विश्व नाटक :-(02)बिग बैंग से यह ब्रह्मांड बना या ईश्वर की सृष्टि तो कैसे?
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
“बिग बैंग बनाम ईश्वर की सृष्टि — सृष्टि की उत्पत्ति का अनादि रहस्य”
भूमिका: सृष्टि का प्रश्न — आरंभ कहां से हुआ?
मनुष्य के मन में सदियों से यह प्रश्न गूंजता रहा है —
“यह संसार कैसे बना? इसकी शुरुआत कहां से हुई?”
विज्ञान कहता है — एक महा विस्फोट (Big Bang) से ब्रह्मांड बना।
परंतु ईश्वर ज्ञान कहता है — यह सृष्टि बनी नहीं, पुनः पुनः दोहराई जाती है।
आज हम समझेंगे —
क्या सचमुच सृष्टि एक विस्फोट से बनी है, या परमात्मा के संकल्प से?
भाग 1: बिग बैंग सिद्धांत — एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण
यह सिद्धांत सबसे पहले 1927 में बेल्जियम के खगोलशास्त्री जॉर्ज एडवर्ड लेमैत्रे (Georges Lemaître) ने प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड की शुरुआत एक अत्यंत संकुचित ऊर्जा-पिंड से हुई —
जिसे उन्होंने कॉस्मिक एग (Cosmic Egg) अर्थात ‘ब्रह्मांडीय अंडा’ कहा।
उदाहरण:
जैसे एक अंडे में पूरी मुर्गी बनने की क्षमता होती है,
वैसे ही उस अंडे में पूरा ब्रह्मांड संकुचित अवस्था में था।
फिर ‘जीरो टाइम’ नामक क्षण में उस अंडे में महा विस्फोट (Big Bang) हुआ —
और उससे परमाणु, तारे, आकाशगंगाएं, ग्रह आदि उत्पन्न हुए।
बाद में सर आर्थर एडिंगटन और जॉर्ज गेमो ने इस सिद्धांत को लोकप्रिय बनाया।
इस प्रकार इसे नाम दिया गया — “द बिग बैंग थ्योरी”।
वैज्ञानिक विवरण: ब्रह्मांड का विस्तार
बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार —
-
ब्रह्मांड की शुरुआत अत्यधिक गर्म और संकुचित स्थिति से हुई।
-
एक विस्फोट हुआ जिससे पदार्थ और ऊर्जा दूर-दूर फैल गए।
-
यह फैलाव आज भी जारी है — जिसे expanding universe कहा जाता है।
-
अनुमान है कि यह विस्फोट 13.8 अरब वर्ष पूर्व हुआ था।
उदाहरण:
जैसे आप एक गुब्बारे पर बिंदु बनाकर गुब्बारा फुलाते हैं,
तो वे बिंदु एक-दूसरे से दूर होते जाते हैं।
वैसे ही ब्रह्मांड भी लगातार फैलता जा रहा है।
परंतु…
प्रश्न उठता है —
-
यह गुब्बारा किसने बनाया?
-
उसके भीतर ऊर्जा किसने भरी?
-
और विस्फोट से पहले वह पदार्थ आया कहां से?
यहीं विज्ञान मौन हो जाता है।
भाग 2: ब्रह्मा कुमारी दृष्टिकोण — सृष्टि पुनरावृत्ति है, उत्पत्ति नहीं
ईश्वर शिव कहते हैं —
“यह सृष्टि कोई नई रचना नहीं है।
यह तो अनादि-अविनाशी विश्व नाटक है, जो साइकिल की तरह दोहराया जाता है।”
हर 5000 वर्ष में सृष्टि का वही चार युगों का चक्र दोहराया जाता है —
-
सतयुग – शांति और आनंद का स्वर्ण युग
-
त्रेतायुग – मर्यादा पुरुषोत्तम राज्य
-
द्वापरयुग – भक्ति की शुरुआत
-
कलियुग – अंधकार और पतन
और फिर आता है संगमयुग,
जब ईश्वर स्वयं आकर नई सृष्टि का बीज बोते हैं।
यह चक्र अनादि (beginningless) और अविनाशी (endless) है।
भाग 3: विस्फोट बनाम सृजन — विज्ञान और ईश्वर की दृष्टि का अंतर
| दृष्टिकोण | वैज्ञानिक बिग बैंग | ईश्वर का सृजन |
|---|---|---|
| स्वरूप | महा विस्फोट | शांत संकल्प |
| परिणाम | अव्यवस्था और विनाश | व्यवस्था और सृजन |
| साधन | पदार्थ और ऊर्जा | चेतन संकल्प शक्ति |
| उद्देश्य | अनजाना | पुनः सृष्टि का आरंभ |
उदाहरण:
विस्फोट से कभी संगीत नहीं बनता, केवल शोर होता है।
परंतु संगीत के पीछे एक संगीतकार होता है — जो स्वर और ताल को व्यवस्थित करता है।
वैसे ही यह सृष्टि भी परम बुद्धिमान रचयिता — ईश्वर शिव की योजना से बनी है।
मुरली प्रमाण (Murli Notes):
14 फरवरी 1966:
“बच्चे, यह सृष्टि कोई नई नहीं है।
यह तो अनादि-अविनाशी नाटक है जो रिपीट होता रहता है।
बिग बैंग जैसी बातें तो अज्ञानता में कही जाती हैं।”
3 अगस्त 1969:
“बाप कहते हैं — मैं बीज रूप हूं।
मेरे संकल्प से यह सृष्टि फिर से चलती है,
जैसे वृक्ष फिर से बीज से बढ़ता है।”
5 मार्च 1978:
“मनुष्य कहते हैं सृष्टि बिग बैंग से बनी,
पर बिग बैंग से विनाश होता है, सृजन नहीं।
मैं शांति से नई सृष्टि रचता हूं।”
भाग 4: ज्ञान का वास्तविक विस्फोट — Big Knowledge Explosion
वास्तव में बिग बैंग नहीं, बल्कि बिग नॉलेज (Big Knowledge) ही सृष्टि का आरंभ करता है।
जब ईश्वर का ज्ञान इस धरती पर आता है,
तो आत्माएं अंधकार से प्रकाश में आती हैं —
यही वास्तविक सृजन है।
“बिग बैंग से पदार्थ निकला,
पर ईश्वर के ज्ञान से जीवन जागा।”
निष्कर्ष:
-
सृष्टि किसी विस्फोट से बनी नहीं — यह अनादि चक्र है।
-
बिग बैंग से विनाश होता है, जबकि
ईश्वर के संकल्प से सृजन होता है। -
ईश्वर शिव संगमयुग में आकर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं,
और नई सृष्टि की नींव रखते हैं।
मुख्य संदेश:
“विज्ञान खोजता है आरंभ,
पर ईश्वर बताता है पुनरावृत्ति।
विस्फोट से विनाश,
और संकल्प से सृजन।”
अगले अध्याय की झलक:
“क्या बिग बैंग सचमुच सृष्टि की शुरुआत है — या पहले मुर्गी आई या अंडा?”
अगला पाठ इसी गूढ़ रहस्य को खोलेगा।बिग बैंग सिद्धांत — एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण
प्रश्न 1: बिग बैंग सिद्धांत क्या है और किसने दिया?
✅ उत्तर:
यह सिद्धांत 1927 में बेल्जियम के खगोलशास्त्री जॉर्ज एडवर्ड लेमैत्रे ने दिया।
उन्होंने कहा कि सृष्टि की शुरुआत एक अत्यंत संकुचित ऊर्जा-पिंड से हुई,
जिसे उन्होंने कॉस्मिक एग (Cosmic Egg) — अर्थात “ब्रह्मांडीय अंडा” कहा।
फिर उसी में हुआ महा विस्फोट — जिसे बिग बैंग कहा गया।
प्रश्न 2: बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड कैसे फैल रहा है?
✅ उत्तर:
विज्ञान कहता है कि 13.8 अरब वर्ष पूर्व हुए विस्फोट से
संपूर्ण ब्रह्मांड विस्तार कर रहा है — यह आज भी expanding universe कहलाता है।उदाहरण —
जैसे एक गुब्बारे पर बिंदु बनाकर उसे फुलाएं,
तो बिंदु एक-दूसरे से दूर होते जाते हैं —
वैसे ही आकाशगंगाएं एक-दूसरे से दूर जा रही हैं।
प्रश्न 3: बिग बैंग सिद्धांत में कौन से अनुत्तरित प्रश्न हैं?
✅ उत्तर:
विज्ञान यह नहीं बता पाता —
वह “कॉस्मिक एग” किसने बनाया?
ऊर्जा और पदार्थ आए कहां से?
विस्फोट से पहले “समय” और “स्थान” कहां थे?
यहीं पर विज्ञान मौन हो जाता है।
भाग 2: ब्रह्मा कुमारी दृष्टिकोण — सृष्टि पुनरावृत्ति है, उत्पत्ति नहीं
प्रश्न 4: ईश्वर ज्ञान सृष्टि के आरंभ के बारे में क्या कहता है?
✅ उत्तर:
ईश्वर शिव कहते हैं —
“यह सृष्टि कोई नई रचना नहीं है,
यह तो अनादि-अविनाशी विश्व नाटक है, जो बार-बार रिपीट होता है।”हर 5000 वर्ष में वही चार युगों का चक्र दोहराया जाता है —
सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग, कलियुग —
और फिर संगमयुग में ईश्वर आकर नई सृष्टि का बीज बोते हैं।
प्रश्न 5: सृष्टि चक्र की विशेषता क्या है?
उत्तर:
यह अनादि (beginningless) और अविनाशी (endless) है।
यह एक साइकिल की तरह है —
जिसमें हर दृश्य, हर पात्र, और हर घटना हूबहू पुनः दोहराई जाती है।
भाग 3: विस्फोट बनाम सृजन — विज्ञान और ईश्वर की दृष्टि का अंतर
दृष्टिकोण वैज्ञानिक बिग बैंग ईश्वर का सृजन स्वरूप महा विस्फोट शांत संकल्प परिणाम अव्यवस्था और विनाश व्यवस्था और सृजन साधन पदार्थ और ऊर्जा चेतन संकल्प शक्ति उद्देश्य अनजाना पुनः सृष्टि का आरंभ
उदाहरण:
विस्फोट से केवल शोर होता है, संगीत नहीं।
संगीत के लिए एक संगीतकार चाहिए, जो स्वर और ताल को सही क्रम में रखे।
वैसे ही यह सृष्टि भी परम बुद्धिमान रचयिता — ईश्वर शिव की योजना से बनी है।
भाग 4: मुरली प्रमाण (Murli Notes)
14 फरवरी 1966:
“बच्चे, यह सृष्टि कोई नई नहीं है।
यह तो अनादि-अविनाशी नाटक है जो रिपीट होता रहता है।
बिग बैंग जैसी बातें अज्ञानता में कही जाती हैं।”3 अगस्त 1969:
“बाप कहते हैं — मैं बीज रूप हूं।
मेरे संकल्प से यह सृष्टि फिर से चलती है,
जैसे वृक्ष बीज से बढ़ता है।”5 मार्च 1978:
“मनुष्य कहते हैं सृष्टि बिग बैंग से बनी,
पर बिग बैंग से विनाश होता है, सृजन नहीं।
मैं शांति से नई सृष्टि रचता हूं।”
भाग 5: ज्ञान का वास्तविक विस्फोट — Big Knowledge Explosion
प्रश्न 6: सृष्टि का वास्तविक “बिग बैंग” क्या है?
✅ उत्तर:
वास्तविक बिग बैंग कोई विस्फोट नहीं,
बल्कि ईश्वर का ज्ञान-विस्फोट (Big Knowledge Explosion) है।जब शिव परमात्मा का ज्ञान इस धरती पर प्रकट होता है,
तो आत्माएं अंधकार से प्रकाश में आती हैं —
यही सच्चा सृजन है।
सुविचार:
“बिग बैंग से पदार्थ निकला,
पर ईश्वर के ज्ञान से जीवन जागा।”
निष्कर्ष:
सृष्टि किसी विस्फोट से बनी नहीं — यह अनादि चक्र है।
बिग बैंग से विनाश होता है,
पर ईश्वर के संकल्प से सृजन होता है।हर संगमयुग में ईश्वर शिव आते हैं,
ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं,
और नई सृष्टि की नींव रखते हैं।
मुख्य संदेश:
“विज्ञान खोजता है आरंभ,
पर ईश्वर बताता है पुनरावृत्ति।
विस्फोट से विनाश होता है,
और संकल्प से सृजन।”डिस्क्लेमर (Disclaimer):
यह वीडियो केवल आध्यात्मिक और शैक्षिक उद्देश्य से बनाया गया है।
इसका उद्देश्य किसी भी वैज्ञानिक या धार्मिक सिद्धांत का विरोध या आलोचना करना नहीं है।
यह वीडियो ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय ज्ञान और विज्ञान के सिद्धांतों के बीच तुलनात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है ताकि दर्शक गहराई से विचार कर सकें।
हर दर्शक से निवेदन है कि वे अपने विवेक से इसे समझें और आत्म-चिंतन करें।
