T-L-P 72″परमात्मा और सूक्ष्म सृष्टि की रचना
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
🪔 भूमिका: आज का पदम और मंथन का विषय
Om Shanti प्यारे आत्माओं,
आज हम एक अत्यंत गूढ़ और दिव्य विषय पर मंथन करेंगे –
“परमात्मा और सूक्ष्म सृष्टि की रचना।”
प्रश्न यह है:
क्या परमात्मा स्वयं सूक्ष्म सृष्टि की रचना करते हैं,
या यह सब कुछ ड्रामा अनुसार स्वतः घटित हो जाता है?
यह एक बौद्धिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभव से जुड़ा प्रश्न है।
आइए देखें, शिव बाबा इस पर क्या दिव्य ज्ञान देते हैं।
🔍 1. परमात्मा स्वयं रचते हैं या ड्रामा अनुसार रचती है?
उत्तर है – दोनों।
परमात्मा रचते भी हैं और यह ड्रामा अनुसार भी होता है।
लेकिन एक और प्रश्न उठता है:
जब परमात्मा के पास स्वयं का स्थूल शरीर नहीं है,
तो वे संकल्प कैसे करते हैं?
क्योंकि संकल्प का आधार है – शरीर।
🌟 2. ब्रह्मा तन में प्रवेश और सूक्ष्म शरीर का प्रकटन
जब परमात्मा, शिव बाबा,
ब्रह्मा बाबा के तन में प्रवेश करते हैं,
तो ठीक उसी क्षण,
सूक्ष्म वतन में ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म स्वरूप प्रकट होता है।
यह एक अद्भुत दिव्य प्रक्रिया है –
जहाँ स्थूल प्रवेश और सूक्ष्म प्रकटन साथ-साथ होते हैं।
यहीं से सृष्टि रचना का कार्य आरंभ होता है।
☀️ 3. ब्रह्मा का दिन और ब्रह्मा की रात
शास्त्रों में कहा जाता है:
“ब्रह्मा का दिन ज्ञान है और रात भक्ति है।”
-
जब ज्ञान की रोशनी आती है,
तो सृष्टि की रचना आरंभ होती है। -
जब आत्माएं भक्ति मार्ग में होती हैं,
तो वह है अज्ञान का समय।
भक्ति का अर्थ ही है – जिसे हम जान न सकें।
और ज्ञान का अर्थ है – जिसे हम अनुभव करें।
🌀 4. सूक्ष्म सृष्टि की रचना कैसे होती है?
सबसे पहले परमात्मा ब्रह्मा बाबा के तन में प्रवेश करते हैं।
इससे पहले वे संकल्प भी नहीं कर सकते,
क्योंकि बिना सूक्ष्म शरीर के संकल्प नहीं होता।
जैसे ही प्रवेश हुआ –
सूक्ष्म वतन में ब्रह्मा बाबा का अव्यक्त स्वरूप भी तैयार हो गया।
अब परमात्मा उस अव्यक्त स्वरूप के माध्यम से
ज्ञान का विस्तार करते हैं।
🧘♀️ 5. अनुभव के प्रमाण – दादी गुलज़ार जी का अनुभव
जब दादी गुलज़ार संदेश लेने जाती थीं,
तो उन्हें शिव बाबा दिखाई नहीं देते थे,
बल्कि उन्हें ब्रह्मा बाबा ही दिखाई देते थे।
क्यों?
क्योंकि सूक्ष्म में जो ब्रह्मा का स्वरूप बना,
वही माध्यम बनता है ज्ञान देने का।
शिव बाबा स्वयं प्रकट नहीं होते –
वे ब्रह्मा बाबा के सूक्ष्म तन के माध्यम से कार्य करते हैं।
📜 6. निष्कर्ष – यह प्रक्रिया कैसे चलती है?
-
परमात्मा का कार्य ब्रह्मा तन में प्रवेश से आरंभ होता है।
-
उसी क्षण सूक्ष्म स्वरूप का प्रकटन होता है।
-
यह सब ड्रामा अनुसार पूर्व निर्धारित है,
लेकिन गति तो परमात्मा ही देते हैं।
यही गूढ़ रहस्य,
सत्य ज्ञान का मूल आधार है।
🔔 मुरली संदर्भ
यह ज्ञान हमें 7 नवम्बर की रिवाइज मुरली में स्पष्ट रूप से बताया गया था।
🙏 समापन – आत्म अनुभूति की ओर
तो प्रिय आत्माओं,
आज के इस पदम का सार यही है –
“परमात्मा स्वयं रचयिता हैं, लेकिन रचना ड्रामा अनुसार घटती है।”
अब यह हमें अनुभव करना है –
शिव बाबा कैसे हमें सूक्ष्म रूप से प्रेरित करते हैं,
और हम उस दिव्यता का अनुभव कैसे करें।
🌟 आज का पदम: परमात्मा और सूक्ष्म सृष्टि की रचना 🌟
❓प्रश्न 1: क्या परमात्मा सूक्ष्म सृष्टि की रचना करते हैं या यह ड्रामा अनुसार स्वतः रच जाती है?
उत्तर:दोनों ही सत्य हैं – परमात्मा सूक्ष्म सृष्टि की रचना करते हैं और यह प्रक्रिया ड्रामा अनुसार स्वतः घटती भी है।
जैसे ही परमात्मा ब्रह्मा के तन में प्रवेश करते हैं, उसी क्षण सूक्ष्म वतन में ब्रह्मा बाबा का अव्यक्त स्वरूप प्रकट होता है।
❓प्रश्न 2: परमात्मा सूक्ष्म सृष्टि की रचना कैसे करते हैं?
उत्तर:परमात्मा जब ब्रह्मा तन में प्रवेश करते हैं, तो वह स्थूल माध्यम द्वारा संकल्प लेते हैं।
यह संकल्प सूक्ष्म सृष्टि की रचना का आधार बनता है।
बिना किसी शरीर के संकल्प नहीं हो सकता, इसलिए स्थूल प्रवेश और सूक्ष्म स्वरूप का प्रकटन एक साथ होता है।
❓प्रश्न 3: ब्रह्मा का “दिन” और “रात” क्या दर्शाते हैं?
उत्तर:ब्रह्मा का दिन ज्ञान मार्ग को दर्शाता है, जबकि रात भक्ति मार्ग को।
जहाँ ज्ञान है, वहाँ सृजन है।
जहाँ भक्ति है, वहाँ अज्ञान है।
इसलिए ज्ञान की रोशनी में ही सूक्ष्म सृष्टि रचती है।
❓प्रश्न 4: ब्रह्मा बाबा का सूक्ष्म शरीर कब प्रकट होता है?
उत्तर:उसी समय जब शिव बाबा साकार ब्रह्मा के तन में प्रवेश करते हैं।
यह एक साथ की घटना है –
स्थूल प्रवेश और सूक्ष्म प्रकटन एक ही क्षण में होता है।
यह कोई बाद में हुआ परिवर्तन नहीं, बल्कि संकल्प और शरीर की एकता है।
❓प्रश्न 5: दादी गुलज़ार को किसका दर्शन होता था – शिव बाबा का या ब्रह्मा बाबा का?
उत्तर:दादी गुलज़ार को ब्रह्मा बाबा का दर्शन होता था, क्योंकि सूक्ष्म शरीर वही प्रकट हुआ था।
शिव बाबा उस तन के द्वारा संदेश देते थे, परन्तु दिखाई देने वाला स्वरूप ब्रह्मा बाबा का होता था।
❓प्रश्न 6: क्या ब्रह्मा बाबा को अपने सूक्ष्म स्वरूप की जानकारी थी?
उत्तर:नहीं, ब्रह्मा बाबा को यह ज्ञात नहीं था कि उनका सूक्ष्म स्वरूप ऊपर प्रकट हुआ है।
यह कार्य परमात्मा द्वारा, ड्रामा अनुसार, स्वचालित रूप से हुआ।
❓प्रश्न 7: इस सम्पूर्ण प्रक्रिया से क्या निष्कर्ष निकलता है?
उत्तर:परमात्मा का कार्य ब्रह्मा तन में प्रवेश के साथ आरंभ होता है और उसी क्षण सूक्ष्म सृष्टि की रचना होती है।
यह सब ड्रामा के नियम अनुसार चलता है, लेकिन उसे आरंभ करने वाले परमात्मा शिव ही हैं।
यही सत्य ज्ञान का महान और रहस्यमय आधार है।
परमात्मा की रचना शक्ति, सूक्ष्म सृष्टि का रहस्य, ब्रह्मा का सूक्ष्म स्वरूप, ब्रह्मा बाबा और शिव बाबा, परमात्मा का कार्य, ब्रह्मा का दिन और रात, सूक्ष्म वतन की सृष्टि, शिव बाबा का प्रवेश, सूक्ष्म सृष्टि की शुरुआत, परमात्मा और ड्रामा, शिव ब्रह्मा संगम, ज्ञान और भक्ति का रहस्य, सूक्ष्म शरीर का रहस्य, ब्रह्मा बाबा का प्रकटन, दादी गुलज़ार अनुभव, सत्य ज्ञान का आधार, ब्रह्मा का दिन ज्ञान, ब्रह्मा की रात भक्ति, साकार मुरली 7 नवम्बर, ब्रह्मा में प्रवेश, सूक्ष्म वतन के दृश्य, ब्रह्मा तन और सृष्टि, शिव बाबा की श्रीमत, अव्यक्त ब्रह्मा बाबा, सूक्ष्म लोक की रचना,
God’s creative power, the mystery of the subtle world, Brahma’s subtle form, Brahma Baba and Shiv Baba, God’s work, Brahma’s day and night, creation of the subtle world, Shiv Baba’s entry, the beginning of the subtle world, God and the drama, Shiv Brahma confluence, the mystery of knowledge and devotion, the mystery of the subtle body, Brahma Baba’s appearance, Dadi Gulzar’s experience, the basis of true knowledge, Brahma’s day knowledge, Brahma’s night devotion, Sakar Murli 7 November, entry into Brahma, scenes of the subtle world, Brahma’s body and creation, Shiv Baba’s Shrimat, Avyakt Brahma Baba, creation of the subtle world,