Pitr Paksh (16)I Shraddha prevalent only among Hindus?

 (प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

पितृपक्ष में श्राध्द रहस्यः(16)क्या श्राद्ध केवल हिंदुओं में ही प्रचलित है?

क्या श्राद्ध केवल हिंदुओं में ही प्रचलित है?

  • आम धारणा यह है कि श्राद्ध केवल हिंदुओं में ही प्रचलित है।

  • लेकिन ध्यान से देखें तो हर धर्म और संस्कृति में मृत आत्माओं के लिए कुछ ना कुछ कर्मकांड जरूर होते हैं।


 अलग-अलग धर्मों में मृतकों के संस्कार

  1. ईसाई धर्म

    • मास (Mass) और प्रेयर फॉर सोल।

    • मास का अर्थ है पूजा पद्धति का मुख्य भाग।

    • मास दो भागों में विभाजित:

      1. वचन की आराधना – प्रवचन, बाइबल से पढ़ना, भजन।

      2. प्रभु भोज की आराधना – यीशु मसीह की लास्ट सपर की स्मृति; ब्रेड और वाइन को शरीर और रक्त का प्रतीक मानकर ग्रहण।

    • उद्देश्य: गॉड की स्तुति, यीशु के बलिदान की स्मृति, आत्मिक शक्ति, भाईचारे की एकता।

  2. इस्लाम

    • फातिया पढ़ना और कब्र पर दुआ करना।

  3. बौद्ध और जैन धर्म

    • पिंडदान या दान देना।

निष्कर्ष: मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए रीतियां लगभग हर धर्म में मौजूद हैं।
केवल नाम और रीति-रिवाज अलग हैं।


 मुरली की शिक्षा

साकार मुरली – 20 सितंबर 2017

“श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि सब भक्ति मार्ग की रीतियां हैं। उनसे आत्मा को शांति नहीं मिलती।”

साकार मुरली – 22 सितंबर 2016

“आत्मा को तृप्त करने वाला भोजन है – ईश्वर का ज्ञान और योग। वही सच्चा दान है। असली शांति आत्मा को किसी भी कर्मकांड से नहीं, बल्कि ईश्वर ज्ञान और योग बल से मिलती है।”


 उदाहरण

मान लीजिए अलग-अलग देशों में एक ही बीमारी के लिए अलग-अलग घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं।

  • असली इलाज तो डॉक्टर की दवाई से ही होगा।

उसी प्रकार –

  • हर धर्म ने अपनी-अपनी परंपराएं बनाई हैं।

  • लेकिन आत्मा की शांति केवल ईश्वर की शक्ति से ही संभव है।


 निष्कर्ष

  1. श्राद्ध केवल हिंदुओं तक सीमित नहीं है।

  2. हर धर्म में मृत आत्माओं के लिए कोई न कोई रिवाज मौजूद है।

  3. आत्मा की सच्ची शांति किसी भी रीति-रिवाज से नहीं, बल्कि ईश्वर ज्ञान और योग से ही मिलती है।

    क्या श्राद्ध केवल हिंदुओं में ही प्रचलित है?


     प्रश्न 1:

    क्या श्राद्ध केवल हिंदुओं में ही प्रचलित है?

     उत्तर:

    आम धारणा यह है कि श्राद्ध केवल हिंदुओं में ही होता है।
    लेकिन ध्यान से देखें तो हर धर्म और संस्कृति में मृत आत्माओं के लिए कुछ ना कुछ कर्मकांड जरूर होते हैं।


     प्रश्न 2:

    अलग-अलग धर्मों में मृतकों के संस्कार कैसे किए जाते हैं?

     उत्तर:

    1. ईसाई धर्म

      • मास (Mass) और प्रेयर फॉर सोल।

      • मास के दो भाग:

        1. वचन की आराधना – प्रवचन, बाइबल से पढ़ना, भजन।

        2. प्रभु भोज की आराधना – यीशु मसीह की लास्ट सपर की स्मृति; ब्रेड और वाइन को शरीर और रक्त का प्रतीक मानकर ग्रहण।

      • उद्देश्य: गॉड की स्तुति, यीशु के बलिदान की स्मृति, आत्मिक शक्ति और भाईचारे की एकता।

    2. इस्लाम

      • फातिया पढ़ना और कब्र पर दुआ करना।

    3. बौद्ध और जैन धर्म

      • पिंडदान या दान देना।

    निष्कर्ष: मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए रीतियां लगभग हर धर्म में मौजूद हैं। केवल नाम और रीति-रिवाज अलग हैं।


     प्रश्न 3:

    बाबा का इस विषय पर क्या संदेश है?

     उत्तर:

    साकार मुरली – 20 सितंबर 2017

    “श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि सब भक्ति मार्ग की रीतियां हैं। उनसे आत्मा को शांति नहीं मिलती।”

    साकार मुरली – 22 सितंबर 2016

    “आत्मा को तृप्त करने वाला भोजन है – ईश्वर का ज्ञान और योग। वही सच्चा दान है। असली शांति आत्मा को किसी भी कर्मकांड से नहीं, बल्कि ईश्वर ज्ञान और योग बल से मिलती है।”


     प्रश्न 4:

    क्या उदाहरण के जरिए इसे समझाया जा सकता है?

     उत्तर:

    हाँ। मान लीजिए अलग-अलग देशों में एक ही बीमारी के लिए अलग-अलग घरेलू नुस्खे अपनाए जाते हैं।

    • असली इलाज तो डॉक्टर की दवाई से ही होगा।

    उसी प्रकार, हर धर्म ने अपनी-अपनी परंपराएं बनाई हैं।
    लेकिन आत्मा की शांति केवल ईश्वर की शक्ति से ही संभव है।


     प्रश्न 5:

    इससे क्या निष्कर्ष निकलता है?

     उत्तर:

    1. श्राद्ध केवल हिंदुओं तक सीमित नहीं है।

    2. हर धर्म में मृत आत्माओं के लिए कोई न कोई रिवाज मौजूद है।

    3. आत्मा की सच्ची शांति किसी भी रीति-रिवाज से नहीं, बल्कि ईश्वर ज्ञान और योग से ही मिलती है।                                                                                                                                    Disclaimer:यह वीडियो केवल आध्यात्मिक ज्ञान और मुरली में आए हुए ईश्वरीय संदेश पर आधारित है। इसका उद्देश्य किसी धर्म, परंपरा या रीति-रिवाज की आलोचना करना नहीं है। हम सभी मतों, परंपराओं और मान्यताओं का सम्मान करते हैं। यह वीडियो केवल आत्मा की शांति और सच्चे श्राद्ध के रहस्य को स्पष्ट करने के लिए है।                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         श्राद्ध, हिंदू परंपरा, मृत आत्माओं के लिए संस्कार, ईसाई धर्म, मास और प्रेयर, बाइबल आराधना, यीशु मसीह लास्ट सपर, इस्लाम, फातिया और दुआ, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, पिंडदान, दान देना, आत्मा की शांति, मुरली शिक्षा, साकार मुरली, ईश्वर ज्ञान, राजयोग योग, असली श्राद्ध, आध्यात्मिक शांति, कर्मकांड नहीं, सभी धर्मों में परंपरा,                                                                                                                                                                                                                                                                                      Shraddha, Hindu Tradition, Rites for Dead Souls, Christianity, Mass and Prayer, Bible Worship, Jesus Christ Last Supper, Islam, Fatiha and Dua, Buddhism, Jainism, Pinddaan, Giving Alms, Peace of Soul, Murli Shiksha, Sakar Murli, God’s Knowledge, Raja Yoga Yoga, Real Shraddha, Spiritual Peace, No Rituals, Tradition in all religions,

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