(19)What is the secret of witchcraft spirits? How can one protect oneself? What is their impact on human life?

भूत ,प्रेत:-(19)टोटका आत्माओं का रहस्य क्या है? कैसे बचाव होगा? मानव जीवन पर प्रभाव क्या है?

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(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

टोटका आत्माएं — उनका रहस्य, प्रभाव और बचाव का दिव्य मार्ग


🕉️ परिचय: एक गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य

हर इंसान अपने जीवन में कभी न कभी किसी अदृश्य नकारात्मक प्रभाव को महसूस करता है।
कभी अचानक भय, उदासी या असहज ऊर्जा का अनुभव होता है —
इन्हीं को आध्यात्मिक भाषा में “टोटका आत्माएं” कहा गया है।

बापदादा ने मुरली में इनका रहस्य, उत्पत्ति और निवारण बड़े प्रेम से समझाया है।


🔮 1. टोटका आत्माओं का जन्म कैसे होता है?

📜 अव्यक्त मुरली — 22 जनवरी 1984

बापदादा कहते हैं —

“टोटका आत्माएं वे आत्माएं हैं जो किसी आध्यात्मिक कमजोरी,
अत्यधिक लोभ, क्रोध या भय से उत्पन्न होती हैं।”

जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक नकारात्मक विचारों या भावनाओं में जीता है,
तो उसकी चेतना से नकारात्मक ऊर्जा अलग होकर एक सूक्ष्म रूप में प्रकट होती है —
यही “टोटका आत्मा” बन जाती है।

🌑 उदाहरण:

यदि कोई व्यक्ति हमेशा भय और चिंता में रहता है,
तो उसके चारों ओर नकारात्मक ऊर्जा का एक घे‍रा बन जाता है।
यह ऊर्जा धीरे-धीरे स्वतंत्र होकर “टोटका आत्मा” के रूप में दूसरों को प्रभावित कर सकती है।


⚖️ 2. टोटका आत्माओं के दो प्रकार

📜 अव्यक्त मुरली — 18 फरवरी 1984

बापदादा समझाते हैं:

“ये आत्माएं दो प्रकार की होती हैं — स्वाभाविक और प्रेरित।”

🕯️ (1) स्वाभाविक (Natural)

जो नकारात्मक वातावरण या दुखपूर्ण ऊर्जा से स्वतः उत्पन्न होती हैं।

🔥 (2) प्रेरित (Created through intentions)

जो किसी व्यक्ति के गलत इरादों,
लोभ या क्रोध से सृजित होती हैं।

🪷 उदाहरण:

किसी व्यक्ति का बार-बार छल करना या क्रोध में बद्दुआ देना,
वही ऊर्जा टोटका आत्मा बनकर उसकी या दूसरों की चेतना को प्रभावित करती है।


🛡️ 3. टोटका आत्माओं से बचाव के उपाय

📜 अव्यक्त मुरली — 18 जनवरी 1983

☀️ (1) आत्मा को मजबूत बनाओ — राजयोग अभ्यास

बापदादा कहते हैं:

“जो आत्मा राजयोग का अभ्यास करती है,
उसकी मन-बुद्धि शक्तिशाली चुम्बक बन जाती है।”

राजयोग से आत्मा की ऊर्जा इतनी प्रकाशमय हो जाती है
कि कोई भी नकारात्मक आत्मा उस क्षेत्र में टिक नहीं सकती।


🌼 (2) सत्कर्म और पवित्र विचार

सच्चे कर्म और पवित्र सोच से वातावरण स्वतः ही शुद्ध हो जाता है।

“जहाँ सत्य और पवित्रता है, वहाँ असत्य टिक नहीं सकता।”
अव्यक्त मुरली, 10 फरवरी 1982


🔗 (3) बाप से जुड़ाव — परमात्म सुरक्षा

बापदादा कहते हैं:

“जो बच्चे सदा बाप के संपर्क में रहते हैं,
उन्हें कोई टोटका आत्मा प्रभावित नहीं कर सकती।”
अव्यक्त मुरली, 18 जनवरी 1983

जब आत्मा परमात्मा के साथ योग में रहती है,
तो उसके चारों ओर दिव्य प्रकाश का सुरक्षा-कवच बन जाता है।


🌙 (4) आत्म निरीक्षण और रात्रि ध्यान

रात को सोने से पहले 10 मिनट योग में बैठकर
अपने दिनभर के विचारों और कर्मों का निरीक्षण करें।
बाबा से मानसिक संवाद करें:

“बाबा, मेरी आत्मा को अपनी शक्ति से सुरक्षित रखो।”

यह दैनिक साधना आत्मा के चारों ओर दिव्य सुरक्षा बनाती है।


⚠️ 4. मानव जीवन पर टोटका आत्माओं का प्रभाव

📜 अव्यक्त मुरली — 21 मार्च 1982

बापदादा ने बताया —

“नकारात्मक आत्माओं का सबसे बड़ा प्रभाव मन की शांति और शक्ति पर पड़ता है।”

वे व्यक्ति की मानसिक एकाग्रता, स्वास्थ्य और कार्य क्षमता को कमजोर करती हैं।
यह प्रभाव तब होता है जब आत्मा योग से दूर और अस्थिर होती है।

🧠 उदाहरण:

एक विद्यार्थी जो भय और तनाव में रहता है,
उसका मन ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता —
यह टोटका आत्मा के प्रभाव का सूक्ष्म रूप हो सकता है।


💬 5. क्या टोटका आत्माएं हमेशा दुष्ट होती हैं?

नहीं।
बापदादा कहते हैं:

“जैसी चेतना, वैसी संगत।”
अव्यक्त मुरली, 5 जून 1983

यदि हमारी चेतना पवित्र और सच्ची है,
तो कोई भी नकारात्मक आत्मा हमारे पास टिक नहीं सकती।
वे हमारी ऊर्जा को पहचानकर दूर चली जाती हैं।


🌟 6. दिव्य सुरक्षा का रहस्य — सत्य, पवित्रता और ज्ञान

📜 अव्यक्त मुरली — 22 फरवरी 1984

बापदादा का दिव्य वचन:

“सदैव सच्चाई, पवित्रता और ज्ञान में रहने से कोई भी नकारात्मक ऊर्जा तुम्हें प्रभावित नहीं कर सकती।”

  • सच्चाई: “मैं आत्मा हूँ।”

  • पवित्रता: “मैं पवित्र आत्मा हूँ।”

  • ज्ञान: “मैं बाबा की श्रीमत पर चलने वाली आत्मा हूँ।”

जब ये तीनों स्थिर हो जाते हैं,
तो आत्मा की शक्ति एक परम दिव्य कवच बन जाती है।


🪷 7. उदाहरण: साधक की ऊर्जा परिवर्तन

एक साधक जो प्रतिदिन मुरली सुनता है,
योग करता है, और अपने वातावरण को पवित्र रखता है —
वह अपने चारों ओर इतना प्रकाश फैलाता है
कि नकारात्मक आत्माएँ पास नहीं टिक पातीं।

यह “स्पिरिचुअल साइंस” का नियम है —
जहाँ प्रकाश है, वहाँ अंधकार नहीं टिक सकता।


🌈 निष्कर्ष:

दोस्तों,
टोटका आत्माएं कोई अंधविश्वास नहीं,
बल्कि नकारात्मक विचारों और ऊर्जाओं की सूक्ष्म अभिव्यक्ति हैं।

परन्तु —
ज्ञान, योग और पवित्रता से
इनका प्रभाव पूर्णतः समाप्त किया जा सकता है।

“अपने विचारों, कर्मों और भावनाओं को
सच्चाई, पवित्रता और ज्ञान में रखो —
यही टोटका आत्माओं से बचाव का सर्वोत्तम उपाय है।”
अव्यक्त मुरली, 18 जनवरी 1983


💫 बापदादा का वरदान:

“सच्चाई के कवच में रहने वाले बच्चों को
कोई भी आत्मा, टोटका या भय छू नहीं सकता।”
अव्यक्त मुरली, 21 अप्रैल 1984


🌼 स्लोगन:

“योग का प्रकाश जलाओ,
तो हर अंधकारमय शक्ति स्वयं नष्ट हो जाएगी।”

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