प्रत्यक्षता-पदम(150)”अब समय आया है परमात्म कार्य की प्रत्यक्षता का
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

अब समय आया है – परमात्म कार्य की प्रत्यक्षता का! 
प्रिय आत्माओं,
अभी तक दुनिया कहती आई है – “आप मेहनत बहुत अच्छी करते हो।”
“आपका कार्य बहुत अच्छा है।”
“आपका जीवन बहुत सुंदर है।”
लेकिन अब वह समय आया है जब यह प्रमाणित होगा कि यही जीवन संपूर्ण है, यही जीवन सम्पन्न है, यही कार्य परमात्म कार्य है!
अब यह लहर चारों ओर फैलेगी!
जब दुनिया स्वयं कहेगी – ‘हम भी अच्छा बनना चाहते हैं!’ 
जो अभी सिर्फ सराहना करते हैं, वे जल्द ही कहेंगे –
“हम भी ऐसा दिव्य जीवन चाहते हैं!”
और जैसे ही यह भावना जागेगी, वे प्रजा में आ जाएंगे।
पहले जन्म की प्रजा तैयार होगी, तो बाकी सब स्वाभाविक रूप से पीछे-पीछे आ जाएंगे।
यही यथार्थ परिवर्तन का संकेत है!
प्रत्यक्षता से स्वर्ग की स्थापना 
सभी में जो परिवर्तन का उमंग है, वही इस बात की पहचान देता है कि प्रत्यक्षता का समय बहुत निकट है।
पहले प्रत्यक्षता होगी, फिर इस सृष्टि पर स्वर्ग प्रख्यात होगा!
अब देखो, हर आत्मा अपने-अपने तरीके से प्रत्यक्षता ला रही है।
क्योंकि आत्माओं के अंदर यह संस्कार बहुत समय से संचित हो चुके हैं –
अब वे पूर्णता की ओर बढ़ते ही जा रहे हैं।
तीव्र पुरुषार्थियों का लक्ष्य – सम्पूर्णता! 
तीव्र पुरुषार्थी कभी विनाश की डेट के बारे में नहीं सोचते।
वे केवल संपूर्णता को धारण करते हैं।
वे जानते हैं कि अगर सम्पूर्णता के संस्कार धारण हो गए, तो अंत में सम्पूर्ण बनना ही है!
तो अब, हर आत्मा को यह संकल्प करना है – “मैं सम्पूर्णता की ओर बढ़ूंगा, और मेरे द्वारा ही स्वर्ग प्रख्यात होगा!”