विनाश के समय के दृश्य(06)-विनाश के नगाड़े और श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है का आवाज बुलन्द होगा
( प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए हैं)
विनाश के नगाड़े और श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है का आवाज बुलन्द होगा“
एक तरफ विनाश की अति के नगाड़े होंगे दूसरी तरफ फर्स्ट प्रिन्स (श्रीकृष्ण) के जन्म का आवाज बुलन्द होगा, वह पत्ते पर नहीं आयेगा। दिखाते हैं जलमई के बाद पत्ते पर श्रीकृष्ण आया। तो तीन हिस्से जलमई में होने के कारण भारत जब परिस्तान बनता है तो उसे पत्ते के रूप में दिखाया है। ऐसे जलमई के बीच पहला पत्ता जो फर्स्ट आत्मा है उसके जन्म का चारों ओर आवाज़ प्रसिद्ध होगा कि फर्स्ट प्रिन्स प्रत्यक्ष हो चुका है, जन्म ले चुका है। यह जो दिखाते हैं कि सोने की द्वारिका पानी से निकल आई, इसका भी रहस्य है, तीन हिस्सा पानी में होगा इसलिए पानी के बीच सोनी द्वारिका दिखाई देगी। और उसी समय पर फर्स्ट आत्मा के जन्म की जयजयकार होगी। तो फर्स्ट प्रिन्स के जन्म का नज़ारा और पुरानी दुनिया के महाविनाश का नगाड़ा साथ-साथ दिखाई देगा।
एक तरफ महाविनाश के नगाड़े, दूसरी तरफ फर्स्ट प्रिन्स श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है का आवाज बुलन्द होगा प्रिय आत्माओं,जब विनाश की अति होगी, चारों ओर हलचल होगी—
✅ एक तरफ पुरानी दुनिया के अंत की घोषणा होगी!
✅ दूसरी तरफ पहली आत्मा, फर्स्ट प्रिन्स (श्रीकृष्ण) के जन्म की जयजयकार गूँजेगी!श्रीकृष्ण “पत्ते” पर क्यों दिखाया गया?
🚩 यह सिर्फ एक प्रतीक है!
✔ दिखाया जाता है कि जलमई के बाद श्रीकृष्ण पत्ते पर आया—इसका गूढ़ रहस्य क्या है?
✔ क्योंकि विनाश के बाद तीन हिस्सा धरती जलमई होगी, केवल एक हिस्सा सुरक्षित बचेगा!
✔ जब भारत परिस्तान (स्वर्ग) बनेगा, तो उसे पत्ते के रूप में दिखाया गया!
✔ इसलिए जल के बीच प्रथम आत्मा श्रीकृष्ण के जन्म का उद्घोष होगा!
सोने की द्वारिका पानी से निकल आई—इसका रहस्य?
✅ यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि सत्य घटना का संकेत है!
✅ जब तीन हिस्सा जलमई होगा, तब सत्ययुग की सोने की द्वारिका भारत में प्रकट होगी!
✅ जल के बीच ही सोने की नगरी की झलक दिखाई देगी!फर्स्ट प्रिन्स के जन्म का महान् दृश्य!
🔔 जब पुरानी दुनिया का विनाश होगा, उसी समय एक महान उद्घोष होगा—
✔ “फर्स्ट प्रिन्स प्रत्यक्ष हो चुका है!”
✔ “श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है!”
✔ “स्वर्णिम युग का द्वार खुल चुका है!”
📢 जिस समय पुरानी दुनिया समाप्त होगी, उसी समय नई दुनिया की पहली आत्मा श्रीकृष्ण का जन्म हो चुका है का आवाज बुलन्द होगा
अब हमें क्या करना है?
📌 विनाश का भय नहीं, बल्कि स्वर्णिम युग के स्वागत की तैयारी करें!
📌 अपने संकल्पों को इतना शक्तिशाली बनाएँ कि हम भी नई दुनिया के अधिकारी बनें!
📌 पुरानी दुनिया की समाप्ति और नई दुनिया की स्थापना का भाग्य हमारे हाथ में है!