P-P 67 “क्या परमात्मा हमें दुर्घटनाओं से बचा सकता है
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
🪔 आज का पदम है: क्या परमात्मा हमें दुर्घटनाओं से बचा सकता है?
❓ प्रश्न 1: क्या परमात्मा हमें दुर्घटनाओं और कष्टों से बचा सकते हैं?
उत्तर:परमात्मा सर्वशक्तिमान हैं, परंतु वे इस नाटक के साक्षी मात्र हैं। वे किसी आत्मा के कर्म में हस्तक्षेप नहीं करते। हर आत्मा को अपने कर्मों का फल भोगना होता है। परमात्मा का कार्य बचाना नहीं, बल्कि शक्ति देना है — जिससे आत्मा परिस्थितियों का सामना कर सके।
❓ प्रश्न 2: अगर परमात्मा हमें नहीं बचाते, तो हम उन्हें क्यों याद करें?
उत्तर:हम परमात्मा को इसलिए याद करते हैं क्योंकि वह हमें आत्मिक स्थिति में स्थित होने की शक्ति देते हैं। यह आत्मिक स्थिति ही हमें हर संकट, दुख और भय से पार कराती है। वह हमें मार्ग दिखाते हैं, जिससे हम भविष्य के लिए श्रेष्ठ कर्म कर सकें और दुखों से मुक्त हो सकें।
❓ प्रश्न 3: क्या भक्ति करने या भोग लगाने से हमारे दुख मिट जाते हैं?
उत्तर:भक्ति से शांति की अनुभूति हो सकती है, परंतु कर्मों का हिसाब-किताब केवल आत्म-साक्षात्कार और ज्ञान से मिटता है। भोग लगाना कर्म का फल नहीं बदलता — केवल हमारी भावना को शक्ति मिलती है। इसलिए सच्चा उपाय है आत्मिक स्थिति में स्थित होकर ज्ञान के अनुसार कर्म करना।
❓ प्रश्न 4: क्या सभी घटनाएँ पूर्व निर्धारित हैं?
उत्तर:जी हाँ, यह विश्व नाटक अनादि और पूर्व-निर्धारित है। हर घटना — चाहे वह सुखद हो या दुखद — हमारे कर्मों के अनुसार पहले से तय है। इसे बदला नहीं जा सकता, यहाँ तक कि परमात्मा भी इसे नहीं बदलते। वे केवल आत्मा को जागृत करते हैं कि वह सही दृष्टिकोण से इसे पार करे।
❓ प्रश्न 5: आत्मा को कष्ट क्यों होता है?
उत्तर:वास्तव में आत्मा को कष्ट नहीं होता, कष्ट का अनुभव तब होता है जब आत्मा शरीर की चेतना में आ जाती है। आत्मा का मूल स्वरूप शुद्ध, शांतिपूर्ण और अजर-अमर है। आत्मिक स्थिति में स्थित आत्मा को कोई भी परिस्थिति प्रभावित नहीं कर सकती।
❓ प्रश्न 6: तो क्या आत्मा को बचाया जा सकता है?
उत्तर:आत्मा को बाह्य रूप से नहीं बचाया जा सकता, लेकिन आत्मा को आत्मिक स्थिति में स्थित कर, उसे संपूर्ण शक्ति और स्थिरता दी जा सकती है। यही सच्चा बचाव है — जब आत्मा स्वयं को जानकर, परमात्मा को याद कर, अचल अडोल बन जाए।
❓ प्रश्न 7: जब हम शिव बाबा को याद करते हैं तो क्या होता है?
उत्तर:जब आत्मा, “मैं आत्मा हूँ” की स्मृति में रहकर परमात्मा को याद करती है, तो उसे दिव्य शक्ति प्राप्त होती है। यह शक्ति उसे कर्मों का सामना करने की शक्ति देती है, दुख से पार कराती है, और जीवन को कल्याणकारी बनाती है।
❓ प्रश्न 8: क्या यह सब ज्ञान केवल ब्रह्मा कुमारियों के लिए है?
उत्तर:नहीं। यह ज्ञान हर आत्मा के लिए है। परमात्मा ने कहा है: “मैं संपूर्ण विश्व की आत्माओं का पिता हूँ।” इसलिए यह ज्ञान, यह सच्चाई, यह शक्ति हर आत्मा के लिए उपलब्ध है — जो भी स्वयं को आत्मा समझकर परमात्मा से जुड़ना चाहता है।
🪔 निष्कर्ष: परमात्मा हमें परिस्थिति से निकालने नहीं आते, वे हमें परिस्थिति से पार होने की शक्ति देते हैं। यह ड्रामा न्यायपूर्ण है, और परमात्मा ज्ञान स्वरूप हैं, कार्यकारी नहीं। उनकी याद, उनका ज्ञान, और आत्मिक स्थिति ही हमें सुरक्षित बनाती है।
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