P-(25) Whether there will be snakes, lions etc. in Satyayuga or not

पदम -(25) सतयुग में सर्प-शेर आदि होंगे या नहीं

P- 25″ Whether there will be snakes, lions etc. in Satyayuga or not

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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कौन बनेगा पद्मा पदम पति?

सब बनेंगे पद्मा पदम पति।

पति बनने के लिए हमें अपने अंदर उन संस्कारों को, उन गुणों को जागृत करना है, जिससे हमारे अकर्म के खाते बन सके। क्योंकि अकर्म के खाते को ही पदम कर्म कहा जाता है। जितने ज्यादा हमारे पदम कर्म होंगे, उतना ही हम अच्छा पद, अच्छी पोजीशन सतयुग के अंदर प्राप्त कर सकेंगे। इसलिए पदम कर्म बनाने के लिए हमें पदम कर्म करने की विधि सीखनी है कि हमारे कर्म में कैसे न्यारा और प्यारा पन आए।


आज का विषय:

सतयुग में सर्प, शेर आदि होंगे या नहीं?

उनकी उत्पत्ति और भूमिका का विश्लेषण।

क्या सतयुग में सर्प, शेर आदि का अस्तित्व होगा?

क्या समझते हैं आप लोग?

दुख देने वाला कोई भी जानवर, पक्षी नहीं होगा। परंतु सर्प, शेर आदि सभी योनि उपस्थित हो सकती हैं, लेकिन उनका स्वभाव और संस्कार शांतिपूर्ण होंगे। उनका स्वभाव दुख देने वाला नहीं होगा।

सतयुग में सभी प्राणी सतोप्रधान होंगे।

जैसे आज हम आत्माएं सतोप्रधान से तमोप्रधान हो गई हैं और सबको दुख देने वाली बन गई हैं, वैसे ही सतयुग में सभी प्राणी सतोप्रधान होंगे और उनका स्वभाव शांतिपूर्ण होगा।


सतयुग में प्राणी:

  • मनुष्यों के बीच नहीं रहेंगे बल्कि उनके लिए अलग स्थान होंगे।
  • वे अपनी दुनिया में रहेंगे, लेकिन उनका स्वभाव दुख देने वाला नहीं होगा।
  • बाबा ने मुरली में स्पष्ट किया है कि कोई भी जीव-जंतु दुख देने वाला नहीं होगा।
  • सतयुग में प्रकृति और प्राणियों का स्वभाव सुखदायी और अहिंसक होता है।

योनियों का बीज और उनकी निरंतरता:

  • हर योनि का अस्तित्व बना रहता है ताकि सृष्टि का कर्म आगे बढ़े।
  • स्वामी दयानंद जी से जब पूछा गया कि सृष्टि के आदि में युवा थे, बच्चे थे या वृद्ध?
  • उन्होंने कहा— युवा थे। क्योंकि अगर बच्चे होते तो उन्हें पालने वाला कौन होता? और वृद्ध होते तो सृष्टि का विकास कैसे होता?
  • परंतु युवा कहां से आए? यह प्रश्न किसी ने नहीं पूछा।
  • बाबा ने हमें समझाया कि सृष्टि के आदि में आत्माएं अपने पवित्र संस्कारों के साथ शरीर धारण करेंगी। वे परमधाम से आकर अपने शरीर को पहनकर खड़े हो जाएंगे।
  • सृष्टि के पुनर्निर्माण के लिए हर योनि का बीज आवश्यक है।
  • यदि सतयुग में सर्प, शेर जैसी योनि नहीं होगी, तो उनकी उत्पत्ति कैसे होगी?
  • बिना बीज के कोई भी उत्पन्न नहीं हो सकता।

शास्त्रों में प्रमाण और सृष्टि के नियम:

  • शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में हर योनि के अस्तित्व का उल्लेख मिलता है।
  • सतयुग में सभी योनियां अपने शांतिपूर्ण स्वभाव के साथ उपस्थित रहती हैं।
  • सृष्टि का अनादि और अविनाशी विधान है कि हर योनि का अस्तित्व बना रहे।

निष्कर्ष:

सतयुग में सर्प, शेर जैसी योनियां उपस्थित रहेंगी, लेकिन वे मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं होंगी। सभी योनियों का बीज सृष्टि के संतुलन और निरंतरता के लिए आवश्यक है। सृष्टि का विधान सुनिश्चित करता है कि हर योनि अपने स्थान और भूमिका के साथ मौजूद रहे।

प्रश्न-उत्तर श्रृंखला

प्रश्न 1:क्या सतयुग में सर्प, शेर आदि का अस्तित्व होगा?

उत्तर:हाँ, सतयुग में सर्प, शेर आदि सभी योनि उपस्थित हो सकती हैं, लेकिन उनका स्वभाव और संस्कार शांतिपूर्ण होंगे। वे किसी को दुख देने वाले नहीं होंगे।

प्रश्न 2:सतयुग में प्राणी किस अवस्था में होंगे?

उत्तर:सतयुग में सभी प्राणी सतोप्रधान होंगे। उनका स्वभाव कोमल, अहिंसक और सुखदायी होगा। वे मनुष्यों के बीच नहीं रहेंगे, बल्कि अपने लिए निर्धारित स्थानों पर रहेंगे।

प्रश्न 3:क्या सतयुग में जीव-जंतु मनुष्यों को कष्ट देंगे?

उत्तर:नहीं, सतयुग में कोई भी जीव-जंतु मनुष्यों को कष्ट नहीं देंगे। बाबा ने मुरली में स्पष्ट किया है कि सतयुग में प्रकृति और प्राणियों का स्वभाव सुखदायी और अहिंसक होता है।

प्रश्न 4:सृष्टि में योनियों की निरंतरता कैसे बनी रहती है?

उत्तर:हर योनि का अस्तित्व बना रहता है ताकि सृष्टि का कर्म आगे बढ़े। यदि सतयुग में सर्प, शेर जैसी योनि नहीं होगी, तो उनकी उत्पत्ति भी नहीं हो पाएगी। बिना बीज के कोई भी उत्पन्न नहीं हो सकता।

प्रश्न 5:सृष्टि के आदि में मनुष्यों की अवस्था कैसी थी?

उत्तर:स्वामी दयानंद जी से जब पूछा गया कि सृष्टि के आदि में युवा थे, बच्चे थे या वृद्ध? तो उन्होंने कहा— युवा थे। क्योंकि यदि बच्चे होते तो उन्हें पालने वाला कौन होता? और वृद्ध होते तो सृष्टि का विकास कैसे होता? बाबा ने हमें समझाया कि सृष्टि के आदि में आत्माएं अपने पवित्र संस्कारों के साथ शरीर धारण करेंगी और परमधाम से आकर अपने शरीर को पहनकर खड़ी हो जाएंगी।

प्रश्न 6:क्या शास्त्रों में सतयुग की योनियों का प्रमाण मिलता है?

उत्तर:हाँ, शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में हर योनि के अस्तित्व का उल्लेख मिलता है। सतयुग में सभी योनियां अपने शांतिपूर्ण स्वभाव के साथ उपस्थित रहती हैं। सृष्टि का अनादि और अविनाशी विधान सुनिश्चित करता है कि हर योनि अपने स्थान और भूमिका के साथ मौजूद रहे।

निष्कर्ष:

सतयुग में सर्प, शेर जैसी योनियां उपस्थित रहेंगी, लेकिन वे मनुष्यों के लिए हानिकारक नहीं होंगी। सभी योनियों का बीज सृष्टि के संतुलन और निरंतरता के लिए आवश्यक है। सृष्टि का विधान सुनिश्चित करता है कि हर योनि अपने स्थान और भूमिका के साथ मौजूद रहे।

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