When and how will the flame of destruction occur (07)”Now the detachment of the whole world will awaken, change is certain

विनाश ज्वाला कब और कैसे होगी (07)-“अब संपूर्ण विश्व का वैराग्य जागेगा,परिवर्तन निश्चित है

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

“अब संपूर्ण विश्व का वैराग्य जागेगा, परिवर्तन निश्चित है!”

वैराग्य से विश्व परिवर्तन – अब संगठित होकर संकल्प उठाओ!

वैराग्य वृत्ति से विश्व परिवर्तन

🕉️ जब संपूर्ण विश्व की आत्माओं में वैराग्य जागेगा, तब ही सृष्टि परिवर्तन संभव होगा।

🔥 वैराग्य ही परिवर्तन का आधार बनेगा!

💫 जब आत्माएँ मोह-माया से विरक्त होकर परमपिता परमात्मा के सत्य परिचय को धारण करेंगी, तभी सच्ची जागृति होगी।

 वैरागी संगठन की शक्ति

💪 अब बेहद के वैरागियों का एक संगठित समूह तैयार करना होगा।

🌟 जब यह संगठन संकल्प शक्ति से मजबूत होगा, तब दूसरी आत्माओं में भी वैराग्य की लहर उत्पन्न होगी।

🌍 ऐसा दिव्य वायब्रेशन फैलेगा कि सम्पूर्ण विश्व का परिवर्तन स्वतः हो जाएगा!

🕰️ वैराग्य के संकल्प से विनाश की घड़ी स्पष्ट होगी

📢 यह संगठन जब पूर्णताको प्राप्त करेगा, तो विनाश की तिथि स्वतः प्रकट होगी!

🔔 अब समय है – एकजुट होकर संकल्प करें कि हमारा वैराग्य ही नई दुनिया की स्थापना का आधार बने!

🚀 अब अपने संकल्प को शक्ति दें और पूरे विश्व में वैराग्य की अलख जगाएँ

अब संपूर्ण विश्व का वैराग्य जागेगा, परिवर्तन निश्चित है!

वैराग्य से विश्व परिवर्तन – अब संगठित होकर संकल्प उठाओ!

प्रश्नोत्तर (Questions & Answers) पर वैराग्य और विश्व परिवर्तन

प्रश्न 1: वैराग्य से विश्व परिवर्तन कैसे संभव है?
उत्तर: जब संपूर्ण विश्व की आत्माओं में वैराग्य जागेगा और वे मोह-माया से विरक्त होकर परमपिता परमात्मा के सत्य परिचय को धारण करेंगी, तब सच्ची जागृति होगी। यह जागृति विश्व परिवर्तन का आधार बनेगी।

प्रश्न 2: वैराग्य किस प्रकार परिवर्तन की नींव रखता है?
उत्तर: वैराग्य आत्मा को सच्चे ज्ञान और सत्य मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। जब आत्माएँ माया के बंधनों से मुक्त होकर ईश्वरीय सत्ता को स्वीकार करती हैं, तब सृष्टि का स्वर्णिम परिवर्तन संभव हो जाता है।

प्रश्न 3: वैराग्य वृत्ति को जागृत करने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर: स्वयं को आत्मा के रूप में अनुभूति कर, परमात्मा से संबंध जोड़ना आवश्यक है। नियमित रूप से योग, ज्ञान और सेवा के द्वारा वैराग्य वृत्ति को सशक्त बनाना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या व्यक्तिगत वैराग्य ही पर्याप्त है, या संगठित प्रयास आवश्यक हैं?
उत्तर: व्यक्तिगत वैराग्य से शुरुआत होती है, लेकिन जब बेहद के वैरागी संगठित होकर संकल्प लेंगे, तब ही संपूर्ण विश्व में वैराग्य की लहर उठेगी और परिवर्तन संभव होगा।

प्रश्न 5: वैरागी संगठन की शक्ति से क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर: जब यह संगठन संकल्प शक्ति से मजबूत होगा, तो इसकी दिव्य वाइब्रेशन से सम्पूर्ण विश्व में वैराग्य की अनुभूति उत्पन्न होगी। इससे स्वतः ही विश्व परिवर्तन की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी।

प्रश्न 6: वैराग्य और विनाश का क्या संबंध है?
उत्तर: जब संपूर्ण विश्व में वैराग्य का संकल्प जागृत होगा, तब विनाश की घड़ी स्पष्ट होगी। वैराग्य की शक्ति ही एक नए युग की स्थापना का आधार बनेगी।

प्रश्न 7: इस समय सबसे महत्वपूर्ण संकल्प क्या होना चाहिए?
उत्तर: अब समय है एकजुट होकर यह संकल्प लेने का कि हमारा वैराग्य ही नई दुनिया की स्थापना का आधार बनेगा। हमें अपनी संकल्प शक्ति को जागृत कर पूरे विश्व में वैराग्य की अलख जगानी होगी।

🚀 अब अपने संकल्प को शक्ति दें और वैराग्य के माध्यम से विश्व परिवर्तन में सहयोगी बनें! 🌍

वैराग्य, विश्व परिवर्तन, आत्मा जागृति, संकल्प शक्ति, मोह-माया से विरक्ति, परमपिता परमात्मा, सच्ची जागृति, वैरागी संगठन, संकल्प की शक्ति, दिव्य वाइब्रेशन, विनाश की घड़ी, नई दुनिया की स्थापना, आत्मा का उत्थान, ईश्वरीय सत्ता, स्वर्णिम युग, ब्रह्म ज्ञान, योग शक्ति, सत्य मार्ग, आत्मिक शक्ति, वैराग्य की लहर, परिवर्तन का आधार, आध्यात्मिक शक्ति, परमात्मा का सत्य परिचय, संगठित संकल्प, वैराग्य की अनुभूति, दिव्य चेतना, आध्यात्मिक जागृति, वैराग्य और विनाश, स्वर्णिम भविष्य, परमात्म मिलन,

Vairagya, world transformation, soul awakening, power of resolve, detachment from illusion, supreme father, true awakening, renunciation organization, power of resolve, divine vibration, hour of destruction, establishment of new world, soul’s upliftment, divine power, golden age, Brahma knowledge, yoga power, true path, spiritual power, wave of renunciation, basis of change, spiritual power, true introduction of god, organized resolve, experience of renunciation, divine consciousness, spiritual awakening, renunciation and destruction, golden future, union with god,