Satyuga – (07) – What to do to remain safe at the time of destruction

सतयुग-(07)-विनाश के समय निकट सफ रहने के लिए क्या करें

( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)

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विनाश का समय निकट! सेफ रहने के लिए क्या करें? – भाग 2 | Final Preparation for Destruction | BK Speech”


 समय की अंतिम घड़ी – चेतावनी या अवसर?

ओम् शांति।
दुनिया बदल रही है…
दिन-प्रतिदिन प्रकृति की हलचल तेज़ होती जा रही है।
कहीं भूकंप, कहीं बाढ़, कहीं तापमान असहनीय हो गया है।
और ये सब अचानक होता है!
अब सवाल है – क्या हम इसके लिए तैयार हैं?
इस भाग 2 में हम जानेंगे –
 “ऐसे समय में सेफ कैसे रहें?”
 “एवररेडी बनना क्यों ज़रूरी है?”


1. प्रकृति की चेतावनी – यह अब थमेगा नहीं, बढ़ेगा!

  • आपदाएं अब धीरे-धीरे नहीं, अचानक आएंगी।

  • यह हलचल अब कम नहीं होगी, बल्कि और तेज़ होगी।

  • अब कोई समय नहीं बचा – हमें आत्मिक रूप से तैयार रहना है।
    बाबा बार-बार कहते हैं –
    “अब समय को नहीं देखो, अपनी स्थिति को देखो।”


2. सेफ कौन रहेगा? – जिनके पास समाने और समेटने की शक्ति है

  • आपदा के समय दौड़ने से नहीं, स्थिरता से सुरक्षा मिलेगी।

  • जो आत्मा खुद को समेट सकती है,

  • हर परिस्थिति को एक संकल्प में समा सकती है,
     वही आत्मा सुरक्षित रहेगी।

सेफ्टी = समाने + समेटने की शक्ति


3. स्थिर बुद्धि = ब्रह्मा बाबा समान स्थिति

  • बुद्धि को जहाँ चाहो वहाँ लगा सको –
    यही सच्ची राजयोग शक्ति है।

  • “यह क्या हुआ?” “ऐसा क्यों हुआ?” –
    इसमें नहीं जाना है।

  • बस बाप और मैं – और कोई भी द्वंद्व नहीं।

 यही है – निर्विकल्प बुद्धि।


4. सेकंड में परिवर्तन – ब्रेक शक्ति का प्रयोग

  • उड़ती कला में जाने के लिए ब्रेक बहुत पावरफुल चाहिए।

  • परिस्थिति चाहे कैसी भी हो –
    नेगेटिव को सेकंड में पॉजिटिव में बदल दो।

  • यही शक्ति अंतिम समय में निर्णय करेगी –
    कि आप कहाँ जाएंगे और कैसे रहेंगे।


5. एवररेडी स्थिति = अंतिम सेफ्टी गारंटी

  • अंतिम घड़ी का कोई भरोसा नहीं है।

  • समय देगा या नहीं देगा – तय नहीं है।

  • लेकिन हमारी स्थिति एवररेडी होनी चाहिए।

कैसे बनें एवररेडी?
 सदा उपराम
 सदा निर्मोही
 सदा निर्विकल्प
 सदा निर-व्यर्थ


6. पुरानी दुनिया = परिवर्तन निश्चित है

  • यह दुनिया, चाहे कितनी भी आकर्षक लगे –
    पुरानी है – इसे बदलना ही है।

  • इसलिए इस दुनिया के मोह से मुक्त हो जाओ।

  • “पता नहीं कल रहेंगे या नहीं…”
    यह भी फिक्र नहीं।

बाबा कहते हैं –
“जो होगा, वह ब्रह्मण आत्मा के लिए अच्छा ही होगा।”


7. आपकी बादशाही – अडोल और अमिट

  • कोई भी आपकी आत्मिक स्थिति को हिला नहीं सकता।

  • कोई आपकी आत्मा की बादशाही छीन नहीं सकता।

  • यह नशा और निश्चय रखो कि –
    “मैं बाबा की संतान हूँ – मुझे कोई हिला नहीं सकता।”


प्रश्न 1: जब प्राकृतिक आपदाएं अचानक आती हैं तो आत्मा को कैसे सेफ रखा जाए?

उत्तर:जब भी कोई आपदा अचानक आती है, तो समाने और समेटने की शक्ति ज़रूरी होती है।
जिस आत्मा की बुद्धि स्थिर है और जो “बाप और मैं” की स्थिति में रहती है, वही सेफ रहती है।
“ये क्यों हुआ?”, “ऐसा नहीं होना चाहिए था”—ऐसी सोच से बचें।
जो बुद्धि जहाँ चाहो वहाँ लग सके, वही उड़ती कला में जा सकती है।


प्रश्न 2: संकट के समय मन और बुद्धि को कैसे कंट्रोल करें?

उत्तर: नेगेटिव को सेकंड में पॉजिटिव में बदलो।
जब परिस्थिति विपरीत हो, तो तुरंत ब्रेक लगाना सीखो
उड़ती कला में जाने के लिए पावरफुल ब्रेक ज़रूरी है।
संकल्पों में स्थिरता और पॉजिटिव परिवर्तन ही सेफ्टी की कुंजी है।


प्रश्न 3: अंतिम समय के लिए सबसे जरूरी स्थिति कौन सी है?

उत्तर:एवररेडी स्थिति—यही अंतिम समय की रक्षा कवच है।

  • अंतिम घड़ी का कोई भरोसा नहीं।

  • इसलिए निर्मोही, निर्विकल्प और निर-व्यर्थ बनो।
    जो आत्मा सदा उपराम है, वही समय पर पार हो सकती है।


प्रश्न 4: क्या हमें इस पुरानी दुनिया की चिंता करनी चाहिए?

उत्तर:नहीं।यह पुरानी दुनिया है, चाहे कोई कितना भी श्रेष्ठ हो—परिवर्तन तो निश्चित है।
आपका ध्यान इस पर नहीं, बल्कि अपनी आत्मिक स्थिति पर होना चाहिए।
“जो होगा, अच्छा ही होगा”—ब्रह्मण आत्माओं के लिए सब श्रेष्ठ है।


प्रश्न 5: सच्ची सेफ्टी क्या है?

उत्तर:एवररेडी बनना ही सच्ची सेफ्टी है।
अगर समय मिला तो पुरुषार्थ का अवसर मिलेगा,
लेकिन अगर नहीं मिला—तो…?
अभी से तैयार हो जाओ।
जो आत्मा अभी तैयार है, वही विनाश के समय सेफ रहेगी।


याद रखो:
अब निर्णय आपका है—समय से पहले तैयार होंगे या समय आकर तैयार करेगा?
 आज की तैयारी ही कल की सफलता है!

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