गरुड़ पुराण/ब्रह्मकुमारी ज्ञान(13)यमलोक की यातनाएँ और पपियाें का दंड
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
यमलोक की यातनाएँ और पापियों का दंड
आज हम एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे – यमलोक की यातनाएँ और पापियों को मिलने वाले दंड। गरुड़जी ने भगवान विष्णु से यह प्रश्न किया कि जब पापी जीव यमलोक में पहुँचते हैं, तो उन्हें कैसी यातनाएँ मिलती हैं? भगवान विष्णु ने जो उत्तर दिया, वह हमें जीवन में धर्म का पालन करने की प्रेरणा देता है।
यमपुरी का भयावह दृश्य
जब कोई प्राणी अपने पापकर्मों के कारण यमलोक की ओर प्रस्थान करता है, तो यममार्ग में ही उसे असहनीय कष्टों का सामना करना पड़ता है। जैसे ही वह यमपुरी में प्रवेश करता है, वहाँ का भयावह दृश्य देखकर वह जोर-जोर से विलाप करता है। यमदूत उसे पकड़कर धर्मराज के द्वारपाल के पास ले जाते हैं, जो उसका नाम चित्रगुप्त को बताते हैं।
चित्रगुप्त का लेखा-जोखा
चित्रगुप्त जीव के शुभ और अशुभ कर्मों का संपूर्ण विवरण धर्मराज को प्रस्तुत करते हैं। प्रत्येक मनुष्य के कर्मों का लेखा-जोखा रखा जाता है, और उसी के आधार पर उसे दंड या पुरस्कार दिया जाता है।
श्रवण और श्रवणियों का योगदान
श्रवण, जो स्वयं ब्रह्मा के पुत्र हैं, स्वर्ग, पृथ्वी तथा पाताल में विचरण कर सकते हैं। वे और उनकी पत्नियाँ, जिन्हें श्रवणियाँ कहा जाता है, मनुष्य द्वारा किए गए प्रत्येक अच्छे-बुरे कर्म को जानते हैं। वे इन कर्मों का संकलन कर चित्रगुप्त को बताते हैं, जो फिर धर्मराज के सामने इस विवरण को प्रस्तुत करते हैं।
नरकों की भीषण यातनाएँ
धर्मराज के आदेश पर यमदूत पापी को पकड़कर भयंकर नरकों में ले जाते हैं, जहाँ उसे अनेक प्रकार की यातनाएँ सहनी पड़ती हैं। कुछ यातनाओं का विवरण इस प्रकार है:
विशाल जलते हुए वृक्षों पर उल्टा लटकाना – पापियों को जलते हुए वृक्षों पर उल्टा लटका दिया जाता है। लोहे की छड़ों और हथियारों से प्रहार – यमदूत निर्दयता से उन्हें लोहे की छड़ों और भयंकर हथियारों से मारते हैं। अत्यधिक भूख और प्यास का कष्ट – पापी जीव तड़पते हैं, परंतु उन्हें जल और अन्न नहीं दिया जाता।
क्यों मिलती हैं ये यातनाएँ?
जो लोग अपने जीवन में दान-पुण्य नहीं करते, अतिथियों का सत्कार नहीं करते, जल-अन्न का दान नहीं देते, पितरों का तर्पण नहीं करते और धर्म की अवहेलना करते हैं, उन्हें ये कष्ट सहने पड़ते हैं। यमदूत उन्हें उनके पापकर्मों की याद दिलाते हैं और समझाते हैं कि यदि उन्होंने अच्छे कर्म किए होते, तो उन्हें यह यातनाएँ नहीं सहनी पड़तीं।
निष्कर्ष
अतः, यह आवश्यक है कि हम अपने जीवन में सद्कर्म करें, धर्म का पालन करें और दूसरों की सहायता करें। केवल इसी मार्ग पर चलकर हम यमलोक की यातनाओं से बच सकते हैं और मोक्ष की ओर अग्रसर हो सकते हैं। आइए, हम सभी धर्ममय जीवन जीने का संकल्प लें।
📚 प्रश्नोत्तर श्रृंखला
यमलोक की यातनाएँ और पापियों का दंड
प्रश्न 1: गरुड़जी ने भगवान विष्णु से कौन-सा महत्वपूर्ण प्रश्न किया?
उत्तर: गरुड़जी ने भगवान विष्णु से पूछा कि जब पापी जीव यमलोक में पहुँचते हैं, तो उन्हें कैसी-कैसी यातनाएँ दी जाती हैं?
प्रश्न 2: यमलोक पहुँचते ही पापी जीव को सबसे पहले कौन-सा कष्ट होता है?
उत्तर: यमलोक की ओर जाते समय ही यममार्ग में जीव को असहनीय कष्ट और भयावह दृश्य देखने पड़ते हैं, जिससे वह जोर-जोर से विलाप करने लगता है।
प्रश्न 3: पापी जीव को यमपुरी में कौन लेकर जाता है?
उत्तर: यमदूत पापी जीव को पकड़कर यमराज के द्वारपाल और चित्रगुप्त के पास ले जाते हैं।
प्रश्न 4: चित्रगुप्त क्या कार्य करते हैं?
उत्तर: चित्रगुप्त प्रत्येक जीव के शुभ और अशुभ कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं और यमराज के समक्ष उसे प्रस्तुत करते हैं, जिससे जीव को उसके कर्मों के अनुसार दंड या पुरस्कार मिलता है।
प्रश्न 5: श्रवण और श्रवणियाँ कौन होते हैं और उनका क्या कार्य है?
उत्तर: श्रवण ब्रह्मा के पुत्र हैं, जो अपनी पत्नियों (श्रवणियाँ) के साथ स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में विचरण करते हैं। वे मनुष्यों के हर अच्छे-बुरे कर्मों का संकलन करके चित्रगुप्त को बताते हैं।
प्रश्न 6: यमदूत पापियों को कौन-कौन सी भीषण यातनाएँ देते हैं?
उत्तर: पापियों को यमदूत अनेक भयंकर यातनाएँ देते हैं, जैसे:
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जलते हुए वृक्षों पर उल्टा लटकाना।
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लोहे की छड़ों और हथियारों से प्रहार करना।
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अत्यधिक भूख और प्यास से तड़पाना।
प्रश्न 7: पापियों को ये यातनाएँ क्यों मिलती हैं?
उत्तर: जो लोग जीवन में दान-पुण्य नहीं करते, अतिथियों का सत्कार नहीं करते, जल-अन्न का दान नहीं करते, पितरों का तर्पण नहीं करते और धर्म की अवहेलना करते हैं, उन्हें ये यातनाएँ मिलती हैं।
प्रश्न 8: यमदूत पापियों से क्या कहते हैं?
उत्तर: यमदूत पापियों को उनके पापकर्मों की याद दिलाते हैं और समझाते हैं कि यदि उन्होंने अच्छे कर्म किए होते, तो उन्हें ये भीषण यातनाएँ नहीं सहनी पड़तीं।
प्रश्न 9: यमलोक की यातनाओं से बचने का उपाय क्या है?
उत्तर: यमलोक की यातनाओं से बचने का उपाय है – धर्म का पालन करना, दान-पुण्य करना, अतिथियों का सत्कार करना, पितरों का तर्पण करना और सभी के साथ सद्व्यवहार करना। इसी से मोक्ष मार्ग प्राप्त होता है।
प्रश्न 10: इस कथा से हमें क्या सीख मिलती है?
उत्तर: इस कथा से हमें सीख मिलती है कि जीवन में सदैव धर्ममय और परोपकारी जीवन जीना चाहिए। यही मार्ग मोक्ष और कल्याण का है।
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