A-p 23 Can Baba (God) change the gender of the soul?

आत्मा-पदम (23)क्या बाबा (परमात्मा)आत्मा का लिंग परिवर्तन कर सकते हैं?

A-p 23 Can Baba (God) change the gender of the soul?

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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आत्मा-पदम (23)

क्या बाबा (परमात्मा) आत्मा का लिंग परिवर्तन कर सकते हैं?

कौन बनेगा पदमा पदम

पति पदमा पदम पति अर्थात अनेक को अकर्म के खाते का अधिकारी

जितना ज्यादा अकर्म करेंगे अर्थात पदम कर्म करेंगे, उतना हम सतयुग में पहले जाकर ऊंच पद पाने के अधिकारी बनेंगे।

हर एक आत्मा ने अपने पुरुषार्थ से प्राप्त करना है। इसके लिए बाबा ने हमें एक युक्ति दी है कि आपस में बैठकर विचार सागर मंथन करो, सच तक पहुंचने का प्रयास करो।

एक दूसरा बाव यह है कि जब हम एक दूसरे की सलाह लेते हैं, तो हम उसे सहज समझ जाते हैं और सहज धारण कर सकते हैं।

बाबा आत्मा का लिंग परिवर्तन क्यों नहीं करसकते?

नहीं, भाई जी। मुझे मालूम था कि आप नहीं कहेंगे परंतु मुझे यह बताओ कि क्यों?

क्योंकि भाई जी वो तो अपने कर्मों के हिसाब से होता है। बाबा क्यों परिवर्तन करें। तो परमात्मा तो सर्वशक्तिमान है, वह क्या नहीं कर सकता?

परमात्मा किसी के कर्मों में कोई दखल अंदाजी नहीं करता।

मैं स्त्री बनने की इच्छा लेकर के मर जाता हूँ तो क्या मैं बन जाऊँगा?

नहीं, ऐसी बात नहीं है। उसके स्वभाव, संस्कार में कुछ परिवर्तन होता है। उसकी इच्छा, कोई संकल्प का बंधन रहता है, तो हो सकता है कि उसको पार्ट बजाना होगा। भाई, तो ही ऐसा सोचेगी। हमेशा उसका पार्ट कौन डिसाइड करता है?

आत्मा के पार्ट का निर्धारण

खुद आत्मा ही अपना पार्ट डिसाइड करती है। उसने अपना पार्ट डिसाइड किया हुआ है कि उसने 5000 साल के अंदर कब कौन सा पार्ट कैसे बजाना है। उस पार्ट के अनुसार ड्रामा एक अलग चीज़ है और आत्मा का पार्ट अलग चीज़ है। ड्रामा बहुत बड़ा है, पर आत्मा का पार्ट उसमें निश्चित रूप से दर्ज है।

ड्रामा में आत्मा का हर एक्ट रिकॉर्डेड है। आत्मा इच्छा करने के बावजूद अपना पार्ट नहीं बदल सकती, क्योंकि उसने जो रिकॉर्ड किया हुआ है, उसे वही पार्ट बजाना है। इस पार्ट को बदलने की शक्ति किसी आत्मा में नहीं होती।

क्या आत्मा अपना पार्ट चेंज कर सकती है?

नहीं, आत्मा अपना पार्ट चेंज नहीं कर सकती। यह एक अद्भुत रहस्य है, जो परमपिता परमात्मा ने समझाया है। यह रहस्य यह बताता है कि हम यहाँ पहली बार नहीं आए हैं। 5000 वर्ष पूर्व भी इसी स्थान, इसी समय और इसी प्रकार से हम आए थे और हर 5000 वर्ष के पश्चात आते रहेंगे।

जब आत्मा जन्म लेती है, तो उसका हर कर्म पहले से निर्धारित होता है। यदि कोई व्यक्ति सोचता है कि वह अगले जन्म में स्त्री बनेगा और इस विचार को अंत समय तक धारण करता है, तो भी आत्मा का लिंग परिवर्तन उसकी इच्छा से नहीं होगा, बल्कि उसके पूर्व निर्धारित कर्मों और ड्रामा के अनुसार ही होगा।

आत्मा के पाप कर्म और उनकी सफाई

अमृतवेला योग के समय जब हम बाबा से योग लगाते हैं, तो हमारे जन्म-जन्मांतर के पाप कर्म नष्ट हो सकते हैं। बाबा के साथ योग लगाने से ही यह संभव होता है। हर कल्प बाबा हमें यही ज्ञान देते हैं, जिससे हम अपने श्रेष्ठ भाग्य का निर्माण कर सकते हैं।

किसी भी आत्मा को उसके कर्मों का फल भुगतना ही पड़ेगा। यदि हमने किसी को दुख दिया है, तो हमें भी वह दुख मिलेगा, लेकिन बाबा का ज्ञान हमें उस दुख को सहन करने की शक्ति देता है। जब हमें ज्ञान होता है कि हमने ही किसी को दुख दिया था और वही हमें लौटकर मिला है, तो हमें दुख की अनुभूति नहीं होती।

कर्मों की गति और परमात्मा की भूमिका

जो कुछ भी हमारे साथ होता है, वह हमारे अपने कर्मों का परिणाम होता है। कोई भी आत्मा अपने कर्मों से बच नहीं सकती। परमात्मा भी इस ड्रामा को नहीं बदल सकते। यह पहले से निश्चित है कि कौन कितने जन्म पुरुष रहेगा, कितने जन्म स्त्री रहेगा, कितने समय तक जीवित रहेगा और कब शरीर छोड़ेगा।

परमात्मा भी इस नियम को नहीं बदल सकते, क्योंकि यदि वे इसे बदल दें तो सारा ड्रामा ही बदल जाएगा, जो संभव नहीं है। यह सृष्टि का विधि-विधान है, जिसे न आत्मा बदल सकती है और न ही परमात्मा। यही ड्रामा का अटूट नियम है।

आत्मा-पदम (23)

प्रश्न और उत्तर

1. क्या बाबा (परमात्मा) आत्मा का लिंग परिवर्तन कर सकते हैं?

उत्तर: नहीं, बाबा आत्मा का लिंग परिवर्तन नहीं कर सकते। आत्मा का लिंग उसके पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर निर्धारित होता है। परमात्मा सर्वशक्तिमान होते हुए भी किसी आत्मा के कर्मों में हस्तक्षेप नहीं करते।

2. कौन बनेगा पदमा पदम?

उत्तर: जो आत्मा अपने जीवन में अधिक से अधिक निष्काम कर्म (अकर्म) करेगी और परमात्मा के बताये हुए मार्ग पर चलेगी, वही आत्मा सतयुग में ऊँचा पद प्राप्त करेगी और पदमा पदम बनेगी।

3. आत्मा के कर्मों का प्रभाव उसके अगले जन्म पर कैसे पड़ता है?

उत्तर: आत्मा अपने कर्मों के अनुसार अगले जन्म में शरीर धारण करती है। यदि कोई आत्मा सत्कर्म करती है, तो उसे श्रेष्ठ जन्म और उच्च पद प्राप्त होता है, जबकि दुष्कर्मों का फल कष्टदायक परिस्थितियों के रूप में मिलता है।

4. बाबा आत्मा का लिंग परिवर्तन क्यों नहीं कर सकते?

उत्तर: क्योंकि आत्मा का लिंग उसके स्वयं के संस्कारों और कर्मों के अनुसार निर्धारित होता है। बाबा किसी आत्मा के व्यक्तिगत कर्मों में हस्तक्षेप नहीं करते, बल्कि उसे केवल ज्ञान और शक्ति प्रदान करते हैं।

5. यदि कोई व्यक्ति स्त्री बनने की इच्छा लेकर मरता है, तो क्या वह अगले जन्म में स्त्री बनेगा?

उत्तर: यह आवश्यक नहीं है। केवल इच्छा करने से आत्मा का लिंग परिवर्तन नहीं होता, बल्कि यह उसके संचित संस्कारों और कर्मों के अनुसार तय होता है।

6. आत्मा के पार्ट का निर्धारण कौन करता है?

उत्तर: आत्मा स्वयं ही अपने पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर अपना पार्ट तय करती है। 5000 वर्ष के इस कल्प में आत्मा का हर जन्म पहले से ही रिकॉर्डेड है और उसे वही पार्ट निभाना होता है।

7. क्या आत्मा अपना पार्ट बदल सकती है?

उत्तर: नहीं, आत्मा अपने पार्ट को बदल नहीं सकती। यह एक निश्चित ड्रामा है, जो हर कल्प में पुनरावृत्ति करता है। आत्मा वही कर्म करती है जो उसने पहले भी किए हैं।

8. आत्मा के पाप कर्मों का नाश कैसे हो सकता है?

उत्तर: बाबा के साथ अमृतवेला योग लगाने से आत्मा के जन्म-जन्मांतर के पाप कर्म नष्ट हो सकते हैं। जब आत्मा परमात्मा के साथ सच्चे मन से योग लगाती है, तो उसकी आत्मा शुद्ध और पावन बनती जाती है।

9. क्या आत्मा अपने कर्मों से बच सकती है?

उत्तर: नहीं, आत्मा को अपने कर्मों का फल अवश्य भुगतना पड़ता है। परमात्मा भी इस ड्रामा को नहीं बदल सकते। लेकिन बाबा का ज्ञान आत्मा को अपने कर्मों का सही बोध कराता है और उसे सहनशक्ति प्रदान करता है।

10. कर्मों की गति और परमात्मा की भूमिका क्या है?

उत्तर: कर्मों की गति अटल है और परमात्मा उसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते। हर आत्मा को अपने कर्मों के अनुसार फल प्राप्त होता है। परमात्मा केवल आत्मा को सही राह दिखाते हैं और उसे पावन बनने की विधि सिखाते हैं, लेकिन कर्मों के परिणाम से बचा नहीं सकते।

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