P-P 68 ” परमात्मा काआगमन और संगमयुग
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
हम पदमा पदम कैसे बनेंगे? | परमात्मा का आगमन और संगम युग का रहस्य | BK ज्ञानमंथन
🪔 प्रस्तावना: पदमा पदम बनने की दिशा में चिंतन
हर आत्मा चाहती है कि वह पदमा पदम भाग्य की मालिक बने। इसी उद्देश्य को लेकर हम रोज़ाना बाबा के ज्ञान का चिंतन करते हैं, मंथन करते हैं। आज हम जिस विषय पर मनन कर रहे हैं, वह है:
“परमात्मा का आगमन और संगम युग—इसका आपसी संबंध और गहरा रहस्य क्या है?”
🔱 1. क्या परमात्मा संगम युग के अतिरिक्त कभी आते हैं?
उत्तर है: नहीं।
यह न केवल विवेक की बात है, बल्कि ज्ञान और अनुभव भी यही कहता है कि परमात्मा केवल एक बार—कल्प में एक ही बार—पुरुषोत्तम संगम युग पर आते हैं।
गीता का प्रमाण:
“जब-जब धर्म की हानि होती है, मैं आता हूँ।”
लेकिन वास्तविक “आगमन” एक ही बार होता है—जब धर्म संपूर्ण रूप से समाप्त हो जाता है।
📖 2. परमात्मा के आगमन से ही संगम युग की शुरुआत कैसे होती है?
-
बाबा कहते हैं:
“जब मैं आता हूँ, तो ही संगम युग शुरू होता है।”
-
वही समय होता है जब:
-
सतयुग का बीजारोपण होता है।
-
श्रीकृष्ण की जन्मजयंती होती है।
-
सच्ची गीता का ज्ञान दिया जाता है।
-
आत्मा और परमात्मा का संगम होता है।
-
🕊️ 3. संगम युग: दो दुनिया के बीच की कड़ी
-
एक ओर है पुरानी दुनिया — कलियुग
-
दूसरी ओर है नई दुनिया — सतयुग
-
हम कहाँ हैं? — संगम पर, दोनों के बीच।
बाबा कहते हैं:
“बच्चे, दो नावों पर पैर मत रखो। अब पुरानी दुनिया को छोड़ो और नई दुनिया की तैयारी करो।”
🔥 4. परमात्मा का आगमन—केवल ड्रामा अनुसार
-
बाबा ने स्पष्ट कहा है:
“मैं ड्रामा के अनुसार, एक्यूरेट टाइम पर आता हूँ—न एक सेकंड पहले, न बाद में।”
-
उनका पार्ट:
-
किसी के द्वारा बनाया नहीं गया।
-
बदला नहीं जा सकता।
-
केवल संगम युग पर ही होता है।
-
🧘♂️ 5. परमात्मा की संगम युग पर भूमिका
जब परमात्मा आते हैं, तो वे:
-
सत्य ज्ञान प्रदान करते हैं।
-
पतित आत्माओं को पावन बनाते हैं।
-
घर वापसी (मुक्तिधाम) की राह दिखाते हैं।
-
सतयुग की स्थापना का आधार बनाते हैं।
यही समय है जब हम स्वयं को “पदमा पदम” बनाने का पुरुषार्थ कर सकते हैं।
🔄 6. ड्रामा और परमात्मा: कैसे जुड़ा है यह रहस्य?
-
यह सारा संसार एक अनादि नाटक (ड्रामा) है।
-
इस ड्रामा में परमात्मा का आगमन और हम आत्माओं की परिवर्तन यात्रा पहले से निर्धारित है।
बाबा कहते हैं:
“मैं भी ड्रामा का बंधन में हूँ। मैं अपने समय पर आता हूँ, और अपना कार्य पूरा कर चला जाता हूँ।”
🚫 7. क्या परमात्मा बार-बार आते हैं?
नहीं।
लोग कहते हैं कि परमात्मा त्रेता में राम, द्वापर में कृष्ण और अब किसी गुरु के रूप में आ गए।
लेकिन सत्य यह है:
परमात्मा केवल संगम युग पर आते हैं।
न वह मनुष्य बनते हैं, न जन्म लेते हैं, न बार-बार आते हैं।
🧭 8. पदमा पदम बनने की सच्ची कुंजी क्या है?
-
सत्य समय को पहचानो।
-
सत्य शिक्षक (परमात्मा) से शिक्षा लो।
-
राजयोग के अभ्यास से आत्मा को स्वराज्य अधिकारी बनाओ।
-
बाबा के दिए गए ज्ञान को जीवन में उतारो।
🔚 निष्कर्ष: संगम युग ही अवसर है—पदमा पदम भाग्य का
-
परमात्मा का आगमन केवल संगम युग पर होता है।
-
यही समय है जब वह हमें सच्चा ज्ञान देकर स्वयं के देवता स्वरूप की याद दिलाते हैं।
-
अब या कभी नहीं—यह संगम युग ही एकमात्र समय है जब हम पदमा पदम बन सकते हैं।
“बच्चे, मैं तुम्हें वह ज्ञान देने आया हूँ, जिससे तुम राजा के राजा बनो—पदमा पदम भाग्यशाली बनो।”
📍 अंत में निमंत्रण:
यदि आप और गहराई से जानना चाहते हैं कि कैसे परमात्मा संगम युग पर आकर हमें पदमा पदम बनाते हैं, तो संपर्क करें:
प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के निकटतम सेवा केंद्र पर।
📘 हम पदमा पदम कैसे बनेंगे? | प्रश्नोत्तरी – परमात्मा का आगमन और संगम युग
❓प्रश्न 1:क्या परमात्मा कल्प के पुरुषोत्तम संगम युग के अतिरिक्त किसी अन्य युग में आते हैं?
उत्तर:नहीं, बिल्कुल नहीं। परमात्मा केवल कल्प के संगम युग पर ही आते हैं, जब धर्म की हानि चरम पर होती है और आत्माएँ पतित अवस्था में पहुँच जाती हैं। यह आगमन केवल एक बार होता है।
❓प्रश्न 2:इसका प्रमाण हमें कहाँ से मिलता है?
उत्तर:शास्त्रों में, विशेष रूप से गीता में कहा गया है: “जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब मैं आता हूँ।” बाबा ने भी कहा है कि वे तब आते हैं जब आत्माओं की चढ़ती कला शुरू होती है—यही संगम युग का आरंभ है।
❓प्रश्न 3:क्या संगम युग परमात्मा के आने से शुरू होता है या पहले से होता है?
उत्तर:संगम युग परमात्मा के आने से ही शुरू होता है। जब परमात्मा सत्य ज्ञान देने के लिए आते हैं, तभी झूठ और सत्य का संगम आरंभ होता है, और तभी आत्माओं की पुनः आत्म-स्मृति की यात्रा प्रारंभ होती है।
❓प्रश्न 4:परमात्मा किस रूप में आकर हमें ज्ञान देते हैं?
उत्तर:परमात्मा शिव आत्मा के रूप में अव्यक्त दुनिया से आकर ब्रह्मा तन में प्रवेश करते हैं। वही “परमपिता परमात्मा शिव” हमें आत्मा और परमात्मा का सत्य परिचय देकर राजयोग सिखाते हैं।
❓प्रश्न 5:परमात्मा संगम युग पर क्या कार्य करते हैं?
उत्तर:
-
सत्य ज्ञान प्रदान करते हैं।
-
पतित आत्माओं को पावन बनाते हैं।
-
आत्माओं को उनके सच्चे स्वरूप का बोध कराते हैं।
-
राजयोग द्वारा आत्मा को पुनः सतोप्रधान बनाते हैं।
-
घर वापसी (मोक्षधाम) का मार्ग दिखाते हैं।
-
सतयुग की स्थापना की नींव रखते हैं।
❓प्रश्न 6:क्या परमात्मा का आगमन बार-बार होता है?
उत्तर:नहीं। परमात्मा का आगमन केवल एक बार, हर कल्प में संगम युग पर ही होता है। वे बार-बार नहीं आते। वे न जन्म लेते हैं, न मृत्यु को प्राप्त होते हैं। उनका आगमन ड्रामा के नियमों के अनुसार पूर्व निर्धारित होता है।
❓प्रश्न 7:क्या सभी आत्माओं को यह ज्ञान प्राप्त होता है?
उत्तर:हाँ, परमात्मा का ज्ञान समस्त आत्माओं के लिए होता है। लेकिन जो आत्माएँ पहले-पहले बाबा को पहचानती हैं, वे ही पदमा पदम बनती हैं और ब्राह्मण जीवन जीती हैं।
❓प्रश्न 8:दो नावों पर पैर रखना किसे कहा गया है?
उत्तर:एक ओर पुरानी दुनिया (कलियुग), दूसरी ओर नई दुनिया (सतयुग)। संगम युग वह मध्यकाल है जहाँ आत्मा को निर्णय लेना होता है—किस ओर जाना है। बाबा कहते हैं: “बच्चे, दो नावों पर पैर मत रखो। एक ओर आ जाओ—सतयुग की ओर।”
❓प्रश्न 9:परमात्मा भी ड्रामा के बंधन में कैसे हैं?
उत्तर:बाबा कहते हैं: “मैं भी ड्रामा के नियमों से बंधा हूँ। न एक सेकंड पहले, न एक सेकंड बाद, मैं ठीक समय पर आता हूँ।” उनका आगमन, माध्यम, और कार्य सब पूर्व निर्धारित हैं।
❓प्रश्न 10:पदमा पदम भाग्य किसका बनता है?
उत्तर:जो आत्मा संगम युग पर परमात्मा को पहचानकर उनके दिए ज्ञान और योग के अनुसार पुरुषार्थ करती है, वही आत्मा पदमा पदम भाग्य बनाती है। यह संगम युग ही आत्मा के सुधार और उन्नति का सुनहरा समय है।
परमात्मा का आगमन, संगम युग का रहस्य, ब्रह्मा कुमारी ज्ञान, शिव बाबा का अवतरण, राजयोग का महत्व, सतयुग की स्थापना, बाबा का ज्ञान मंथन, आत्मा और परमात्मा, कल्प चक्र की सच्चाई, सत्य ज्ञान, ब्रह्मा बाबा की शिक्षाएं, परमात्मा कब आते हैं, संगम युग का महत्व, आत्मा का पुनर्जन्म, गीता का रहस्य, गीता का सच्चा ज्ञान, शिव बाबा कौन है, सतयुग की तैयारी, सच्चा योग, बाबा का पाठ, ब्रह्मा कुमारी विचार, आध्यात्मिक जागृति, ईश्वर का आगमन, पुरानी और नई दुनिया, सत्य और असत्य का संगम, कल्प के संगम युग की विशेषता,
Arrival of God, Secret of Confluence Age, Brahma Kumari knowledge, Incarnation of Shiv Baba, Importance of Rajyoga, Establishment of Satyug, Baba’s churning of knowledge, Soul and God, Truth of Kalpa Chakra, True knowledge, Teachings of Brahma Baba, When does God come, Importance of Confluence Age, Rebirth of Soul, Secret of Gita, True knowledge of Gita, Who is Shiv Baba, Preparation for Satyug, True Yoga, Baba’s Lesson, Brahma Kumari Thoughts, Spiritual Awakening, Arrival of God, Old and New World, Confluence of Truth and Untruth, Specialty of Confluence Age of Kalpa,