Pratyakshata-padam(134)Now the drum of Pratyakshata is about to be sounded

प्रत्यक्षता-पदम(134)अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है!

अब वह समय समीप आ रहा है जब प्रत्यक्षता का नगाड़ा पूरी सृष्टि पर गूंजेगा। चारों ओर से एक ही आवाज़ सुनाई देगी

मिल गया! आ गया!” यह वह उद्घोष होगा, जब आत्माएँ सत्य को पहचान लेंगी और परमात्म ज्योति से स्वयं को जोड़ लेंगी।

प्रत्यक्षता का संकेत और आपकी भूमिका

  1. संसार में एक नया कंपन, एक नई अनुभूति जागृत होगी।
  2. सभी दिशाओं से एक ही संदेश आएगा अब सत्य प्रत्यक्ष हो गया है।
  3. जब आत्माएँकहेंगी, “मिल गया! गया!” तो यह प्रत्यक्षता की परम घोषणा होगी।

लेकिन इसके लिएआपको एक विशेषसेवा करनी हैवृत्ति द्वारा वृत्तियों को बदलने की सेवा।

वृत्ति परिवर्तन: सूक्ष्म सेवा का प्रभाव

जब आप अपनी वृत्ति को दिव्य बनाएंगे, तब स्वतः ही चारों ओर परिवर्तन की लहर दौड़ जाएगी।

  1. यह सेवा इतनी शक्तिशाली होगी कि कई आत्माएँ बिना कहे, बिना निर्देश के ही परिवर्तन का अनुभव करेंगी।
  2. यह सेवा आपकी आत्मा को भी कई कमजोरियों से पार कर देगी।
  3. जब इस सेवा में पूरी तरह व्यस्त हो जाएंगे, तो वायुमंडल इतना शक्तिशाली बनेगा कि कमजोरियाँ स्वतः ही स्पष्ट अनुभव होंगी और आत्माएँ शर्मशार होकर स्वयं को परिवर्तित कर लेंगी।

बोलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगीयह वह विधि है जिससे:

  1. आत्माएँ स्वयं अनुभव करेंगी कि परिवर्तन की घड़ी आ चुकी है।
  2. उन्हें कहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगीपरिस्थितियाँ और वातावरण उन्हें स्वयं जागृत कर देगा।
  3. यह विधि ऐसी है जिससे सर्व सिद्धियाँ प्राप्त हो जाएँगी।समाप्ति संदेश

अब समय बहुत निकट है। आपको सिर्फ अपनी वृत्ति की सेवा को तेज़ करना है, जिससे पूरे विश्व का वायुमंडल स्वच्छ और दिव्य बन सके। यह सूक्ष्म सेवा ही वह माध्यम बनेगी जिससे प्रत्यक्षता का नगाड़ा गूंजेगा और चारों ओर जयजयकार होगी।

 “अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है वृत्ति बदलो, संसार बदलेगा!”  

अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है!

प्रश्न 1: प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने का क्या अर्थ है?

उत्तर: प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने का अर्थ है कि अब सत्य संपूर्ण सृष्टि पर स्पष्ट रूप से गूंजेगा। आत्माएँ जागृत होकर यह अनुभव करेंगी कि उन्हें परमात्म ज्योति से जुड़ने का समय आ गया है। चारों ओर एक ही उद्घोष सुनाई देगा—”मिल गया! आ गया!”

प्रश्न 2: प्रत्यक्षता के संकेत क्या होंगे?

उत्तर: प्रत्यक्षता के कुछ प्रमुख संकेत होंगे:

  1. संसार में एक नया कंपन और नई अनुभूति जागृत होगी।

  2. सभी दिशाओं से यह संदेश आएगा कि सत्य अब प्रत्यक्ष हो गया है।

  3. आत्माएँ स्वयं अनुभव करेंगी कि परिवर्तन की घड़ी आ चुकी है।

प्रश्न 3: प्रत्यक्षता लाने के लिए हमें कौन-सी विशेष सेवा करनी होगी?

उत्तर: हमें वृत्ति द्वारा वृत्तियों को बदलने की सेवा करनी होगी। जब हमारी वृत्ति दिव्य बन जाएगी, तो चारों ओर परिवर्तन की लहर स्वतः दौड़ जाएगी, और आत्माएँ बिना कहे ही सत्य को पहचान लेंगी।

प्रश्न 4: वृत्ति परिवर्तन की सेवा का क्या प्रभाव होगा?

उत्तर:

  1. यह सेवा इतनी शक्तिशाली होगी कि आत्माएँ बिना किसी निर्देश के स्वयं परिवर्तन का अनुभव करेंगी।

  2. यह सेवा हमारी आत्मा को भी सभी कमजोरियों से पार करा देगी।

  3. इससे वायुमंडल इतना शक्तिशाली बनेगा कि आत्माओं को अपनी कमजोरियाँ स्पष्ट रूप से अनुभव होंगी और वे स्वयं को बदलने के लिए प्रेरित होंगी।

प्रश्न 5: इस सेवा में बोलने की आवश्यकता क्यों नहीं पड़ेगी?

उत्तर: यह सेवा वायुमंडल को इतना शक्तिशाली बना देगी कि आत्माएँ स्वयं अनुभव करेंगी कि परिवर्तन का समय आ गया है। परिस्थितियाँ और वातावरण उन्हें स्वतः जागृत कर देंगे।

प्रश्न 6: इस प्रक्रिया से हमें कौन-सी सिद्धियाँ प्राप्त होंगी?

उत्तर: इस विधि के माध्यम से हमें सर्व सिद्धियाँ प्राप्त होंगी, जैसे—शांति, शक्ति, पवित्रता, दिव्यता, और सत्य का प्रत्यक्ष अनुभव।

प्रश्न 7: इस समय हमारी मुख्य जिम्मेदारी क्या है?

उत्तर: अब समय बहुत निकट है, इसलिए हमें अपनी वृत्ति की सेवा को और अधिक तेज़ करना है, ताकि पूरे विश्व का वायुमंडल स्वच्छ और दिव्य बन सके। यही सूक्ष्म सेवा प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजाने का माध्यम बनेगी।

“अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है – वृत्ति बदलो, संसार बदलेगा!”

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