(1-4)Does the soul die? | Evidence from the Quran and the Murli

BK बेसिक कोर्स मुस्लिम भाई बहनों के लिए-1-4:क्या रूह मरती है? | कुरान और मुरली की गवाही

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1. परिचय – बेहद की सेवा और रूहानी ज्ञान

बेहद की सेवा में नए-नए मुस्लिम भाई बहनों को सेवा के लिए बेसिक कोर्स कराना ज़रूरी है।
आज का विषय है – क्या रूह मरती है?
दुनिया के हर मज़हब में यह प्रश्न उठता है। इंसान मरता है तो क्या सिर्फ शरीर मरता है या आत्मा, रूह भी मर जाती है?


2. कुरान का दृष्टिकोण

कुरान शरीफ़ में कहा गया है:

“हर नफ्स को मौत का स्वाद चखना है।” (सुर आले इमरान, 3:185)

  • इसका मतलब यह नहीं कि आत्मा खत्म हो जाती है।

  • “चखने” का मतलब है अनुभव करना, लेकिन आत्मा शरीर बदलती रहती है।

  • मृत्यु केवल जिस्म के लिए है, रूह अमर है।


3. ब्रह्मा कुमारी ज्ञान का दृष्टिकोण

  • रूप-आत्मा कभी नहीं मरती।

  • शरीर पांच तत्वों से बना है, इसलिए नश्वर

  • आत्मा अजर, अमर, अविनाशी है।

  • शरीर बदलकर नया जन्म लेती है।

मुर्ली का समर्थन:

“बच्चे, आत्मा तो कभी मर नहीं सकती। शरीर बदलता रहता है। आत्मा ही आगे का शरीर लेती है।”

उदाहरण:

  • कपड़े और पहनने वाला: इंसान वही रहता है, कपड़ा बदल जाता है। वैसे ही आत्मा शरीर बदलती है।

  • ड्राइवर और गाड़ी: गाड़ी पुरानी हो जाए तो ड्राइवर नई गाड़ी ले लेता है। ड्राइवर वही है, गाड़ी बदल गई।


4. आत्मा क्यों नहीं मरती?

  • आत्मा प्रकाश बिंदु है, ऊर्जा है। विज्ञान कहता है – ऊर्जा नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है।

  • आत्मा परमात्मा का अंश है, इसलिए अजर, अमर है।

  • कुरान में भी आता है कि आत्मा कयामत तक इंतजार करती है

  • कब्र में शरीर चलता फिरता है, लेकिन आत्मा निकल जाने के बाद मिट्टी रखी जाती है।

बाबा का दृष्टिकोण:

“यह चलता फिरता जिस्म कब्र है। इसमें आत्मा दफन है, अर्थात वह अपने आप को नहीं जानती। खुदा आकर इस आत्मा को जागृत करता है।”


5. कर्म और अगला जन्म

  • रूह अपने कर्मों के अनुसार नया शरीर लेती है

  • अपने कर्मों को सुधारना ज़रूरी है, ताकि अगला जीवन बेहतर हो।

आगामी भाग की झलक:

  • अगले भाग में समझेंगे कि क्या अल्लाह हर जगह है या अलग सत्ता, परमात्मा का असली परिचय।


6. मुख्य उदाहरण और समझाने का तरीका

उदाहरण व्याख्या
कपड़े और पहनने वाला इंसान वही रहता है, कपड़ा बदलता है → आत्मा वही रहती है, शरीर बदलता है
ड्राइवर और गाड़ी ड्राइवर वही है, गाड़ी बदलती है → रूह वही रहती है, नया जिस्म लेती है

आत्मा क्या मरती है? – बेहद की सेवा और रूहानी ज्ञान


प्रश्न 1: बेहद की सेवा और रूहानी ज्ञान में इस विषय का महत्व क्या है?

उत्तर:
बेहद की सेवा में नए मुस्लिम भाई-बहनों को सेवा के लिए बेसिक कोर्स कराना ज़रूरी है।
आज का प्रमुख विषय है – क्या रूह मरती है?
दुनिया के हर धर्म में यह सवाल उठता है: इंसान मरता है तो क्या सिर्फ शरीर मरता है या आत्मा (रूह) भी मर जाती है?


प्रश्न 2: कुरान का दृष्टिकोण क्या है?

उत्तर:
कुरान शरीफ़ में कहा गया है:

“हर नफ्स को मौत का स्वाद चखना है।” (सुर आले इमरान, 3:185)

  • इसका मतलब यह नहीं कि आत्मा खत्म हो जाती है।

  • “चखने” का मतलब है अनुभव करना, लेकिन आत्मा अमर रहती है, शरीर बदलती रहती है।

  • मृत्यु केवल जिस्म के लिए है, रूह अमर है।


प्रश्न 3: ब्रह्मा कुमारी ज्ञान का दृष्टिकोण क्या है?

उत्तर:

  • रूप-आत्मा कभी नहीं मरती।

  • शरीर नश्वर है, क्योंकि यह पांच तत्वों से बना है।

  • आत्मा अजर, अमर और अविनाशी है।

  • शरीर बदलकर नया जन्म लेती है।

मुर्ली का समर्थन:

“बच्चे, आत्मा तो कभी मर नहीं सकती। शरीर बदलता रहता है। आत्मा ही आगे का शरीर लेती है।”

उदाहरण:

  1. कपड़े और पहनने वाला: इंसान वही रहता है, कपड़ा बदल जाता है। वैसे ही आत्मा शरीर बदलती है।

  2. ड्राइवर और गाड़ी: गाड़ी पुरानी हो जाए तो ड्राइवर नई गाड़ी ले लेता है। ड्राइवर वही है, गाड़ी बदल गई।


प्रश्न 4: आत्मा क्यों नहीं मरती?

उत्तर:

  • आत्मा प्रकाश बिंदु और ऊर्जा है। विज्ञान भी कहता है – ऊर्जा नष्ट नहीं होती, केवल रूप बदलती है।

  • आत्मा परमात्मा का अंश है, इसलिए अजर और अमर है।

  • कुरान में भी बताया गया है कि आत्मा कयामत तक इंतजार करती है

  • कब्र में शरीर चलता फिरता है, लेकिन आत्मा निकल जाने के बाद मिट्टी रखी जाती है।

बाबा का दृष्टिकोण:

“यह चलता फिरता जिस्म कब्र है। इसमें आत्मा दफन है, अर्थात वह अपने आप को नहीं जानती। खुदा आकर इस आत्मा को जागृत करता है।”


प्रश्न 5: कर्म और अगला जन्म कैसे जुड़ा है?

उत्तर:

  • रूह अपने कर्मों के अनुसार नया शरीर लेती है।

  • अपने कर्मों को सुधारना ज़रूरी है, ताकि अगला जीवन बेहतर हो।

आगामी भाग की झलक:

  • अगले भाग में समझेंगे – क्या अल्लाह हर जगह है या अलग सत्ता?

  • परमात्मा का असली परिचय।


प्रश्न 6: मुख्य उदाहरण और समझाने का तरीका

उदाहरण व्याख्या
कपड़े और पहनने वाला इंसान वही रहता है, कपड़ा बदलता है → आत्मा वही रहती है, शरीर बदलता है
ड्राइवर और गाड़ी ड्राइवर वही है, गाड़ी बदलती है → रूह वही रहती है, नया जिस्म लेती है

Disclaimer (डिस्क्लेमर):

यह वीडियो ब्रह्माकुमारीज़ के आध्यात्मिक शिक्षण और मुर्ली पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी व्यक्तिगत आध्यात्मिक समझ और ज्ञान के उद्देश्य से साझा की गई है। इसे चिकित्सकीय, कानूनी या किसी व्यावसायिक सलाह के रूप में न लें।

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