अव्यक्त मुरली-(18)“राज्यसत्ता और धर्मसत्ता के अधिकारी बच्चों से बापदादा की मुलाकात”
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
“राज्य-सत्ता और धर्म-सत्ता के अधिकारी बच्चों से बापदादा की साक्षात मुलाकात |
राज्य-सत्ता और धर्म-सत्ता की अधिकारी आत्माएं
1. परिचय: बापदादा की दृष्टि में अधिकारी आत्माएं
बापदादा आज अपने सर्वश्रेष्ठ बच्चों से मुलाकात कर रहे हैं। वे आत्माएं जो राज्य सत्ता और धर्म सत्ता दोनों की अधिकारी हैं। यह महिमा कोई कल्पना नहीं, बल्कि भविष्य प्रालब्ध की गाथा है – परंतु यह भविष्य, वर्तमान की श्रेष्ठ जीवनशैली पर आधारित है।
2. राज्य सत्ता की पहचान और विशेषताएं
राज्य सत्ता अर्थात् अधिकारी आत्मा –
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जो अपने शरीरिक और सूक्ष्म संकल्पों पर अधिकार रखती है।
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जिसके हर कर्म में ला एंड ऑर्डर का पालन होता है।
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जो पालना देने वाली, सर्वगुण सम्पन्न, और सर्व शक्ति सम्पन्न आत्मा है।
क्या हम हर आत्मा को ऐसा अनुभव कराते हैं कि ये आत्मा हमारी जीवनदायिनी है? क्या हमारी पालना, औरों को हिम्मत देती है? यदि हाँ, तो समझो राज्य सत्ता के संस्कार आत्मा में समा रहे हैं।
3. धर्म सत्ता की परिभाषा और आवश्यकताएं
धर्म सत्ता अर्थात्:
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पवित्रता, गुणों की धारणा, और सत्कर्मों की शक्ति से युक्त आत्मा।
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जिसकी धारणा से स्व का परिवर्तन और फिर दूसरों का परिवर्तन सहज हो।
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जिसकी परिपक्वता उसे हर परीक्षा में स्थिर रखे।
क्या हमारी आत्मा पवित्रता के ताज से सुशोभित है? क्या हम दूसरों को सहज परिवर्तन का अनुभव कराते हैं?
4. राज्य + धर्म सत्ता = बैलेन्स की आत्मा
बापदादा पूछते हैं: क्या हमने दोनों सत्ताओं का बैलेन्स अपने में धारण किया है?
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अधिकारी बनकर चल रहे हैं या अधीन?
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निर्मान होकर दूसरों को भी सशक्त बना रहे हैं या सिर्फ स्वयं पर केंद्रित हैं?
अब समय है आत्म मूल्यांकन का – मैं राज्य के अधिकारी हूँ या राज्य के सामान्य निवासी?
5. परिवर्तन की तीव्रगति: समय की मांग
अब पुरुषार्थ में तेजी चाहिए।
सूर्यवंशी बनना है, तो “मेरा बाबा” – यह एक शब्द ही आपकी लिफ्ट है।
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यह स्मृति, आपको नीचे से ऊपर एक क्षण में ले जाती है।
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सोचो और करो – यही उड़ती कला है।
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“सीढ़ी नहीं, लिफ्ट का युग है” – इसका लाभ लो।
प्रश्नोत्तर: राज्य-सत्ता और धर्म-सत्ता की अधिकारी आत्माएं
प्रश्न 1: राज्य-सत्ता की आत्मा की पहचान क्या है?
उत्तर: राज्य-सत्ता की आत्मा वह है जो अपने शरीर, इन्द्रियों और संकल्पों पर पूर्ण अधिकार रखती है। उसके हर कर्म में दिव्य अनुशासन (Law & Order) होता है। वह आत्मा सर्वगुण सम्पन्न होती है और उसकी पालना दूसरों को बल और हिम्मत देती है।
प्रश्न 2: धर्म-सत्ता से युक्त आत्मा की विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर: धर्म-सत्ता युक्त आत्मा पवित्रता की मूर्ति होती है, जिसमें गुणों की धारणा और सत्कर्मों की शक्ति होती है। उसकी धारणा स्वयं का और दूसरों का सहज परिवर्तन करा देती है। वह आत्मा हर परिस्थिति में स्थिर और परिपक्व रहती है।
प्रश्न 3: राज्य-सत्ता और धर्म-सत्ता के बैलेंस का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है ऐसी आत्मा जो कर्म में शक्ति और धर्म में मर्यादा दोनों का संतुलन बनाए रखती है। वह केवल अधिकारी नहीं, सच्चे अर्थों में सेवा में निमित्त, नम्र और सशक्त बनाने वाली आत्मा होती है।
प्रश्न 4: बापदादा आत्म मूल्यांकन के लिए क्या संकेत देते हैं?
उत्तर: बापदादा पूछते हैं – क्या तुम राज्य के अधिकारी हो या सिर्फ सामान्य निवासी? क्या तुम निर्माण होकर दूसरों को uplift कर रहे हो या सिर्फ स्वयं की संभाल में लगे हो? यही सच्चा आत्म मूल्यांकन है।
प्रश्न 5: आत्मा को परिवर्तन की तीव्रगति में कैसे लाना चाहिए?
उत्तर: बापदादा कहते हैं कि यह लिफ्ट का युग है, सीढ़ी का नहीं। “मेरा बाबा” यह स्मृति ही आपकी लिफ्ट है जो तुरंत ऊपर ले जाती है। सोचो और करो – यही उड़ती कला है।
Disclaimer | डिस्क्लेमर
यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज द्वारा दिए गए आध्यात्मिक ज्ञान और अव्यक्त मुरलियों पर आधारित है। इसमें प्रस्तुत प्रश्नोत्तर गीता, राजयोग और ईश्वरीय राजसत्ता व धर्मसत्ता के गूढ़ रहस्यों को सहज भाषा में समझाने का प्रयास है। यह वीडियो किसी धर्म विशेष, व्यक्ति या मान्यता का विरोध नहीं करता, अपितु आत्म-कल्याण और सार्वभौमिक मूल्यों की ओर प्रेरित करता है।
प्रश्नोत्तर श्रृंखला – राज्य-सत्ता और धर्म-सत्ता की अधिकारी आत्माएं
इस विशेष वीडियो में हम जानेंगे:
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राज्य-सत्ता प्राप्त आत्मा की पहचान क्या है?
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धर्म-सत्ता युक्त आत्मा की विशेषताएं क्या हैं?
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दोनों सत्ताओं का संतुलन आत्मा को कैसे श्रेष्ठ बनाता है?
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आत्म मूल्यांकन कैसे करें?
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आत्मा को तीव्रगति से परिवर्तन के मार्ग पर कैसे लाएं?
बापदादा द्वारा दिए गए अमूल्य संकेतों के आधार पर यह वीडियो आपको आत्म-निर्माण और दूसरों के उत्थान की सहज विधि बताएगा।
यह वीडियो उन आत्माओं के लिए है जो स्वयं को राज्य और धर्म की सच्ची अधिकारी आत्मा बनाना चाहते हैं।
इस वीडियो को अंत तक जरूर देखें, लाइक करें, और अपने आत्मिक परिवार के साथ साझा करें।
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