Divine Health/(09)

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(प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

गुर्दे की सफाई | Kidney Detox | जूस थेरेपी और आयुर्वेदिक उपाय | Divine Health”


 Speech Script

 भूमिका (Intro)

नमस्कार प्यारे साथियों,
हम दिव्य स्वास्थ्य — Divine Health पर चर्चा कर रहे हैं।
आज का विषय है — गुर्दे की सफाई और उसमें जूस थेरेपी से प्राकृतिक आयुर्वेदिक इलाज।

शरीर के अंगों की सफाई ही सच्ची पूजा है।
गुर्दे हमारे शरीर के प्राकृतिक फिल्टर हैं, जो दिन-रात 24 घंटे खून को शुद्ध करते रहते हैं।
अगर इनकी सफाई नियमित न हो तो शरीर में विषैले तत्व जमा हो जाते हैं और स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है।

तो आइए जानते हैं — कैसे प्राकृतिक जूस थेरेपी और आयुर्वेदिक उपायों से गुर्दों की सफाई करके हम स्वस्थ और निरोगी जीवन जी सकते हैं।


 गुर्दे की सफाई के लिए आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय

 मक्के के रेशम की चाय

  • मक्के के बाल इकट्ठा करके पानी में उबालें।

  • आधा रह जाने पर छानकर पिएं।

  • यह प्राकृतिक मूत्रवर्धक है, मूत्र मार्ग की सूजन कम करता है और यूरिन फ्लो को बेहतर बनाता है।

 हरे धनिए का रस

  • धनिए को पानी में उबालकर या जूसर/मिक्सी में पीसकर छान लें।

  • इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और मूत्रवर्धक गुण विषैले तत्वों को बाहर निकालते हैं।

 दालचीनी का काढ़ा

  • सूजन कम करता है, ब्लड शुगर कंट्रोल करता है और किडनी पर दबाव घटाता है।

  • लेकिन यह गर्म प्रकृति का है, इसलिए इसे सीमित मात्रा (2–3 ग्राम) और डॉक्टर की सलाह से ही लें।

 तुलसी और अन्य हर्बल चाय

  • तुलसी, गोखरू, जावा, कासनी, वरुण, पलाश, रक्तचंदन आदि की चाय गुर्दों को शुद्ध करने में सहायक है।

  • लेकिन सेवन की मात्रा और तरीका आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही अपनाएँ।


 जूस थेरेपी द्वारा गुर्दों की सफाई

 सेब का रस

  • ऑक्सीकरण घटाता है और शरीर को एंटीऑक्सीडेंट लाभ देता है।

 संतरा और नींबू का रस

  • विटामिन C से भरपूर, पथरी बनने से रोकता है और यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है।

 खीरे का रस

  • शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन देता है, डिहाइड्रेशन से बचाता है।

 गाजर और चुकंदर का रस

  • रक्त शुद्ध करते हैं और किडनी टिश्यू को पोषण प्रदान करते हैं।

 याद रखें — हमेशा ताज़ा, ऑर्गेनिक और बिना छना रस पिएं।
पैकेट वाले रस और प्रिज़र्वेटिव्स से बचें।


 आंतरिक शक्ति और सकारात्मक सिद्धि

सिर्फ रस पीना पर्याप्त नहीं है।
हमारे चिंतन, भावनाएं और स्थिति भी शुद्ध होनी चाहिए।

  • मुरली 14 मार्च 1993:
    “स्वस्थ तन और पवित्र मन – यही आत्मा की सच्ची सेवा है।”

  • प्रेरक उदाहरण:
    एक साधक ने हफ्ते में दो दिन जूस उपवास किया।
    छह महीने में उसकी किडनी का क्रिएटिनिन लेवल सामान्य हो गया।
    उसने ब्रह्ममुहूर्त योग, सत्संग और हल्का भोजन भी अपनाया।

  • मुरली 12 मार्च 1996:
    “शुद्धता से शक्ति मिलती है और शक्ति से शरीर भी सहयोगी बन जाता है।”

  • मुरली 18 अप्रैल 2001:
    “प्राकृतिक जीवनशैली ही देही-अभिमानी जीवन का प्रतीक है।”


 समापन

तो प्यारे साथियों,
गुर्दों की सफाई कोई कठिन कार्य नहीं है।
यदि हम अनुशासित जीवन जिएं,
प्राकृतिक जूस थेरेपी और आयुर्वेदिक उपायों को अपनाएँ,
और साथ ही आध्यात्मिक स्थिति को पवित्र रखें,
तो यह न केवल शरीर की सफाई करेगा बल्कि आत्मा को भी हल्का और शक्तिशाली बनाएगा।

“गुर्दे की सफाई | Kidney Detox | जूस थेरेपी और आयुर्वेदिक उपाय | Divine Health”


 प्रश्नोत्तर आधारित स्पीच

प्रश्न 1: गुर्दों की सफाई क्यों ज़रूरी है?
उत्तर:
गुर्दे हमारे शरीर के प्राकृतिक फिल्टर हैं। ये 24 घंटे खून को शुद्ध करते रहते हैं।
अगर इनकी सफाई समय-समय पर न हो तो शरीर में विषैले तत्व जमा हो जाते हैं, जिससे बीमारियाँ बढ़ती हैं।
इसलिए गुर्दों की देखभाल और सफाई ही सच्ची पूजा है।


 आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय

प्रश्न 2: मक्के के रेशम की चाय कैसे मदद करती है?
उत्तर:
मक्के के बालों को उबालकर चाय बनाएं।
यह प्राकृतिक मूत्रवर्धक है, सूजन कम करता है और यूरिन फ्लो को बेहतर बनाता है।


प्रश्न 3: क्या हरे धनिए का रस किडनी के लिए उपयोगी है?
उत्तर:
हाँ, धनिए के रस में एंटीऑक्सीडेंट और मूत्रवर्धक गुण होते हैं। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।


प्रश्न 4: दालचीनी का काढ़ा कब और कैसे लेना चाहिए?
उत्तर:
दालचीनी सूजन कम करती है और ब्लड शुगर कंट्रोल करती है।
लेकिन यह गर्म प्रकृति की है। इसे सिर्फ 2–3 ग्राम और डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए।


प्रश्न 5: तुलसी और अन्य हर्बल चाय का क्या लाभ है?
उत्तर:
तुलसी, गोखरू, जावा, कासनी, वरुण, पलाश, रक्तचंदन आदि की चाय गुर्दों को शुद्ध करती है।
लेकिन सही मात्रा और तरीका हमेशा आयुर्वेदाचार्य की सलाह से ही अपनाएँ।


 जूस थेरेपी द्वारा गुर्दों की सफाई

प्रश्न 6: किडनी डिटॉक्स के लिए कौन से जूस सबसे अच्छे हैं?
उत्तर:

  • सेब का रस – शरीर को एंटीऑक्सीडेंट लाभ देता है।

  • संतरा और नींबू का रस – पथरी बनने से रोकता है और यूरिक एसिड बाहर निकालता है।

  •  खीरे का रस – शरीर को ठंडक और हाइड्रेशन देता है।

  • गाजर और चुकंदर का रस – रक्त शुद्ध करते हैं और किडनी को पोषण देते हैं।

 हमेशा ताज़ा, ऑर्गेनिक और बिना छना रस लें। पैकेट वाले रस और प्रिज़र्वेटिव से बचें।


 आंतरिक शक्ति और सकारात्मक सिद्धि

प्रश्न 7: क्या सिर्फ जूस पीना ही पर्याप्त है?
उत्तर:
नहीं। जूस के साथ-साथ हमारे चिंतन और भावनाएँ भी शुद्ध होनी चाहिए।

“स्वस्थ तन और पवित्र मन – यही आत्मा की सच्ची सेवा है।”


प्रश्न 8: क्या जूस थेरेपी से कोई प्रेरक उदाहरण है?
उत्तर:
हाँ। एक साधक ने हफ्ते में दो दिन जूस उपवास किया।
छह महीने बाद उसकी किडनी का क्रिएटिनिन लेवल सामान्य हो गया।
उसने ब्रह्ममुहूर्त योग, सत्संग और हल्का भोजन भी अपनाया।

मुरली 12 मार्च 1996
“शुद्धता से शक्ति मिलती है और शक्ति से शरीर भी सहयोगी बन जाता है।”


 समापन

प्रश्न 9: गुर्दों की सफाई का अंतिम संदेश क्या है?
उत्तर:
गुर्दों की सफाई कोई कठिन कार्य नहीं है।
अगर हम –

  • अनुशासित जीवन जीएँ

  • प्राकृतिक जूस थेरेपी और आयुर्वेदिक उपाय अपनाएँ

  • और अपनी आध्यात्मिक स्थिति पवित्र रखें
    तो यह शरीर और आत्मा दोनों को हल्का और शक्तिशाली बना देगा।

Disclaimer :

इस वीडियो में दी गई जानकारी केवल सामान्य स्वास्थ्य जागरूकता और आध्यात्मिक ज्ञान के उद्देश्य से है। यह किसी भी तरह से चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी प्रकार का उपचार, जूस थेरेपी या हर्बल उपाय अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या प्रमाणित स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें। इस वीडियो में वर्णित आयुर्वेदिक और आध्यात्मिक उपाय व्यक्तिगत अनुभव और पारंपरिक ज्ञान पर आधारित हैं। इनका परिणाम व्यक्ति-व्यक्ति पर भिन्न हो सकता है।

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