प्रत्यक्षता-पदम(139)अब शुद्ध संकल्प और विशेष प्लान सेवा का नाम रोशन करेंगे
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
अब शुद्ध संकल्प और विशेष प्लान सेवा का नाम रोशन करेंगे
अब वह समय आ रहा है जब शुद्ध संकल्पों की शक्ति और विशेष प्लानिंग का प्रभाव चारों ओर गूंजेगा। ब्राह्मण आत्माओं के एकजुट संकल्प ही सेवा को ऊँचाई तक पहुँचाएँगे और पूरे विश्व में दिव्य चेतना का जागरण होगा।
विशेष आत्माओं तक संदेश पहुँचाना अनिवार्य
- जितनी जल्दी विशेष आत्माओं को परमात्म संदेश से जोड़ेंगे, उतनी ही जल्दी आवाज़ बुलंद होगी।
- अब सेवा को और तीव्र करने की आवश्यकता है ताकि भारत में भी इस परम संदेश की गूँज उठे।
- जब भारत में यह आवाज़ निकलेगी, तब समझो सेवा की समाप्ति का समय निकट है।
सेवा की गूँज और परिस्थितियों का मेल
एक तरफ – परमात्म संदेश की आवाज़ बुलंद होगी।
दूसरी तरफ – परिस्थितियाँ बिगड़ती जाएँगी।
इन दोनों का मेल एक महत्वपूर्ण संकेत होगा कि अब परिवर्तन का समय आ चुका है।
जैसे विदेशों में विनाश के साधन तैयार हो रहे हैं…
- वैसे ही स्थापना के निमित्त भी शक्तिशाली योजनाएँ बन रही हैं।
- विज्ञान विनाश के लिए अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा है, तो आत्मिक विज्ञान भी अपने चरम पर पहुँचेगा।
- जब आत्माएँ सच्चे संदेश को पहचान लेंगी, तब यह परिवर्तन बहुत तीव्र गति से होगा।
स्थापना का कार्य अभी अधूरा है, इसलिए विनाश रुका हुआ है
- जब तक यह परमात्म संदेश हर आत्मा तक नहीं पहुँचता, तब तक विनाश की प्रक्रिया थमी हुई है।
- स्थापना का कार्य जितना तेज़ होगा, उतनी ही जल्दी अंतिम समय निकट आएगा।
- यह सेवा और विनाश साथ-साथ चलने वाले हैं—सेवा पूर्ण होगी, तभी विनाश अपने अंतिम स्वरूप में आएगा।
समाप्ति संदेश
अब शुद्ध संकल्प, विशेष आत्माओं का सहयोग और सशक्त प्लानिंग ही सेवा को पूर्णता तक पहुँचाएँगे। इसलिए अब समय की गति को पहचानो और तीव्र सेवा में जुट जाओ!
“शुद्ध संकल्पों और सेवा की बुलंद आवाज़ से होगा प्रत्यक्षता का आरंभ!”
अब शुद्ध संकल्प और विशेष प्लान सेवा का नाम रोशन करेंगे
प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न 1: शुद्ध संकल्पों की शक्ति सेवा को कैसे ऊँचाई तक पहुँचा सकती है?
उत्तर: जब ब्राह्मण आत्माएँ एकजुट होकर शुद्ध संकल्पों के माध्यम से सेवा करेंगी, तो इसका प्रभाव पूरे विश्व में दिव्य चेतना के रूप में गूँजेगा। इससे सेवा तीव्र होगी और अधिक आत्माएँ परमात्म संदेश से जुड़ेंगी।
प्रश्न 2: विशेष आत्माओं तक परमात्म संदेश पहुँचाना क्यों अनिवार्य है?
उत्तर: विशेष आत्माएँ समाज में प्रभावशाली होती हैं, और जब वे परमात्म संदेश को स्वीकार करेंगी, तो यह संदेश और तेजी से फैलेगा। जितनी जल्दी यह आत्माएँ जुड़ेंगी, उतनी जल्दी परमात्म ज्ञान की आवाज़ पूरे विश्व में गूँजेगी।
प्रश्न 3: सेवा की गूँज और बिगड़ती परिस्थितियाँ किस महत्वपूर्ण संकेत को दर्शाती हैं?
उत्तर: जैसे-जैसे परमात्म संदेश की गूँज तेज़ होगी, वैसे-वैसे दुनिया की परिस्थितियाँ भी अधिक अस्थिर होती जाएँगी। यह संकेत देगा कि परिवर्तन का समय आ चुका है और अब दिव्य सेवा के अंतिम चरण की तैयारी करनी होगी।
प्रश्न 4: विज्ञान और आत्मिक विज्ञान की चरम स्थिति का क्या संकेत है?
उत्तर: विज्ञान विनाश के लिए अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा है, जबकि आत्मिक विज्ञान आत्माओं के उत्थान के लिए तीव्र हो रहा है। जब आत्माएँ परम सत्य को पहचान लेंगी, तब यह परिवर्तन बहुत तेज़ गति से होगा।
प्रश्न 5: विनाश की प्रक्रिया रुकी हुई क्यों है?
उत्तर: जब तक परमात्म संदेश हर आत्मा तक नहीं पहुँचता और आत्मिक जागृति पूरी नहीं होती, तब तक विनाश रुका रहेगा। सेवा और विनाश एक साथ चलते हैं—जैसे ही सेवा पूर्ण होगी, विनाश अपने अंतिम स्वरूप में प्रकट होगा।
प्रश्न 6: सेवा को तीव्र और प्रभावशाली बनाने के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर: सेवा को तीव्र करने के लिए हमें शुद्ध संकल्पों को सशक्त बनाना, विशेष आत्माओं का सहयोग प्राप्त करना और सुनियोजित प्लानिंग के साथ परमात्म संदेश को अधिक से अधिक आत्माओं तक पहुँचाना आवश्यक है।
प्रश्न 7: अब हमें सेवा के लिए क्या संकल्प लेने चाहिए?
उत्तर: हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि अपनी आत्मिक स्थिति को सशक्त बनाएँगे, हर आत्मा तक परमात्म संदेश पहुँचाने का संकल्प लेंगे, और सेवा के प्रति पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ेंगे।
समाप्ति संदेश
अब शुद्ध संकल्प, विशेष आत्माओं का सहयोग और सशक्त प्लानिंग ही सेवा को पूर्णता तक पहुँचाएँगे। इसलिए अब समय की गति को पहचानो और तीव्र सेवा में जुट जाओ!
“शुद्ध संकल्पों और सेवा की बुलंद आवाज़ से होगा प्रत्यक्षता का आरंभ!”