Divine Health/(04)

दिव्य स्वास्थय/(04) उपवास एव ऑटाेफैगी द्वारा कैंसर,मोटापा,शुगर,त्वचा,पाचन तंत्र के रोंगों से मुत्कि?

(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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डिवाइन हेल्थ – दिव्य स्वास्थ्य

पार्ट 4 – उपवास एवं ऑटोफेगी द्वारा रोगमुक्ति


1. भूमिका – विज्ञान और अध्यात्म का संगम

ओम शांति।
आज हम बात करेंगे एक ऐसी शक्ति की, जो विज्ञान और अध्यात्म दोनों में मान्य है – ऑटोफेगी
विज्ञान अब वही सिद्ध कर रहा है, जो हमारे ऋषि-मुनि और योगी हजारों साल से कहते आए हैं – उपवास और संयम से शरीर और आत्मा दोनों की शुद्धि।
बाबा मुरली में कहते हैं – “बच्चे, शुद्ध रहो, संयम में रहो, सात्विक आहार-विहार अपनाओ।”


2. योशिनोरी ओसुमी की खोज

2016 में जापानी वैज्ञानिक योशिनोरी ओसुमी को फिजियोलॉजी/मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार मिला।
उनकी खोज थी – ऑटोफेगी
“ऑटो” यानी स्वयं, “फेगी” यानी खाना – यानी शरीर की कोशिकाएं खुद को खाकर, पुराना और खराब हिस्सा हटा कर, नया बनाती हैं।


3. ऑटोफेगी कैसे काम करती है?

जब हम उपवास करते हैं, या सिर्फ़ रस (जूस) लेते हैं, तो शरीर को बाहर से ऊर्जा नहीं मिलती।
तब वह अंदर जमा गंदगी, मृत कोशिकाएं और टॉक्सिन्स को तोड़कर ऊर्जा बनाता है।
यह है कोशिकीय सफाई – Cellular Detoxification

उदाहरण – एक पुराना घर अगर सालों तक साफ न किया जाए, तो गंदगी जमा हो जाती है।
उसी तरह शरीर को उपवास से रिपेयर करने का मौका मिलता है।


4. मुरली संदेश और ऑटोफेगी

बाबा कहते हैं – “शरीर की सफाई करो, मन की सफाई करो। आत्मा शुद्ध होगी, तो शरीर भी स्वस्थ होगा।”
भोजन में पवित्रता रखो, संयमित रहो – आत्मा और शरीर दोनों पर असर पड़ता है।


5. किन रोगों में सहायक?

विज्ञान कहता है कि ऑटोफेगी –

  • कैंसर

  • अल्ज़ाइमर

  • न्यूरोलॉजिकल रोग

  • टाइप-2 डायबिटीज

  • मोटापा

  • त्वचा रोग

  • पाचन तंत्र की समस्याएं
    में सहायक है।


6. ऑटोफेगी सक्रिय करने का तरीका

  • रस उपवास: ताजे फलों व सब्जियों के रस – गाजर, लौकी, धनिया, मौसंबी।

  • शरीर को विटामिन, मिनरल्स, एंजाइम मिलते हैं।

  • टॉक्सिन्स और यूरिक एसिड बाहर निकलता है।


7. आध्यात्मिक दृष्टिकोण

ब्रह्मा कुमारीज के अनुसार –
उपवास + योग + साइलेंस + विचारों की शुद्धि = संपूर्ण स्वास्थ्य।
शरीर माटी का पुतला है, आत्मा ही इसमें शक्ति भरती है।


8. निष्कर्ष – दिव्य स्वास्थ्य का फॉर्मूला

उपवास + योग + सात्विकता = सम्पूर्ण स्वास्थ्य।
शरीर में स्वशुद्धि की प्राकृतिक शक्ति है।
आत्मा शुद्ध होगी तो शरीर भी स्वतः शुद्ध होगा।


9. दैनिक जीवन में अपनाने योग्य कदम

  • सप्ताह में 1 दिन रस उपवास।

  • रोज़ 10 मिनट साइलेंस।

  • सात्विक भोजन, संयमित दिनचर्या, अमृतवेले योग।


डिवाइन हेल्थ – दिव्य स्वास्थ्य

पार्ट 4 – उपवास एवं ऑटोफेगी द्वारा रोगमुक्ति


Q1. ऑटोफेगी क्या है और इसका अर्थ क्या है?
A1. “ऑटो” का मतलब है स्वयं और “फेगी” का मतलब है खाना।
ऑटोफेगी वह प्रक्रिया है जिसमें शरीर की कोशिकाएं खुद अपने पुराने और खराब हिस्सों को तोड़कर साफ करती हैं और नया बनाती हैं। यह शरीर की प्राकृतिक सफाई और रिपेयरिंग प्रणाली है।


Q2. ऑटोफेगी की खोज किसने की और कब?
A2. 2016 में जापानी वैज्ञानिक योशिनोरी ओसुमी को ऑटोफेगी पर शोध के लिए फिजियोलॉजी/मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार मिला।


Q3. उपवास और ऑटोफेगी का क्या संबंध है?
A3. जब हम उपवास करते हैं या सिर्फ रस (जूस) लेते हैं, तो शरीर को बाहर से ऊर्जा नहीं मिलती।
तब वह अंदर जमा मृत कोशिकाओं, टॉक्सिन्स और गंदगी को तोड़कर ऊर्जा बनाता है — यही ऑटोफेगी है।


Q4. मुरली में बाबा उपवास और पवित्रता को कैसे समझाते हैं?
A4. बाबा कहते हैं – “शरीर की सफाई करो, मन की सफाई करो। आत्मा शुद्ध होगी, तो शरीर भी स्वस्थ होगा।”
सात्विक भोजन, संयमित जीवन और योग आत्मा व शरीर दोनों को पवित्र बनाते हैं।


Q5. ऑटोफेगी किन-किन रोगों में सहायक मानी जाती है?
A5. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि ऑटोफेगी —

  • कैंसर

  • अल्ज़ाइमर

  • न्यूरोलॉजिकल रोग

  • टाइप-2 डायबिटीज

  • मोटापा

  • त्वचा रोग

  • पाचन तंत्र की समस्याओं
    में लाभदायक हो सकती है।


Q6. ऑटोफेगी को सक्रिय करने का सबसे अच्छा प्राकृतिक तरीका क्या है?
A6. रस उपवास – ताजे फलों व सब्जियों के रस जैसे गाजर, लौकी, धनिया, मौसंबी।
ये विटामिन, मिनरल्स और एंजाइम देते हैं और टॉक्सिन्स व यूरिक एसिड बाहर निकालते हैं।


Q7. ब्रह्मा कुमारीज के अनुसार संपूर्ण स्वास्थ्य का सूत्र क्या है?
A7. उपवास + योग + साइलेंस + विचारों की शुद्धि = संपूर्ण स्वास्थ्य
शरीर माटी का पुतला है, आत्मा ही इसमें शक्ति भरती है।


Q8. दैनिक जीवन में ऑटोफेगी को कैसे अपनाएं?
A8.

  • सप्ताह में 1 दिन रस उपवास।

  • प्रतिदिन 10 मिनट साइलेंस।

  • सात्विक भोजन व संयमित दिनचर्या।

  • अमृतवेले योग।


Q9. ऑटोफेगी केवल विज्ञान है या आध्यात्मिक प्रक्रिया भी?
A9. यह केवल विज्ञान नहीं बल्कि आत्मा को शुद्ध करने और जीवन को नया बनाने की आध्यात्मिक प्रक्रिया भी है, जिसे ज्ञान और योग में सदियों से सिखाया जा रहा है।

Disclaimer

यह वीडियो ब्रह्मा कुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय की आज की मुरली (Murli दिनांक 14-08-2025) पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल आध्यात्मिक शिक्षा, आत्मिक जागृति और ईश्वरीय संदेश का प्रसार है। इसमें दी गई सभी मुरली बिंदु आधिकारिक स्रोत से लिए गए हैं। इस सामग्री का किसी भी व्यक्ति, संस्था या धर्म की आलोचना से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो BK Affidavit दिनांक 13-06-2025 के अनुरूप प्रस्तुत किया गया है।

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