प्रत्यक्षता-पदम(134)अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है!
अब वह समय समीप आ रहा है जब प्रत्यक्षता का नगाड़ा पूरी सृष्टि पर गूंजेगा। चारों ओर से एक ही आवाज़ सुनाई देगी –
“मिल गया! आ गया!” यह वह उद्घोष होगा, जब आत्माएँ सत्य को पहचान लेंगी और परमात्म ज्योति से स्वयं को जोड़ लेंगी।
प्रत्यक्षता का संकेत और आपकी भूमिका
- संसार में एक नया कंपन, एक नई अनुभूति जागृत होगी।
- सभी दिशाओं से एक ही संदेश आएगा – अब सत्य प्रत्यक्ष हो गया है।
- जब आत्माएँकहेंगी, “मिल गया! आ गया!” तो यह प्रत्यक्षता की परम घोषणा होगी।
लेकिन इसके लिएआप–को एक विशेषसेवा कर–नी है– वृत्ति द्वारा वृत्तियों को बदलने की सेवा।
वृत्ति परिवर्तन: सूक्ष्म सेवा का प्रभाव
जब आप अपनी वृत्ति को दिव्य बनाएंगे, तब स्वतः ही चारों ओर परिवर्तन की लहर दौड़ जाएगी।
- यह सेवा इतनी शक्तिशाली होगी कि कई आत्माएँ बिना कहे, बिना निर्देश के ही परिवर्तन का अनुभव करेंगी।
- यह सेवा आपकी आत्मा को भी कई कमजोरियों से पार कर देगी।
- जब इस सेवा में पूरी तरह व्यस्त हो जाएंगे, तो वायुमंडल इतना शक्तिशाली बनेगा कि कमजोरियाँ स्वतः ही स्पष्ट अनुभव होंगी और आत्माएँ शर्मशार होकर स्वयं को परिवर्तित कर लेंगी।
बोलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगीयह वह विधि है जिससे:
- आत्माएँ स्वयं अनुभव करेंगी कि परिवर्तन की घड़ी आ चुकी है।
- उन्हें कहने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी—परिस्थितियाँ और वातावरण उन्हें स्वयं जागृत कर देगा।
- यह विधि ऐसी है जिससे सर्व सिद्धियाँ प्राप्त हो जाएँगी।समाप्ति संदेश
अब समय बहुत निकट है। आपको सिर्फ अपनी वृत्ति की सेवा को तेज़ करना है, जिससे पूरे विश्व का वायुमंडल स्वच्छ और दिव्य बन सके। यह सूक्ष्म सेवा ही वह माध्यम बनेगी जिससे प्रत्यक्षता का नगाड़ा गूंजेगा और चारों ओर जयजयकार होगी।
“अब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजने वाला है – वृत्ति बदलो, संसार बदलेगा!”