प्रत्यक्षता-पदम(137)बनी-बनाई स्टेज पर सेवा का निमंत्रण
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
बनी-बनाई स्टेज पर सेवा का निमंत्रण
आपकी ऊँची स्टेज ही सेवा का निमन्त्रण दिलाएगी
आज हम सभी अपनी तन-मन-धन की मेहनत से परमात्म सेवा में रत हैं। हम कार्यक्रम बनाते हैं, स्टेज तैयार करते हैं, निमंत्रण पत्र छपवाते हैं, विशिष्ट व्यक्तियों को बुलाते हैं, और संचार माध्यमों को सहयोगी बनाते हैं। यह सब इस दिव्य कार्य के लिए है, लेकिन आगे चलकर एक अद्भुत परिवर्तन होने वाला है।
आप स्वयं बनेंगे वी.वी.आई.पी.
वह समय आएगा जब आपको किसी को बुलाने की आवश्यकता नहीं होगी। आज जिनको आप निमंत्रण देते हैं, वे स्वयं आपको बुलाएँगे। आपको सम्मानपूर्वक बनी-बनाई स्टेज पर निमंत्रण दिया जाएगा।
- तन-मन-धन से सेवा की स्वयं ऑफ़र आएगी।
- लोग रिक्वेस्ट करेंगे कि आप आएँ और उन्हें शांति का संदेश दें।
iii. आपकी उपस्थिति ही दिव्यता का प्रमाण होगी।
प्रत्यक्षता की आवाज़ गूंजेगी
जब यह समय आएगा, तो परमात्मा की प्रत्यक्षता की आवाज़ स्वचालित रूप से बुलंद होगी। लोग समझेंगे कि यही वे विशेष आत्माएँ हैं, जो सत्य के धारक और ज्ञान के प्रकाश स्तंभ हैं।
- सभी का ध्यान बाप की ओर आकर्षित होगा।
- चारों ओर जयजयकार के घंटे बजेंगे।
iii. सत्य और ज्ञान की रोशनी से संसार प्रकाशित होगा।
पश्चाताप और परिवर्तन का समय
प्रत्यक्षता के बाद अनेक आत्माएँ पश्चाताप करेंगी कि उन्होंने इस सत्य को पहले क्यों नहीं अपनाया। लेकिन बच्चों का पश्चाताप बाप देख नहीं सकते, इसलिए परिवर्तन की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी। यह ड्रामा का सूक्ष्म रहस्य है।
विश्व की स्टेज पर जयजयकार
आपकी ऊँची स्टेज ही सेवा की विश्व-स्तरीय स्टेज का निमंत्रण दिलाएगी। जब यह समय आएगा, तो आप बेहद विश्व की स्टेज पर जयजयकार का महान पार्ट निभाएँगे। यह आपकी आत्मिक स्थिति और परमात्म संबंध की प्रमाणिकता को सिद्ध करेगा।
समाप्ति संदेश
आज हम परिश्रम कर रहे हैं, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब सम्मान और निमंत्रण हमें स्वयं मिलेगा। अब हमें अपने स्व-उन्नयन और परमात्म याद को और सशक्त बनाना है ताकि यह दिव्य समय शीघ्रता से आये।
“आपकीऊँची स्थिति ही सेवा का निमंत्रण दिला–एगी– विश्व की स्टेज पर जयजयकार होगी!”
बनी-बनाई स्टेज पर सेवा का निमंत्रण – प्रश्नोत्तर
1.प्रश्न भविष्य में सेवा का स्वरूप कैसे बदलेगा?
उत्तर: भविष्य में सेवा का स्वरूप ऐसा होगा कि हमें किसी को बुलाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि लोग स्वयं हमें निमंत्रण देंगे और हमारी उपस्थिति ही दिव्यता का प्रमाण बनेगी।
2.प्रश्न कौन-सा परिवर्तन आने वाला है जिससे सेवा का तरीका बदलेगा?
उत्तर: वर्तमान में हम तन-मन-धन से सेवा के लिए परिश्रम कर रहे हैं, लेकिन आने वाले समय में हमें सम्मानपूर्वक बनी-बनाई स्टेज पर निमंत्रण दिया जाएगा, और लोग स्वयं हमें शांति और ज्ञान का संदेश देने के लिए बुलाएँगे।
3.प्रश्न इस बदलाव के पीछे का आध्यात्मिक रहस्य क्या है?
उत्तर: यह परिवर्तन परमात्म प्रत्यक्षता का परिणाम होगा, जब लोग समझेंगे कि यही वे विशेष आत्माएँ हैं जो सत्य के धारक और ज्ञान के प्रकाश स्तंभ हैं। सभी का ध्यान परमात्मा की ओर आकर्षित होगा, और सत्य की रोशनी से संसार प्रकाशित होगा।
4.प्रश्न प्रत्यक्षता के समय कैसी ध्वनि गूँजेगी?
उत्तर: प्रत्यक्षता के समय चारों ओर जयजयकार होगी, बाप की महिमा स्वतः गूँजेगी, और सभी सत्य को स्वीकार करेंगे।
5.प्रश्न प्रत्यक्षता के बाद लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होगी?
उत्तर: अनेक आत्माएँ पश्चाताप करेंगी कि उन्होंने पहले सत्य को क्यों नहीं अपनाया, लेकिन परमात्मा अपने बच्चों का पश्चाताप नहीं देख सकते, इसलिए परिवर्तन की प्रक्रिया तेज़ हो जाएगी।
6.प्रश्न इस परिवर्तन के बाद सेवाधारी आत्माओं की भूमिका क्या होगी?
उत्तर: सेवाधारी आत्माएँ विश्व की स्टेज पर जयजयकार का महान पार्ट निभाएँगी, जिससे उनकी आत्मिक स्थिति और परमात्म संबंध की प्रमाणिकता सिद्ध होगी।
7.प्रश्न आज हमें अपनी आत्मिक स्थिति को क्यों ऊँचा बनाना चाहिए?
उत्तर: हमारी ऊँची आत्मिक स्थिति ही हमें विश्व-स्तरीय सेवा का निमंत्रण दिलाएगी। जितना हम स्वयं को परमात्म याद से भरपूर बनाएँगे, उतना ही शीघ्र यह दिव्य समय आएगा।
“आपकी ऊँची स्थिति ही सेवा का निमंत्रण दिलाएगी – विश्व की स्टेज पर जयजयकार होगी!”
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