प्रत्यक्षता-पदम(146)अब संकल्प से होगा भाग्य का निर्धारण
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
अब संकल्प से होगा भाग्य का निर्धारण
अब संकल्प का बटन दबते ही होगा भाग्य का निर्धारण
जैसे विनाश की सारी सामग्री केवल एक बटन दबाने भर की देर पर तैयार खड़ी है, वैसे ही स्थापना की तैयारी भी इतनी सशक्त होनी चाहिए कि जो भी आत्मा आए, वह सेकंड में अपनी प्राप्ति का अनुभव कर सके। अब वह समय आ रहा है जब केवल संकल्प का बटन दबाना पड़ेगा और आत्माओं के भाग्य की स्टैम्प स्वतः लगती जाएगी।
स्थापना की तीव्र गति संकल्प ही निर्णायक
- जिस तरह विनाश के लिए तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी हैं, उसी तरह स्थापना भी सेकंड में सम्पूर्णता तक पहुँचे। 2. आने वाली आत्माओं को लंबी साधना की जरूरत न पड़े, बल्कि संकल्प की शक्ति से तुरंत ही उनकी स्थिति स्पष्ट हो जाए।
- जो आत्मा जिसश्रेणी की पात्रता रखती है, उसे उसी समय उसकी प्राप्ति का अनुभव हो।
संकल्प का बटन दबाओ और स्टैम्प लगती जाए
- एक संकल्प से ही यह तय हो जाए कि यह आत्मा किस पद की अधिकारी है।
- सेकंड में स्पष्ट हो जाए कि यह आत्मा राजा बनने वाली है, प्रजा बनने वाली है, या सेवाधारी बनने वाली है।
- जैसे आज के समयमें विज्ञान की तीव्रता एक बटन से विनाश कर सकतीहै,वैसे हीआत्मि–क विज्ञान सेएकसंकल्प से भाग्य तय होगा।
अब तैयारी करो संकल्पों को इतना सशक्त बनाओ
- अब हर आत्मा को संकल्पों के द्वारा भाग्य का अनुभव कराने की शक्ति विकसित करनी होगी। 2. संकल्पों की इतनी तीव्रता हो कि सेकंड में आत्मा को उसकी स्थिति का साक्षात्कार हो जाए।
- अब स्थापना की तैयारी में पूर्णता लानी है ताकि संकल्प ही अंतिम निर्णय करने का माध्यम बन जाए।
समाप्ति संदेश
अब विनाश और स्थापना की तैयारियाँ समान रूप से चल रही हैं। जिस तरह विनाश के लिए सब कुछ तैयार है, वैसे ही हमें स्थापना के लिए अपनी आत्मिक स्थिति इतनी ऊँची बनानी होगी कि सेकंड में संकल्प से भाग्य निर्धारित हो जाए।
“अब संकल्प का बटन दबते ही आत्माओं का भाग्य तय होगा!”
अब संकल्प से होगा भाग्य का निर्धारण
संकल्प का बटन दबते ही होगा भाग्य तय
प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: आत्माओं के भाग्य निर्धारण में संकल्प की क्या भूमिका होगी?
उत्तर: जैसे विनाश के लिए केवल एक बटन दबाने की आवश्यकता होती है, वैसे ही आत्माओं के भाग्य निर्धारण के लिए अब संकल्प ही निर्णायक होगा। जो भी आत्मा आएगी, उसे संकल्प मात्र से उसकी प्राप्ति और स्थिति का अनुभव हो जाएगा।
प्रश्न 2: संकल्प की शक्ति से आत्माओं को क्या अनुभव होगा?
उत्तर: आत्माएँ लंबी साधना के बिना ही संकल्प की तीव्रता से अपनी स्थिति को स्पष्ट रूप से देख सकेंगी। उन्हें सेकंड में अनुभव होगा कि वे राजा बनने वाली हैं, प्रजा बनेंगी या सेवाधारी होंगी।
प्रश्न 3: आत्माओं के भाग्य की स्टैम्प कैसे लगेगी?
उत्तर: जैसे विज्ञान की शक्ति से विनाश एक बटन दबाने पर हो सकता है, वैसे ही आत्म-विज्ञान की शक्ति से एक संकल्प से आत्मा के भाग्य की स्टैम्प लग जाएगी। उनकी पात्रता के अनुसार उन्हें उनकी स्थिति का साक्षात्कार हो जाएगा।
प्रश्न 4: स्थापना की तीव्र गति के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: स्थापना की तैयारी इतनी तीव्र होनी चाहिए कि आत्माएँ बिना अधिक प्रयास के अपनी स्थिति को समझ सकें। आत्माओं को अनुभूति दिलाने के लिए संकल्प शक्ति को सशक्त बनाना आवश्यक है।
प्रश्न 5: भाग्य निर्धारण के लिए आत्माओं को कौन-सी तैयारी करनी होगी?
उत्तर: आत्माओं को अपनी संकल्प शक्ति को इतना तीव्र और सशक्त बनाना होगा कि सेकंड में किसी भी आत्मा को उसके भाग्य का अनुभव हो सके। यह शक्ति आत्मिक स्थिति की ऊँचाई से प्राप्त होगी।
प्रश्न 6: संकल्पों की सिद्धि के लिए कौन-सा अभ्यास आवश्यक है?
उत्तर: निरंतर आत्मा को अपने संकल्पों को शुद्ध, सशक्त और स्थिर बनाने का अभ्यास करना होगा। जब संकल्प की शक्ति तीव्र होगी, तभी वह भाग्य निर्धारण का माध्यम बन सकेगी।
प्रश्न 7: स्थापना की पूर्णता किस तरह प्राप्त होगी?
उत्तर: जब संकल्पों के द्वारा आत्माएँ अपने भाग्य का अनुभव करने लगेंगी, तब स्थापना की पूर्णता सिद्ध होगी। इसके लिए आत्माओं को अपनी आत्मिक स्थिति को सर्वोच्च बनाना होगा।
समाप्ति संदेश:
अब विनाश और स्थापना की तैयारियाँ साथ-साथ चल रही हैं। इसलिए हमें अपनी आत्मिक स्थिति को इतनी ऊँची बनाना है कि केवल संकल्प से ही भाग्य का निर्धारण हो सके।
“अब संकल्प का बटन दबते ही आत्माओं का भाग्य तय होगा!”
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