Skip to content
brahmakumarisbkomshanti

brahmakumarisbkomshanti

Welcome to The Home of Godly Knowledge

  • HOME
  • RAJYOGA
  • LITRATURE
  • INDIAN FESTIVALS
  • CONTACT US
  • DISCLAMER
  • Home
  • Rajyoga
  • Sahaja Raja Yoga Course
  • Sahaja Raja Yoga Course 13 days Brahma Kumaris.

Sahaja Raja Yoga Course 13 days Brahma Kumaris.

July 13, 2025omshantibk07@gmail.com

सहज राजयोग कोर्स 13 दिवस ब्रह्मा कुमारीज|

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

YouTube player

कैसे जोड़ें आत्मा का सच्चा संबंध परमात्मा से? | सहज राजयोग का गहन रहस्य | 


 प्रस्तावना: आत्मा और परमात्मा का सही परिचय

हम आज ब्रह्मा कुमारी सहज राजयोग के 13वें दिन के पाठ में प्रवेश कर चुके हैं।
अब तक हमने आत्मा और परमात्मा के बारे में जाना।
कल हमने परमात्मा का संपूर्ण परिचय लिया क्योंकि योग की सफलता का प्रथम आधार है – परमात्मा का परिचय।
इसी से हमें गुण और शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।


 आत्मा का परिचय – मैं कौन हूं?

हमने समझ लिया है कि – मैं आत्मा हूं, यह शरीर नहीं।
जब हम हर एक को आत्मा समझकर देखना प्रारंभ कर देते हैं, तभी समझो हमें आत्मा की स्मृति आ गई है।
यही है पहला स्टेप संबंध जोड़ने का।


 एक आध्यात्मिक उदाहरण – तार, रबर और करंट

  • परमात्मा अशरीरी हैं, उनके पास शरीर नहीं है।

  • हमारी आत्मा शरीर में है – यानी एक रबड़ चढ़ा हुआ तार।

  • जब तक यह रबड़ (शरीर की स्मृति) नहीं हटेगा, परमात्मा की शक्ति (करंट) हम तक नहीं पहुँचेगी।


 संबंध जोड़ने की विधि

  • तार को जब परमात्मा से जोड़ते हैं, पर बार-बार हटाते हैं – तो करंट रुक जाता है।

  • स्थायी संबंध बनाने के लिए हमें तार को मजबूती से जोड़ना है – यानी लगातार याद और पालन।


 श्रीमत पर चलना ही सच्चा संबंध

बाबा कहते हैं – “बच्चे, मुझे तुम्हारी जरूरत नहीं, तुम्हें मेरी जरूरत है।”
हमें उनकी उंगली थामनी है – यानी उनका कहना मानना है।


 सभी संबंधों का अनुभव परमात्मा से

परमात्मा कहते हैं –
“बच्चे, अगर तुम्हें माँ चाहिए, बाप चाहिए, भाई, पति, पत्नी, बेटा – जो भी चाहिए, मेरे पास आ जाओ।”
सब संबंध निभाने वाला परमात्मा एक ही है।


 झूठे संबंध बनाम सच्चा संबंध

हमने 63 जन्मों तक अनेक संबंध निभाए, पर वे सभी हिसाब–किताब के संबंध थे।
वे सिर्फ कर्ज चुकाने और लेने वाले थे।
पर अब समय है – परमात्मा से सच्चा, रूहानी संबंध निभाने का।


 समाधान कहाँ मिलेगा? – सिर्फ मुरली में

कोई भी समस्या हो, कोई भी संबंध का उलझाव हो – बाबा की मुरली उठाओ।
मुरली में हर समाधान है।
यदि आपने ध्यान से मुरली सुनी है, तो जवाब बिना मुरली पढ़े भी मिल सकता है।


 संबंध निभाने की नई दृष्टि – आत्मा से आत्मा

अब न पति-पत्नी की पुरानी दृष्टि, न घर के रिश्तों की देह-अधारित दृष्टि।
हर आत्मा को आत्मा समझकर देखना और उनके साथ रूहानी संबंध निभाना ही सच्चा सेवा है।


 सेवा का सही तरीका – परमात्मा से मिला दो

अगर किसी को सुख देना है, शक्ति देना है, समाधान देना है –
तो आप स्वयं मत दो, उसे परमात्मा से मिला दो।
परमात्मा ही शांति, ज्ञान, प्रेम, सकाश, सबकुछ देने वाले हैं।


 राजयोग का गूढ़ रहस्य – क्या मिलेगा इस योग से?

हम यह सब इसलिए कर रहे हैं ताकि हम –

  • सातों गुण

  • आठों शक्तियाँ
    परमात्मा से प्राप्त कर सकें।

परंतु ध्यान रहे – लेना हमें खुद ही है।
कोई और हमारी जगह नहीं ले सकता।


 निष्कर्ष – अकर्म का खाता बनाओ

यदि आप किसी आत्मा के साथ सतोप्रधान कर्मों का खाता बना देंगे,
तो वह आत्मा स्वतः उस स्तर पर पहुँच जाएगी –
क्योंकि वह कर्म उसे वापस करना होगा।

कैसे जोड़ें आत्मा का सच्चा संबंध परमात्मा से? | सहज राजयोग का गहन रहस्य


प्रश्न 1: सहज राजयोग में परमात्मा का परिचय क्यों सबसे पहली आवश्यकता है?

उत्तर:क्योंकि योग का अर्थ ही है – आत्मा और परमात्मा का संबंध जोड़ना।
जब तक हमें परमात्मा का सही परिचय नहीं होगा, हम उनसे शक्ति और गुण नहीं ले सकते।
यही संबंध हमारे योग की सफलता का आधार है।


प्रश्न 2: आत्मा का सच्चा परिचय क्या है और कैसे स्मृति में लाया जाए?

उत्तर:आत्मा एक अविनाशी ज्योति स्वरूप शक्ति है, जो शरीर को चला रही है।
स्मृति में लाने का तरीका है – हर दिन बार-बार स्वयं को आत्मा समझना और दूसरों को भी आत्मा के रूप में देखना।
जब हमें हर किसी में आत्मा दिखने लगे, तब समझो स्मृति पक्की हो रही है।


प्रश्न 3: रबड़ और करंट वाला आध्यात्मिक उदाहरण क्या सिखाता है?

उत्तर:परमात्मा के पास शरीर नहीं, वे शुद्ध शक्ति हैं।
हम आत्माएं शरीरधारी हैं, जैसे रबड़ चढ़ी हुई तार।
जब तक ‘मैं शरीर हूं’ की देह–स्मृति रूपी रबड़ नहीं हटेगी, तब तक परमात्मा से शक्ति नहीं मिलेगी।


प्रश्न 4: आत्मा–परमात्मा का संबंध कैसे स्थायी बनाया जा सकता है?

उत्तर:रोज़ाना स्मृति और अभ्यास से संबंध को मजबूत बनाना है।
जैसे तार को मजबूती से जोड़ना पड़ता है वैसे ही परमात्मा से कनेक्शन तब बनेगा जब हम श्रीमत पर नियमित चलेंगे और उनके साथ मन-बुद्धि को जोड़कर रखेंगे।


प्रश्न 5: श्रीमत का पालन क्यों आवश्यक है?

उत्तर:क्योंकि श्रीमत ही वह मार्ग है जिससे हम आत्मा का रबड़ उतार सकते हैं और सच्चा संबंध जोड़ सकते हैं।
बाबा कहते हैं – “मुझे तुम्हारी नहीं, तुम्हें मेरी ज़रूरत है।”
हमें उनकी उंगली पकड़नी है, यानी उनका मार्गदर्शन स्वीकार करना है।


प्रश्न 6: परमात्मा सभी संबंधों का अनुभव कैसे देते हैं?

उत्तर:परमात्मा एक ऐसे अविनाशी स्त्रोत हैं जो माँ, बाप, मित्र, साथी, गुरु – सभी संबंधों का अनुभव दे सकते हैं।
वे कहते हैं – “जो भी चाहिए, मेरे पास आ जाओ।”


प्रश्न 7: झूठे और सच्चे संबंधों में क्या अंतर है?

उत्तर:देहाधारित संबंध सिर्फ हिसाब–किताब और कर्म बंधन हैं।
जबकि परमात्मा से जुड़ा संबंध रूहानी और सदा रहने वाला है।
अब हमें उन्हीं से जुड़ना है क्योंकि वही हमें शक्तिशाली बना सकते हैं।


प्रश्न 8: समस्याओं का समाधान कहाँ मिलेगा?

उत्तर:हर प्रश्न का उत्तर और हर उलझाव का समाधान साकार मुरली में मिलेगा।
अगर मुरली को नियमित और ध्यान से सुनते हैं, तो उत्तर सहज ही मिलते हैं – कभी मन में, कभी संकल्पों में।


प्रश्न 9: रूहानी संबंध निभाने की नई दृष्टि क्या है?

उत्तर:हर आत्मा को आत्मा समझकर देखना और व्यवहार करना।
अब देह की दृष्टि से नहीं, आत्मा की दृष्टि से रिश्ते निभाने हैं – यही सेवा है और यही सच्चा योग है।


प्रश्न 10: सेवा का सही तरीका क्या है?

उत्तर:यदि आप किसी को शांति, शक्ति या समाधान देना चाहते हैं –
तो स्वयं देने की बजाय उन्हें परमात्मा से मिला दो।
परमात्मा ही सब देने वाले हैं, हम सिर्फ माध्यम हैं।


प्रश्न 11: सहज राजयोग से हमें क्या प्राप्त होता है?

उत्तर:राजयोग से हमें सातों आत्मिक गुण और आठों शक्तियाँ प्राप्त होती हैं –
जैसे शांति, प्रेम, आनंद, शक्ति, सहनशक्ति, निर्णयशक्ति आदि।
पर यह तभी मिलेगा जब हम स्वयं अभ्यास करें। कोई और हमारी जगह नहीं कर सकता।


प्रश्न 12: अकर्म का खाता कैसे बनता है?

उत्तर:जब हम किसी आत्मा से निष्कलंक, सतोप्रधान, रूहानी व्यवहार करते हैं –
तो उस आत्मा के साथ अकर्म (pure karma) का खाता बनता है।
यह उसे भी ऊंचा बनाने में मदद करता है और हमें भी पुण्य की शक्ति मिलती है।

सहज राजयोग, आत्मा परमात्मा का संबंध, ब्रह्मा कुमारी राजयोग, आत्मा का परिचय, परमात्मा का परिचय, श्रीमत क्या है, ब्रह्माकुमारी हिंदी स्पीच, योग कैसे करें, आत्मा परमात्मा मिलन, रूहानी संबंध, राजयोग चिकित्सा विद्या, आध्यात्मिक ज्ञान, मुरली से समाधान, ब्रह्मा बाबा की शिक्षा, शक्ति कैसे प्राप्त करें, ब्रह्माकुमारी प्रवचन, आत्मा की स्मृति, परमात्मा से संबंध, सत्य योग, योग की सफलता, शक्तिशाली आत्मा कैसे रची, आध्यात्मिक जीवन, अकर्म खाता, मुरली ज्ञान, ब्रह्मा कुमारी हिंदी, बीके शिवानी, बीके भाषण हिंदी में,

Sahaj Rajyoga, relationship between soul and god, Brahma Kumari Rajyoga, introduction to soul, introduction to god, what is shrimat, Brahma Kumari Hindi speech, how to do yoga, soul and god meeting, spiritual relationship, Rajyoga meditation, spiritual knowledge, solution from murli, Brahma Baba’s teachings, how to get power, Brahma Kumari discourse, memory of soul, connection with god, true yoga, success of yoga, how to become a powerful soul, spiritual life, account of inaction, murli knowledge, Brahma Kumaris Hindi, BK Shivani, BK speech in Hindi,

Sahaja Raja Yoga Course Tagged #Spiritual knowledge, account of inaction, BK Shivani, BK Speech in Hindi, Brahma Baba’s teachings, Brahma Kumari discourse, Brahma Kumari Hindi speech, Brahma Kumari Rajyoga, Brahma Kumaris Hindi, connection with God, how to become a powerful soul, how to do yoga, how to get power, introduction to God, introduction to soul, memory of soul, Murli knowledge, Rajyoga meditation, Relationship between Soul and God, Sahaj Rajyoga, solution from murli, soul and god meeting, Spiritual life, spiritual relationship, success of yoga, True Yoga, what is shrimat, अकर्म खाता, आत्मा का परिचय., आत्मा की स्मृति, आत्मा परमात्मा का संबंध, आत्मा-परमात्मा मिलन, आध्यात्मिक जीवन, आध्यात्मिक ज्ञान, परमात्मा का परिचय, परमात्मा से संबंध, बीके भाषण हिंदी में, बीके शिवानी, ब्रह्मा कुमारी राजयोग, ब्रह्मा कुमारी हिंदी, ब्रह्मा बाबा की शिक्षा, ब्रह्माकुमारी प्रवचन, ब्रह्माकुमारी हिंदी स्पीच, मुरली ज्ञान, मुरली से समाधान, योग की सफलता, योग कैसे करें, राजयोग चिकित्सा विद्या, रूहानी संबंध, शक्ति कैसे प्राप्त करें, शक्तिशाली आत्मा कैसे रची, श्रीमत क्या है, सत्य योग, सहज राजयोग

Post navigation

Sahaja Raja Yoga Course 12 Days Brahma Kumaris
Sahaja Raja Yoga Course 14 Days Brahma Kumaris

Related Posts

Sahaja Raja Yoga Course 07 Day

सहज राजयोग कोर्स 07 दिवस ब्रह्मा कुमारीज ( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) “सिर्फ एक ही है सच्चा…

Sahaja Raja Yoga Course 02 Days

सहज राजयोग कोर्स 02 दिवस ( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) “परमात्मा का परिचय कौन दे सकता है?…

Rajyoga Course 01 Day?

राजयोग कोर्स 01दिवस ? ( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं) “सहज राजयोग का पहला दिन | ब्रह्माकुमारी कोर्स…

Copyright © 2025 brahmakumarisbkomshanti | Ace News by Ascendoor | Powered by WordPress.