ईश्वर और उनके नियम – धारावाहिक का परिचय
(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
परमात्मा का परिचय कौन दे सकता है?
हम सभी जानते हैं कि परमात्मा का परिचय कोई दे सकता है? यह एक अहम प्रश्न है। अगर आपसे पूछा जाए कि परमात्मा का परिचय कौन दे सकता है, तो क्या आप इसका सही उत्तर दे पाएंगे? हम इस पर विचार करते हैं।
हमारे धर्मशास्त्र, धर्म गुरु, या आचार्य क्या परमात्मा का सही परिचय दे सकते हैं? दुनिया में कई धर्म हैं, कई पंथ हैं, और इन पंथों को मानने वाले कई धर्मगुरु भी हैं। क्या ये धर्मगुरु परमात्मा का सही परिचय दे सकते हैं?
सोचिए, उनका रचयिता कोई और व्यक्ति होगा। कोई भी धर्मगुरु, आचार्य या संत खुद भी देधारी होते हैं। वे भोगते हैं, और जो भोगता है, वह कभी भी संपूर्ण नहीं हो सकता।
एक छोटी सी एक्सरसाइज
इससे समझने के लिए हम एक छोटी सी एक्सरसाइज करते हैं। क्या कोई व्यक्ति, जैसे आपकी माँ, पिताजी, भाई, बहन, या आपके सबसे प्रिय व्यक्ति, आपका पूरी तरह से परिचय दे सकता है?
सोचिए, क्या वह आपका पूरा परिचय दे सकते हैं?
कोई भी व्यक्ति आपका उतना ही परिचय दे सकता है जितना समय वह आपके साथ रहा है, और जितना उसने आपके साथ अनुभव किया है।
आपकी माँ, पिताजी, भाई, बहन, या दोस्त – कोई भी आपका पूरी तरह से परिचय नहीं दे सकता। क्योंकि हर एक का नज़रिया और अनुभव अलग होता है।
आध्यात्मिक सच्चाई: परमात्मा का परिचय
इसी तरह से, कोई भी देधारी मनुष्य परमात्मा का संपूर्ण परिचय नहीं दे सकता। केवल और केवल परमात्मा स्वयं अपना परिचय दे सकते हैं।
आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, हमें यह समझना चाहिए कि परमात्मा का परिचय केवल वही दे सकते हैं, जो स्वयं परमात्मा हैं। कोई भी धर्मगुरु, आचार्य या संत ने जो भी धर्मग्रंथ लिखे हैं, वह उनके अपने दृष्टिकोण से परमात्मा के बारे में बताए गए हैं। लेकिन असली परमात्मा कौन हैं, यह केवल परमात्मा स्वयं ही बता सकते हैं।
क्या परमात्मा अपना परिचय देते हैं?
अब एक और सवाल उठता है – क्या परमात्मा अपना परिचय देते हैं? क्या वह आते हैं और अपना परिचय देते हैं?
अगर परमात्मा अपना परिचय ना देते, तो फिर उनका अस्तित्व ही नहीं होता। वह क्यों पुकारे जाते? परमात्मा निश्चित समय पर आकर अपना परिचय देते हैं, ताकि सभी आत्माएँ उन्हें पहचान सकें।
सार्वभौमिक दृष्टिकोण
परमात्मा, सर्व आत्माओं का पिता है। वह सभी आत्माओं को अपना परिचय देते हैं, क्योंकि वह अशरीरी हैं, अजन्मा हैं, अयोनिज हैं और अभोगता हैं। ये विशेषताएँ हम अगले समय में और अधिक विस्तार से जानेंगे।