A-p 26 Do powers radiate from the soul in the Paramdham (supreme abode)

आत्मा-पदम (26)क्या परमधाम में आत्मा से शत्कि रेडियेट होती हैं

A-p “26 Do powers radiate from the soul in the Paramdham (supreme abode)

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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पद्मा पदम पति कौन बनेगा?

सब बनेंगे पद्मा पदम पति

पति अर्थात हमारे कर्म इतने अच्छे होंगे कि उन्हें अकर्म कहा जाएगा। अकर्म अर्थात न्यारा और प्यारा—कमल फूल समान हमारा कर्म होगा, जिससे किसी को भी दुख न हो, बल्कि सभी को रूहानी खुशी प्राप्त हो।

ऐसा कर्म “पदम कर्म” कहलाता है और इस कर्म को करने की विधि परम पिता परमात्मा हमें सिखा रहे हैं। केवल सुनने से उतना प्रभाव नहीं पड़ता, जितना विचार सागर मंथन करके, एक-दूसरे की राय को सुनकर और सहमति से स्वीकार करने से पड़ता है। जब सभी इसे स्वीकार करते हैं, तो बल आता है कि हमें भी इसे स्वीकार करना ही है।

यदि हम अकेले मंथन करने बैठते हैं, तो समय नहीं मिलता, लेकिन जब हम एक निश्चित समय पर मिलकर मंथन करते हैं, तो यह संस्कार बन जाता है। बाबा की डायरेक्शन के अनुसार हमें रोज़ाना मंथन करना चाहिए।


क्या परमधाम में आत्मा से शक्ति रेडिएट होती है?

पीस ऑफ माइंड चैनल में आत्मा से किरणें निकलती हुई दिखाई जाती हैं। इसी पर प्रश्न उठता है—क्या वास्तव में परमधाम में आत्मा से शक्ति निकलती है?

उत्तर: नहीं, आत्मा से कोई शक्ति रेडिएट नहीं होती।

परंतु इस पर मंथन आवश्यक है कि आखिर इसका वास्तविक स्वरूप क्या है?


आत्मा और शक्ति का स्रोत

आत्मा एक ऊर्जा स्रोत (Energy Source) है:

  • आत्मा स्वयं प्रकाशित (Self-Luminous) और चैतन्य है।
  • आत्मा के गुण ही उसकी शक्ति होते हैं।
  • आत्मा जहां पहुंचती है, वहां चैतन्यता ला देती है।

शक्ति रेडिएट होने के लिए शरीर आवश्यक है:

  • यदि आत्मा से शक्ति प्रसारित (Radiate) होनी है, तो उसे किसी स्थूल या सूक्ष्म शरीर की आवश्यकता होगी।
  • बिना शरीर के आत्मा से कोई शक्ति बाहर नहीं आती।

परमधाम में आत्मा का स्वरूप

  • परमधाम में आत्मा बिना शरीर के होती है, इसलिए वहां शक्ति का संचार नहीं होता।
  • वहां आत्मा एक ज्योति बिंदु के रूप में स्थिर रहती है, और न उसे किसी शक्ति की आवश्यकता होती है, न वह किसी को शक्ति देती है।
  • आत्मा वहां “सुप्त अवस्था” में होती है, जैसे एक फ्रिज में कोई वस्तु स्थिर रहती है।

परमधाम की विशेषता

  • वहां की रोशनी दुनिया की किसी भी रोशनी से भिन्न और अवर्णनीय (Indescribable) है।
  • उसे इस दुनिया के प्रकाश से तुलना नहीं की जा सकती।
  • आत्मा वहां अचल (Stable) रहती है, कोई क्रिया नहीं होती।

क्या आत्मा एक “स्टार” है?

  • आत्मा को “स्टार” कहकर समझाया जाता है, क्योंकि दुनिया इस भाषा को समझती है।
  • वास्तव में, आत्मा इतनी सूक्ष्म होती है कि उसे देख पाना संभव नहीं।
  • जब कोई शरीर छोड़ देता है, तो बच्चों को बताया जाता है कि “तुम्हारी दादी अब एक तारा बन गई है।”
  • यह केवल समझाने का एक तरीका है, लेकिन असली आत्मा को हम देख या छू नहीं सकते।

परमधाम में आत्माओं का आपसी संबंध

  • परमधाम में सभी आत्माएं एक रस होती हैं।
  • वहां कोई किसी पर प्रभाव नहीं डाल सकता—न परमात्मा का, न किसी आत्मा का।
  • सभी आत्माएं अपने उच्चतम स्वरूप में स्थित होती हैं।

क्या आत्मा परमधाम में शक्ति बढ़ा सकती है?

  • नहीं, वहां आत्मा की शक्ति न घटती है, न बढ़ती है।
  • आत्मा वहां निष्क्रिय रहती है, कोई कर्म नहीं करती।
  • आत्मा की शक्ति का विकास या ह्रास केवल स्थूल या सूक्ष्म वतन में होता है।

आत्मा की संपूर्ण अवस्था क्या होती है?

  • जब आत्मा परमधाम से आती है, तो वह उसी अवस्था में आती है, जिस अवस्था में गई थी।

उदाहरण:

  • यदि आत्मा 100 नंबर पर गई थी, तो 100 नंबर पर ही लौटेगी।
  • यदि आत्मा 80 नंबर पर गई थी, तो 80 नंबर पर ही लौटेगी।
  • कोई 30 नंबर वाली आत्मा, 30 नंबर पर ही वापस आएगी।
  • आत्मा के अंक (Numbers) उसके संस्कारों और गुणों के अनुसार होते हैं।

क्या आत्मा को पता चलता है कि उसे कब नीचे आना है?

  • हां, यह ड्रामा का नियम है।
  • जैसे एक मोबाइल फोन में अलार्म सेट होता है और समय पूरा होने पर बजता है, वैसे ही आत्मा अपने निर्धारित समय पर नीचे आती है।

निष्कर्ष

  • परमधाम में आत्मा से शक्ति रेडिएट नहीं होती।
  • शक्ति का संचार तभी संभव है जब आत्मा स्थूल या सूक्ष्म शरीर धारण करे।
  • परमधाम में आत्माएं अपने संपूर्ण और स्वाभाविक स्वरूप में स्थिर रहती हैं।
  • आत्मा परमधाम में एक शांत, निष्क्रिय अवस्था में होती है।
  • प्रश्न और उत्तर

    प्रश्न 1: पद्मा पदम पति कौन बन सकता है?

    उत्तर: जो अपने कर्मों को इतना श्रेष्ठ बना ले कि वे अकर्म कहलाने लगें। ऐसा व्यक्ति ही पद्मा पदम पति बन सकता है।

    प्रश्न 2: पदम कर्म क्या होता है?

    उत्तर: पदम कर्म वह होता है जिसमें कोई भी दुखी न हो, बल्कि सभी को रूहानी खुशी प्राप्त हो। यह एक ऐसा कर्म है जो न्यारा और प्यारा होता है।

    प्रश्न 3: परमधाम में आत्मा से शक्ति रेडिएट होती है?

    उत्तर: नहीं, आत्मा से कोई शक्ति रेडिएट नहीं होती। आत्मा वहां स्थिर अवस्था में रहती है।

    प्रश्न 4: आत्मा का वास्तविक स्वरूप क्या है?

    उत्तर: आत्मा एक ऊर्जा स्रोत (Energy Source) है। वह स्वयं प्रकाशित (Self-Luminous) और चैतन्य होती है।

    प्रश्न 5: शक्ति के संचार के लिए आत्मा को क्या आवश्यक होता है?

    उत्तर: शक्ति रेडिएट होने के लिए आत्मा को किसी स्थूल या सूक्ष्म शरीर की आवश्यकता होती है। बिना शरीर के आत्मा से कोई शक्ति बाहर नहीं आती।

    प्रश्न 6: परमधाम में आत्मा की स्थिति कैसी होती है?

    उत्तर: परमधाम में आत्मा बिना शरीर के होती है, और वहां किसी प्रकार की शक्ति का संचार नहीं होता। वह स्थिर, निष्क्रिय अवस्था में रहती है।

    प्रश्न 7: क्या आत्मा परमधाम में शक्ति बढ़ा सकती है?

    उत्तर: नहीं, आत्मा की शक्ति न घटती है, न बढ़ती है। आत्मा निष्क्रिय रहती है, और शक्ति का विकास या ह्रास केवल स्थूल या सूक्ष्म वतन में होता है।

    प्रश्न 8: आत्मा को पता चलता है कि उसे कब नीचे आना है?

    उत्तर: हां, यह ड्रामा का नियम है। जैसे एक मोबाइल फोन में अलार्म सेट होता है और समय पूरा होने पर बजता है, वैसे ही आत्मा अपने निर्धारित समय पर नीचे आती है।

    प्रश्न 9: आत्मा के अंक (Numbers) क्या दर्शाते हैं?

    उत्तर: आत्मा के अंक उसके संस्कारों और गुणों के अनुसार होते हैं। आत्मा जिस अवस्था में परमधाम गई थी, उसी अवस्था में वापस आती है।

    प्रश्न 10: निष्कर्ष क्या है?

    उत्तर:

    • परमधाम में आत्मा से शक्ति रेडिएट नहीं होती।
    • शक्ति का संचार तभी संभव है जब आत्मा स्थूल या सूक्ष्म शरीर धारण करे।
    • परमधाम में आत्माएं अपने संपूर्ण और स्वाभाविक स्वरूप में स्थिर रहती हैं।
    • आत्मा परमधाम में एक शांत, निष्क्रिय अवस्था में होती है।
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