(15)Is Shri Krishna the supreme deity or Supreme Soul?

(15) श्री कृष्ण सर्वोच्च देवता या परमात्मा ?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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यह रहा एक  स्क्रिप्ट का वर्जन जो ब्रह्माकुमारियों के आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित है और दर्शकों को सहज, गहराई से और सोचने पर मजबूर करने वाले अंदाज़ में श्रीकृष्ण की “सोलह कला संपूर्ण” स्थिति और परमात्मा की पहचान समझाने में मदद करेगा:


🎉 लुट लो शांति! श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं! 🎉
आज एक बहुत ही दिलचस्प और गहराई से जुड़ा सवाल —

🕊️ क्या श्रीकृष्ण परमात्मा हैं? या फिर वो एक महान, सोलह कला संपूर्ण देवता?

🌼 ब्रह्माकुमारियों के ज्ञान से इस रहस्य को समझते हैं।

– सवाल उठाइए]

“दुनिया भर में कई लोग श्रीकृष्ण को परमात्मा मानते हैं।
पर सवाल यह उठता है कि जो जन्म लेता है…
क्या वह परमात्मा हो सकता है?”

“श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, माता-पिता थे, लीलाएं कीं, और उन्होंने कर्म किए।
तो क्या वह परमपिता परमात्मा हो सकते हैं —
जो अजन्मा और अविनाशी कहा जाता है?”

🌕 [ब्रह्माकुमारियों का ज्ञान – उत्तर मिलता है]

परमात्मा खुद कहते हैं —
“मैं अजन्मा हूँ।
मैं किसी के गर्भ से जन्म नहीं लेता।
मैं आता हूँ पर प्रवेश करता हूँ —
एक साधारण, पुरानी आत्मा के तन में।”

जिस आत्मा को परमात्मा ने चुना,
उसे ही बना दिया पहला अर्जुन,
पहला विद्यार्थी —
और वही आत्मा ही आगे चलकर श्रीकृष्ण बनती है।

💫 [सोलह कला संपूर्ण मतलब क्या है?]

श्रीकृष्ण ‘सोलह कला संपूर्ण’ इसलिए कहे जाते हैं,
क्योंकि वो आत्मा की पूर्णता की स्थिति का प्रतीक हैं।
हर शक्ति, हर गुण — पूर्णता में।
कोई भी कमजोरी नहीं।
न लोभ, न मोह, न अहंकार।
सच्चा, निर्मल, निष्कलंक।

🎨 ये कोई लिस्ट नहीं कि नृत्य, संगीत, चित्रकला…
बल्कि आत्मा की आंतरिक श्रेष्ठता की स्थिति है।

🪔 [अब असली परमात्मा कौन?]

परमात्मा — वो जो कभी जन्म नहीं लेता,
जिसका कोई शरीर नहीं,
जो सिर्फ शांति, प्रेम और ज्ञान का सागर है।

वो हैं शिव परमात्मा।

जो हर युग के अंत में आते हैं —
ज्ञान सुनाते हैं,
और श्रीकृष्ण जैसी आत्माओं को फिर से 16 कला संपूर्ण बनाते हैं।

“तो अब समझ आया…
क्यों श्रीकृष्ण परमात्मा नहीं,
बल्कि परमात्मा के सबसे प्यारे,
पहले नंबर के विद्यार्थी हैं।”

और अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है —
तो हमने खास आपके लिए बनाई हैं
जहाँ मिलेगा हर सवाल का जवाब —
शायद वो भी, जो आपने आज तक पूछा ही नहीं।

🕊️ क्या श्रीकृष्ण परमात्मा हैं? | ब्रह्माकुमारियों के आध्यात्मिक ज्ञान पर आधारित प्रश्नोत्तर

🎉 लुट लो शांति! श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं! 🎉
आज हम उठाते हैं एक गहन और सोचने पर मजबूर कर देने वाला सवाल…

प्रश्न 1: क्या श्रीकृष्ण परमात्मा हैं?

उत्तर:नहीं, ब्रह्माकुमारियों के अनुसार श्रीकृष्ण परमात्मा नहीं हैं।
वे एक महान, सोलह कला संपूर्ण आत्मा हैं — पूर्ण गुणों और शक्तियों से युक्त, जो सत्ययुग की शुरुआत में जन्म लेते हैं।

प्रश्न 2: अगर श्रीकृष्ण परमात्मा नहीं हैं, तो फिर परमात्मा कौन है?

उत्तर:परमात्मा वही है जो अजन्मा, अविनाशी, और निर्लेप है —
जिसका कोई जन्म नहीं होता, जो कभी शरीर नहीं लेता।
वो है शिव परमात्मा, जो ज्ञान द्वारा आत्माओं का कल्याण करते हैं।

प्रश्न 3: श्रीकृष्ण का जन्म हुआ, माता-पिता थे, कर्म किए — तो क्या ये सब एक संकेत है कि वह आत्मा थे, परमात्मा नहीं?

उत्तर:
बिलकुल।
परमात्मा का न तो जन्म होता है, न माता-पिता होते हैं, और न ही वे कोई कर्म करते हैं।
श्रीकृष्ण का जन्म, बाल लीलाएं, कर्म आदि — ये सब दर्शाते हैं कि वो एक महान आत्मा थे, न कि परमात्मा।

प्रश्न 4: परमात्मा जब आता है, तो कैसे आता है? क्या वह जन्म लेता है?

उत्तर:नहीं।परमात्मा स्वयं कहते हैं —
“मैं जन्म नहीं लेता। मैं एक साधारण तन में प्रवेश करता हूँ।”
यानी, वह अवतार नहीं लेता, अवतरण करता है —
ज्ञान देने के लिए, और आत्माओं को पुनः दिव्य बनाने के लिए।

प्रश्न 5: “सोलह कला संपूर्ण” का क्या मतलब होता है?

उत्तर:“सोलह कला संपूर्ण” का अर्थ है — आत्मा की पूर्ण स्थिति।
जहाँ सभी गुण, शक्तियाँ और मूल्य उच्चतम स्तर पर होते हैं।
ना कोई कमी, ना विकार।
श्रीकृष्ण इस पूर्णता का प्रतीक हैं।

यह कोई भौतिक कला (जैसे नृत्य, संगीत) नहीं,
बल्कि आत्मा की आंतरिक दिव्यता है।

प्रश्न 6: श्रीकृष्ण अगर विद्यार्थी थे, तो उनके शिक्षक कौन थे?

उत्तर:श्रीकृष्ण, ब्रह्माकुमारियों के अनुसार, वही आत्मा है जो वर्तमान संगम युग में
परमात्मा शिव से ज्ञान प्राप्त करती है —
पहला अर्जुन, पहला विद्यार्थी बनकर।
परमात्मा शिव ही वह शिक्षक हैं।

प्रश्न 7: क्या हम भी 16 कला संपूर्ण बन सकते हैं?

उत्तर:हाँ!परमात्मा शिव का ज्ञान, राजयोग और पावन संकल्पों से
हर आत्मा फिर से उसी दिव्यता की ओर लौट सकती है —
जैसे श्रीकृष्ण की आत्मा बनी थी।

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