Avyakta Murli”11-06-1970

Short Questions & Answers Are given below (लघु प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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“विश्वपति बनने की सामग्री”

आज सतगुरुवार के दिवस किस लिए विशेष बुलाया है? आज कुमारियों का कौन-सा दिवस है? (समाप्ति समारोह) समाप्ति समारोह नहीं है लेकिन आज का सतगुरूवार का दिन विश्वपति बनने की शुभ अविनाशी दशा बैठने का दिवस है। समझा। तो आज बापदादा विश्वपति बनाने की क्या सामग्री लाये होंगे? जब कोई समारोह होता है तो उसमें सामग्री भी होती है। तो आज विश्वपति बनाने के समारोह में विशेष क्या सामग्री लाये हैं? ताज, तख़्त और तिलक। फिर इन तीनों को धारण करने की हिम्मत है? ताज को धारण करने लिए तख़्त पर विराज़मान होने के लिए और तिलक को धारण करने के लिए क्या करना पड़ेगा? अगर यह धारण करने की हिम्मत है तो उसके लिए क्या करना पड़ेगा? एक तो त्याग, दूसरा तपस्या और सेवा। तिलक को धारण करने के लिए तपस्या और ताज को धारण करने के लिए त्याग और तख़्त पर विराज़मान होने के लिए जितनी सेवा करेंगे उतना अब भी तख़्त नशीन और भविष्य में भी तख़्त नशीन बनेंगे। इन तीनों बातों से ही तीनों चीज़ें धारण कर सकेंगे। अगर एक भी धारणा कम है तो फिर विश्वपति नहीं बन सकेंगे। समझा। तो इन तीनों गुणों की अपने में सम्पूर्ण धारणा की है? तीनों में से एक भी छूटे नहीं तब शूरवीर का जो नाम दिया है वह कार्य कर सकेंगी? तीनों की प्रतिज्ञा की है? त्याग किसका करेंगे? सभी से बड़े से बड़ा त्याग क्या है? अब सर्विस पर उपस्थित हो रही हो तो उसके लिए मुख्य यही धारणा रखना है कि मैं पन का त्याग। मैंने किया, मैं यह जानती हूँ, मैं यह कर सकती हूँ, यह मैं पन का जो अभिमान है उसका त्याग करना है। मैं के बजाय बापदादा की सुनाई हुई ज्ञान की बातों को वर्णन करो। मैं यह जानती हूँ। नहीं। बापदादा द्वारा यह जाना है। ज्ञान में चलने के बाद जो स्व अभिमान आ जाता हैं, उसका भी त्याग। जब इतनी त्याग की वृत्ति और दृष्टि होगी तब सदैव स्मृति में बाप और दादा रहेगा और मुख पर भी यही बोल रहेंगे। समझा। तब विश्वपति बन सकेंगी। विश्व की सर्विस कर सकेंगी।

अपनी धारणा को अविनाशी बनाने के लिए वा सदा कायम रखने के लिए दो बातें याद रखनी है। कौन सी? विशेष कन्याओं के लिए हैं। एक तो सभी बातों में सिम्पल रहना और अपने को सैम्पल समझना। जैसे आप सैम्पल बन दिखायेंगे वैसे ही अनेक आत्माएं भी यह सौदा करने के लिए पात्र बनेंगी। इसलिए यह दो बातें सदैव याद रखो। अपने को ऐसा श्रेष्ठ सैम्पल बनाया है? जो अच्छा सैम्पल निकलता है उनको फिर छाप भी लगाई जाती है। आप कौन सी छाप लगाकर जाएँगी, जो कभी मिटे नहीं? शिवशक्तियां और ब्रह्माकुमारियाँ। साकार में दो निमित्त बनी हुई बड़ी अथॉरिटी यह छाप लगा रही हैं। इसलिए यह याद रखना कि मिटेंगे लेकिन कब हटेंगे नहीं। संस्कारों में, चाहे सर्विस में, चाहे सम्बन्ध में सर्व बातों में अपने को मिटायेंगे लेकिन हटेंगे नहीं। हटना कमजोरी का काम है। शिवशक्तियाँ अपने को मिटाती हैं न कि हटती हैं। तो यह बातें याद रखनी हैं। फिर इस ग्रुप का प्रैक्टिकल पेपर कब होगा? अभी का रिजल्ट फाइनल का नहीं हैं। अभी तो पेपर देने के लिए जा रहे हो। फिर उसकी रिजल्ट देखेंगे। यह ग्रुप आगे कदम बढ़ा सकता है। बापदादा ऐसी उम्मीद रखते हैं। इसलिए अब ऐसा समझो कि जो भी कर्मबन्धन हैं उसको बहुत जल्दी काटकर फिर मधुबन में सम्पूर्ण समर्पण का समारोह मनाने आना है। इस लक्ष्य से जाना है। फिर इस ग्रुप से कितनों का सम्पूर्ण समर्पण का समारोह होता है। आज तो महाबली बनने की बातें सुनाई हैं। फिर महाबली चढ़ने के लिए आयेंगे तो बाप-दादा खूब सजायेंगे।सजाकर फिर स्वाहा करना होता है। जितना बाप-दादा के स्नेही उतना फिर सहयोगी भी बनना है। सहयोगी तब बनेंगे जब अपने में सर्वशक्तियों को धारण करेंगे। फिर स्वाहा होना सहज होगा। जो भी कोई शक्ति की कमी हो तो वह आज के दिन ही अपने में भरकर जाना। कोई भी कमी साथ ले न जाना। अभी सिर्फ हिसाब-किताब चुक्तू करने जाते हो। सर्वशक्तियां अपने में भरकर जायेंगे तब चुक्तू कर सकेंगे ना। तो अब फाइनल पेपर के नंबर्स तो जब प्रैक्टिकल कर दिखायेंगे तब निकलेंगे।

विश्वपति बनने की सामग्री

प्रश्न 1: आज सतगुरुवार के दिवस पर विशेष रूप से क्यों बुलाया गया है?
उत्तर: आज सतगुरुवार का दिन विश्वपति बनने की शुभ, अविनाशी दशा बैठने का दिवस है।

प्रश्न 2: विश्वपति बनाने के लिए बापदादा कौन-सी सामग्री लाए हैं?
उत्तर: ताज, तख़्त और तिलक।

प्रश्न 3: इन तीनों को धारण करने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: त्याग, तपस्या और सेवा।

प्रश्न 4: तिलक को धारण करने के लिए क्या करना होगा?
उत्तर: तपस्या को धारण करना होगा।

प्रश्न 5: ताज को धारण करने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: त्याग को अपनाना होगा।

प्रश्न 6: तख़्त पर विराजमान होने के लिए क्या करना होगा?
उत्तर: जितनी सेवा करेंगे, उतना तख़्त पर नशीन बनेंगे।

प्रश्न 7: सबसे बड़ा त्याग कौन-सा है?
उत्तर: “मैं” पन का त्याग।

प्रश्न 8: अपने ज्ञान को किस दृष्टि से प्रस्तुत करना चाहिए?
उत्तर: “मैं जानती हूँ” के बजाय “बापदादा द्वारा यह जाना है” की भावना रखनी चाहिए।

प्रश्न 9: धारणा को अविनाशी बनाने के लिए कौन-सी दो बातें आवश्यक हैं?
उत्तर: 1. सदा सिम्पल रहना। 2. अपने को सैम्पल समझना।

प्रश्न 10: श्रेष्ठ सैम्पल बनने से क्या होगा?
उत्तर: अनेक आत्माएँ इस मार्ग में आने के लिए प्रेरित होंगी।

प्रश्न 11: कौन-सी छाप लगाकर जानी है जो कभी मिटे नहीं?
उत्तर: शिवशक्तियाँ और ब्रह्माकुमारियाँ।

प्रश्न 12: शिवशक्तियाँ अपने आपको किस प्रकार रखती हैं?
उत्तर: वे अपने को मिटाती हैं, लेकिन हटती नहीं।

प्रश्न 13: इस ग्रुप का फाइनल पेपर कब होगा?
उत्तर: जब प्रैक्टिकल में इसे सिद्ध करेंगे, तब उसका रिजल्ट निकलेगा।

प्रश्न 14: बापदादा की विशेष उम्मीद क्या है?
उत्तर: कि यह ग्रुप आगे बढ़े और सम्पूर्ण समर्पण का समारोह मनाने आए।

प्रश्न 15: सहयोगी बनने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: अपने में सर्वशक्तियों को धारण करना।

प्रश्न 16: अब क्या संकल्प लेकर जाना है?
उत्तर: कोई भी कमी साथ न ले जाना और सर्वशक्तियाँ भरकर जाना।

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