,
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महिषासुर = आलस्य और अविवेक,
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शुभ-निशुंभ = हिंसा और द्वेष,
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रक्तबीज = बुरी आदतों की पुनरावृत्ति।
2 अक्टूबर 1970 की मुरली:
“असुर कोई मनुष्य नहीं, बल्कि विकार हैं जो आत्मा को कैद कर देते हैं।”
प्रश्न 7: पांच शक्तियों का महान कार्य क्या है?
उत्तर: संगम युग पर परमपिता शिव ने कन्याओं को ज्ञान और योगबल दिया। ज्ञान रूपी तीसरे नेत्र से उन्होंने विकार रूपी असुर प्रवृत्तियों का नाश किया।
19 अक्टूबर 1975 की मुरली:
“ज्ञान और योग की शक्ति से ही आसुरी प्रवृत्तियां नष्ट होती हैं।”
प्रश्न 8: नवरात्रि के पर्व से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: नवरात्रि हमें सिखाती है –
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आत्मिक जागृति,
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पवित्रता का पालन,
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परमात्मा से योग द्वारा शक्ति प्राप्त करना।
यही शक्तियों की पूजा का असली कारण और नवरात्रि का वास्तविक रहस्य है। -
Disclaimer: (डिस्क्लेमर)यह वीडियो केवल आध्यात्मिक और शैक्षिक उद्देश्य से बनाया गया है। इसमें व्यक्त विचार, कथाएँ और व्याख्या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए नहीं हैं। हम किसी भी देवी-देवता, धर्म या परंपरा के विरोध में नहीं हैं। यह सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टिकोण और गहराई समझाने का प्रयास है। नवरात्रि का असली रहस्य, सरस्वती दुर्गा लक्ष्मी का वास्तविक इतिहास, शक्तियों पर लगे आरोपों का सच, नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व, नवरात्रि का रहस्य, सरस्वती का परिचय, दुर्गा शक्ति का रहस्य, लक्ष्मी का असली अर्थ, देवी देवताओं का वास्तविक इतिहास, नवरात्रि का अद्भुत महत्व, शक्तियों की पूजा परंपरा, देवी-देवता और हिंसा, बाबा की मुरली 18 अक्टूबर 1965, असुरों का प्रतीकात्मक अर्थ, मधु कैटब का रहस्य, महिषासुर का प्रतीक, शुभ निशुंभ और रक्तबीज, विकारों का असली अर्थ, पांच शक्तियों का कार्य, संगम युग का रहस्य, परमात्मा का ज्ञान और योगबल, आत्मा की जागृति, पवित्रता और शक्ति, नवरात्रि का सच्चा संदेश,
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