प्रत्यक्षता-पदम(135)योगी बच्चों को कोई सेक नहीं आ सकता
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
योगी बच्चों को कोई सेक नहीं आ सकता
आज संसार में चारों ओर विनाश की ज्वालाएँ धधक रही हैं। चारों ओर हलचल, आपदा और भय का वातावरण फैला हुआ है। लेकिन जैसा गायन है कि जब चारों ओर आग लगी हुई थी, तब भी भट्ठी में पड़े हुए पूंगरे—बिल्ली के छोटे बच्चे—बिल्कुल सुरक्षित रहे, उन्हें ज़रा भी गर्मी तक महसूस नहीं हुई। ठीक ऐसे ही, आप योगी बच्चे भी इस विनाश की ज्वालाओं से सुरक्षित रहेंगे।
नुकसान के बीच भी सुरक्षित रहेंगे
- भले ही आसपास के स्थानों पर भारी नुकसान हो।
- भले ही पानी, आग, तूफान, भूकंप जैसी आपदाएँ आ जाएँ। 3. लेकिन जो स्थान परमात्मा ने स्वयं सेफ बनाए हैं,वे सेफ ही रहेंगे –यदि ग़फलत नहीं की जाए।
नुकसान क्यों होता है?
अगर अभी तक कहीं कोई नुकसान हुआ है, तो उसका कारण सिर्फ़ बुद्धि की जजमेंट की कमज़ोरी है।
- यदि हमारी बुद्धि स्थिर, विशाल और दिव्य हो, तो हम परमात्मा की शक्ति से हर विपदा को टाल सकते हैं।
- जो आत्माएँ सर्व शक्तियों के वरदान प्राप्त करती हैं, वे कहीं भी रहें—उनका हर कष्ट सूल्ली से कांटा बन जाता है।
- वे किसी भी कठिन परिस्थिति में सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि उनके पास परमात्मा की शक्ति का कवच होगा।
शक्तियों का स्टॉक जमा करना ज़रूरी
कैसा भी समय आए, लेकिन यदि शक्तियों का स्टॉक जमा है, तो प्रकृति को दासी बनाने की शक्ति प्राप्त होगी।
- साधन स्वतः ही प्राप्त होंगे।
- परिस्थितियाँ आपके अनुकूल बन जाएँगी।
- समय के परिवर्तन में भी आपकी स्थिति अडोल और अचल बनी रहेगी।
समाप्ति संदेश
आप योगी आत्माएँ हो, परमात्मा के विशेष रत्न हो। यदि आप विशाल बुद्धि और सर्व शक्तियों से भरपूर हैं, तो कोई भी विपदा आपको छू भी नहीं सकती।
समय चाहे कैसा भी आए, लेकिन आप सुरक्षित रहेंगे, क्योंकि परमात्मा स्वयं आपकी रक्षा कर रहे हैं।
“योगी बच्चों को कोई सेक नहीं आ सकता– परमात्मा की छत्रछाया में रहो, सुरक्षित रहो!”