आत्मा-पदम (29)योग: आत्मा की शक्ति का जागरण या शक्ति का संचार?
A-p 29″Yoga: Awakening of the soul’s power or transmission of power?
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
कौन बनेगा पद्मा पदम पति?
सभी बनेंगे पद्मा पदम पति।
इस शीर्षक के आधार पर हम एक विषय लेते हैं और उस पर मनन चिंतन करते हैं।
आज का विषय है:
योग—आत्मा की शक्ति का जागरण या शक्ति का संचार?
यह प्रश्न उठता है कि योग आत्मा की शक्ति को जागृत करता है या शक्ति का संचार करता है?
1. योग और आत्मा का संबंध
योग का अर्थ और उद्देश्य
- योग का अर्थ: आत्मा को परमात्मा से जोड़ना।
- योग का उद्देश्य: ईश्वरीय गुणों और शक्तियों को प्राप्त कर आत्मा का उत्थान करना।
- ज्ञान सागर परमात्मा से आत्मा का संबंध जोड़ना ही योग कहलाता है।
2. परमात्मा से मिलने वाली ऊर्जा का महत्व
परमात्मा से क्या मिलता है?
- ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती है।
आत्मा और परमात्मा की अविनाशी प्रकृति
- आत्मा और परमात्मा कभी विनाश को प्राप्त नहीं होते।
- ना आत्मा मरती है, ना परमात्मा का कोई अंत है।
3. शिव बाबा से योग लगाकर शक्ति प्राप्त करने की प्रक्रिया
योग द्वारा आत्मा की शक्ति का जागरण
- आत्मा में पहले से ही शक्तियां निहित होती हैं।
- योग के द्वारा वह शक्तियां इमर्ज होती हैं।
देह-अभिमान के कारण शक्ति का विस्मरण
- जैसे-जैसे आत्मा देह-अभिमान में आती है, आत्मिक शक्ति कमजोर पड़ती जाती है।
- देह-अभिमान आत्मा की शक्तियों को सुप्त कर देता है।
4. योग द्वारा आत्मा के मूल स्वरूप की अनुभूति
- योग से आत्मा का मूल स्वरूप जागृत होता है।
ज्ञान और योग का संयोजन
- ज्ञान: आत्मा को अपनी स्थिति का अनुभव होता है।
- योग: आत्मा की शक्ति जागृत होती है।
5. योग का व्यवहारिक प्रभाव
आत्मा की जागृत शक्ति का जीवन पर प्रभाव
- योग के अभ्यास से व्यवहार में परिवर्तन आता है।
आत्मा की शक्तियों का सकारात्मक उपयोग
- योग से आत्मा की शक्तियां सही दिशा में प्रयोग होती हैं।
अन्य आत्माओं पर जागृत शक्ति का प्रभाव
- जो आत्मा स्वयं जागृत होती है, वह अन्य आत्माओं को भी प्रभावित कर सकती है।
6. परमात्मा से संबंध की गहराई और आत्मा का मूल स्वरूप
- परमात्मा से सच्चा संबंध जोड़ने के लिए मन का स्वच्छ होना आवश्यक है।
- आत्मा को आत्म-स्मृति में रहना जरूरी है।
- जितना आत्मिक स्वरूप में स्थित रहेंगे, उतना परमात्मा से कनेक्शन मजबूत होगा।
7. निष्कर्ष
- योग आत्मा की ना केवल शक्ति को जागृत करता है, बल्कि उसे उसके मूल स्वरूप में स्थापित करता है।
- परमात्मा के साथ योग आत्मा को उसकी खोई हुई शक्तियों का अनुभव कराता है।
- योग आत्मा को शक्तिशाली और स्थिर बनाता है।
- सर्वशक्तिमान परमात्मा से योग लगाकर आत्मा शक्ति और वर्षा प्राप्त करती है।
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प्रश्न और उत्तर
1.प्रश्न-योग का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: योग का मुख्य उद्देश्य आत्मा को परमात्मा से जोड़कर ईश्वरीय शक्तियों को प्राप्त करना और आत्मा का उत्थान करना है।
2.प्रश्न-परमात्मा से आत्मा को क्या प्राप्त होता है?
उत्तर: आत्मा को परमात्मा से शक्ति, ऊर्जा और शांति प्राप्त होती है, जिससे उसका उत्थान होता है।
3.प्रश्न-आत्मा और परमात्मा की अविनाशी प्रकृति का क्या अर्थ है?
उत्तर: आत्मा और परमात्मा कभी विनाश को प्राप्त नहीं होते। आत्मा अमर है, और परमात्मा अनंत और अजर-अमर हैं।
4.प्रश्न-योग आत्मा की शक्ति को कैसे जागृत करता है?
उत्तर: योग से आत्मा के भीतर पहले से विद्यमान शक्तियां जागृत होती हैं, जिससे वह अपनी वास्तविक स्थिति को प्राप्त कर सकती है।
5.प्रश्न-देह-अभिमान आत्मा की शक्तियों को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: जब आत्मा देह-अभिमान में आती है, तो वह अपनी मूल शक्तियों को भूल जाती है, जिससे उसकी शक्ति कमजोर पड़ जाती है।
6.प्रश्न-योग का व्यवहारिक जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: योग से आत्मा की जागृत शक्ति से व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन आता है, जिससे व्यक्ति का जीवन और रिश्ते सहज एवं सशक्त बनते हैं।
7.प्रश्न-आत्मा को परमात्मा से गहरा संबंध जोड़ने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: आत्मा को अपने मन को स्वच्छ और स्थिर रखना आवश्यक है, जिससे वह आत्म-स्मृति में स्थित होकर परमात्मा से गहरा संबंध जोड़ सके।
8.प्रश्न-योग आत्मा को किस प्रकार स्थिर और शक्तिशाली बनाता है?
उत्तर: योग के माध्यम से आत्मा अपनी खोई हुई शक्तियों को पुनः प्राप्त कर स्थिरता और शक्ति का अनुभव करती है।
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