T.L.P 82″ Why does the soul from Paramdham go to the physical world?

T.L.P 82″परमधाम से आत्मा साकार लोक में क्यों?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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🔰 भूमिका (Introduction)

नमस्कार आत्मन,
आज का हमारा पदम बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है हमारे सच्चे घरपरमधाम से।
परमधाम यानी शांति का धाम, आत्माओं का मूल निवास स्थान, जहां पूर्ण पवित्रता, शक्ति और मौन है।
तो प्रश्न यह है: हम आत्माएं परमधाम से इस साकार लोक में क्यों आती हैं?
क्या हमें कोई बुलाता है? या आत्मा स्वयं संकल्प करती है?


🌌 परमधाम से यात्रा की शुरुआत

हम आत्माएं परमधाम से सीधे सृष्टि मंच पर नहीं आतीं, पहले एक बीच का क्षेत्र — जिसे सूक्ष्म वतन कहा जाता है — उसे पार करती हैं।
लेकिन ध्यान दें:
👉 परमधाम में आत्मा बिना शरीर के होती है — केवल बिंदु रूप में।
👉 सूक्ष्म शरीर वहां नहीं होता।
👉 वहाँ से हम साकार शरीर धारण करने पृथ्वी पर आते हैं।


🔁 आत्मा कब और कैसे आती है?

आत्मा न तो अलार्म से जागती है, न कोई शिवबाबा उसे धक्का देता है।
एक्यूरेट टाइम पर आत्मा का सेल्फ-अलार्म बजता है।
वह जागती है, संकल्प करती है और पृथ्वी पर अवतरित होती है।


🧲 तत्व और संकल्प की भूमिका

जब आत्मा नीचे आती है, तो दो चीजें उसे आकर्षित करती हैं:

  1. तत्व (Elements) — शरीर की रचना करने वाले पाँच तत्व।

  2. संकल्प (Thoughts) — पहले से आए आत्माओं के मन के संकल्प।

🔹 प्रारंभिक आत्माएं:

उन्हें तत्व आकर्षित करते हैं — क्योंकि उनका शरीर पहले से यहाँ योग-निद्रा में तैयार रखा गया होता है।

🔹 बाद में आने वाली आत्माएं:

उन्हें संकल्प बुलाते हैं — जैसे लक्ष्मी-नारायण का संकल्प: “हमें संतान चाहिए।”
वो गर्भ तैयार करते हैं और आत्माओं को खींचते हैं।


🧬 आत्मा के संस्कार किस पर निर्भर करते हैं?

🔹 आत्मा के दो मुख्य आधार होते हैं:

  1. स्वयं आत्मा के पूर्व जन्म के संस्कार और सूक्ष्म शरीर

  2. माता-पिता के संस्कार और शरीर के गुण

👉 लेकिन आत्मा उन्हीं गुणों को ग्रहण करती है जो उसके ड्रामा अनुसार पार्ट में फिट बैठते हैं


🕉️ क्या सूक्ष्म शरीर परमधाम में होता है?

नहीं!
परमधाम में केवल निर्दोष, निर्विकल्प, बिंदु रूप आत्मा होती है।
सूक्ष्म शरीर केवल सूक्ष्म वतन तक सीमित है।
वहाँ आत्मा संकल्प के माध्यम से साक्षात्कार देती है।
परमधाम से पृथ्वी पर आने में आत्मा को एक सेकंड से भी कम समय लगता है।
कोई सूक्ष्म स्टेशन या रुकावट नहीं।


🧠 आत्मा की संस्कार चयन प्रक्रिया

  • आत्मा माता-पिता के सभी संस्कार नहीं लेती।

  • सिर्फ वही गुण लेती है जो उसके रोल के अनुसार जरूरी हैं।

  • आत्मा के अंदर पहले से ही सब संस्कार हैं — जो आवश्यक होते हैं, वही इमर्ज होते हैं।

उदाहरण:
जैसे गीत की रिकॉर्डिंग होती है — कब कौन सा लाइन बजेगी, पहले से सेट होती है।
वैसे ही आत्मा में भी — कौन सा संस्कार कब इमर्ज होगा, यह पहले से तय है।


🌿 पांच तत्वों की पवित्रता और शरीर का निर्माण

संगम युग में पाँचों तत्व पवित्र होते हैं।
जब आत्मा पहली बार आती है — तो शरीर भी पवित्र बनता है।
यही कारण है कि सतयुग की आत्माएं निर्विकारी शरीर धारण करती हैं


📺 सूक्ष्म वतन और दृश्य

जब कोई आत्मा किसी को बुलाती है — जैसे सेवा देने के लिए, या शरीर छोड़ने के लिए प्रेरित करती है — तब सूक्ष्म वतन की स्थिति आती है।
इविल सोल्स और देव आत्माएं दोनों अपनी-अपनी भूमिका निभाती हैं।


🧭 निष्कर्ष (Conclusion)

तो प्यारे आत्मन,
हमारा सच्चा घर — परमधाम — जहां से आत्मा पूर्ण शुद्ध, शांति से भरपूर निकलती है।
यह संसार रंगमंच है — और आत्मा अपने निश्चित पार्ट के अनुसार एक्यूरेट टाइम पर आती है।

👉 कोई बुलाता नहीं है — सब स्वचालित होता है।
👉 आत्मा स्वयं संकल्प करती है, और इस धरती पर जन्म लेती है — एक विशेष रोल के लिए।


🕯️ आज की मनन बिंदु:

“मैं कौन हूँ? कहाँ से आया हूँ? और क्यों आया हूँ?”
इस चिंतन से आत्मज्ञान की नींव रखी जाती है।


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हम मिलेंगे अगले पदम में, एक नई दिव्य झलक के साथ।

ॐ शांति।


❓प्रश्न 1: परमधाम क्या है और आत्मा वहाँ कैसी होती है?

उत्तर:परमधाम आत्माओं का मूल घर है, जिसे शांति धाम या ब्रह्मलोक कहा जाता है। वहाँ आत्मा निर्विकल्प, शांत, पवित्र, और शक्तिशाली स्थिति में होती है। वहाँ कोई शब्द, शरीर या कार्य नहीं होता — केवल मौन और शांति होती है।


❓प्रश्न 2: आत्मा परमधाम से साकार लोक में क्यों आती है?

उत्तर:यह एक विश्व-नाटक है, जिसमें हर आत्मा का अपना निश्चित पार्ट है। आत्मा स्वयं के “सेल्फ-अलार्म” के अनुसार जागती है और समय आने पर साकार लोक में आती है। उसे कोई बुलाता नहीं, यह स्वचालित प्रक्रिया है — ड्रामा के अनुसार।


❓प्रश्न 3: आत्मा नीचे आने पर किससे आकर्षित होती है — तत्व या संकल्प?

उत्तर:पहली बार आने वाली आत्माएं तत्वों (पंच तत्वों से बने शरीर) से आकर्षित होती हैं। वे आत्माएं जिन्होंने पहले शरीर छोड़ते समय उसे सुरक्षित रखा था, वह शरीर उन्हें पुनः आकर्षित करता है।
बाद में आने वाली आत्माएं संकल्पों से आकर्षित होती हैं — पहले से जन्मी आत्माएं उन्हें अपने संकल्पों के माध्यम से आमंत्रित करती हैं।


❓प्रश्न 4: आत्मा साकार लोक में आते समय सूक्ष्म वतन में जाती है या नहीं?

उत्तर:नहीं। जब आत्मा परमधाम से आती है, वह सीधे साकार शरीर में प्रवेश करती है — गर्भ में। वह सूक्ष्म वतन में नहीं रुकती। सूक्ष्म वतन केवल संकल्पों की दुनिया है, वहाँ स्थूल या सूक्ष्म शरीर नहीं होता।


❓प्रश्न 5: क्या आत्मा का स्वभाव और संस्कार माता-पिता से आते हैं?

उत्तर:جز्वरी नहीं। आत्मा माता-पिता से केवल वही संस्कार और गुण लेती है जो उसके रोल और कार्मिक अकाउंट में पहले से सेट हैं। आत्मा स्वयं चुनाव करती है कि कौन से गुण उसे लेने हैं। बाकी सब मर्ज रहते हैं और समय अनुसार इमर्ज होते हैं।


❓प्रश्न 6: आत्मा का सूक्ष्म शरीर क्या है? क्या वह परमधाम में जाता है?

उत्तर:सूक्ष्म शरीर आत्मा के संस्कारों का आधार है और वह सूक्ष्म वतन में अनुभव होता है। लेकिन परमधाम में आत्मा बिना किसी शरीर के जाती है — वहाँ सिर्फ आत्मा होती है, न कोई शरीर, न कोई रूप।


❓प्रश्न 7: आत्मा शरीर में आते ही सब कुछ देखती है क्या?

उत्तर:नहीं। आत्मा जब परमधाम से नीचे आती है, तो वह कुछ नहीं देखती। न उसे पृथ्वी पर क्या है, यह दिखता है, न कोई रूप-रंग। वह सिर्फ ड्रामा अनुसार अपने रोल में प्रवेश करती है — संकल्प के बल से।


❓प्रश्न 8: क्या आत्मा माता-पिता के DNA से संस्कार लेती है?

उत्तर:DNA और genes शरीर के गुण हैं, जो आत्मा के चुनाव अनुसार होते हैं। आत्मा वही संस्कार और गुण लेती है जो उसके 5000 वर्ष के पार्ट में आवश्यक हैं — न ज्यादा, न कम। माता-पिता केवल माध्यम हैं, निर्देशक नहीं।


❓प्रश्न 9: सूक्ष्म वतन का क्या कार्य है, और वहाँ कौन-कौन जाता है?

उत्तर:सूक्ष्म वतन संकल्पों की दुनिया है। वहाँ न कोई शरीर होता है, न कोई स्थूल रूप। वहाँ केवल देवता समान फरिश्ते या इच्छाशक्ति से यात्रा करने वाली आत्माएं संकल्प के रूप में आती-जाती हैं। अंतिम समय में सेवा करने के लिए सूक्ष्म रूप से आत्माएं वहाँ पहुँचती हैं — जैसे फरिश्ते या इविल सोल्स।


❓प्रश्न 10: क्या अंतिम समय में सूक्ष्म शरीर का रोल बढ़ जाएगा?

उत्तर:हाँ, अंत में बहुत तेज गति से कर्मों का हिसाब चुकता होगा। उस समय सूक्ष्म शरीर के द्वारा फरिश्तों का और इविल सोल्स का बड़ा पार्ट चलेगा। आत्माएं साक्षात्कार के रूप में एक-दूसरे को मार्गदर्शन देंगी या कर्मों का निपटारा करेंगी।

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